एक्सप‌र्ट्स बता रहे हैं जुगाड़ के जरिए रेन वाटर रिचार्जिग का सस्ता व कारगर उपाय
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ALLAHABAD: घरों में बनाए जाने वाले वाटर हावेस्टिंग सिस्टम को महंगा बता कर लोग इसे अपनाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। इससे भू-जल स्तर तेजी से लुढ़क रहा है। यह स्थिति तब है जब सरकार खुद लोगों से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनाने की अपील कर रही है। हालांकि एक्सप‌र्ट्स कहते हैं कि वर्षा जल संग्रहीत करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भी सस्ता व आसान तरीका जुगाड़ से मौजूद है।

वाटर रिचार्जिग का आसान फार्मूला
छत द्वारा फिल्टर युक्त भूमिगत वाटर रिचार्ज सिस्टम जुगाड़ विधि से कम खर्चे में बनाया जा सकता है। इसके लिए फिल्टर में बालू, नारियल का रेसा, नॉयलान की जाली, महीन गिट्टी और रोरी का प्रयोग कर सकते हैं। इससे वर्षा का जल फिल्टर होकर पाइप के जरिए पहले से बनाए गए तीन फीट के गढ्डे में भर जाएगा। गड्ढे में भी पानी इसी तरह से फिल्टर होगा। इस जुगाड़ तकनीक से वर्षा का जल फिल्टर होकर इतना स्वच्छ हो जाएगा कि आप उससे प्यास भी बुझा सकते हैं। बसर्ते यह ध्यान रखें कि छत की नियमित सफाई करें और पहले वर्षा के जल को बनाए गए फिल्टर में न पहुंचने दें। एक्सपर्ट कहते हैं कि यह सिस्टम 250 वर्ग फीट की छत के लिए उपयुक्त है। इस विधि से प्रति वर्ष करीब 3500 लीटर से अधिक वर्षा का जल संचित किया जा सकता है। यही नहीं छतों पर रखी गई टंकी से ओवरफ्लो से होने वाले जल को भी बर्बाद होने से बचा कर इस विधि द्वारा वाटर रिचार्जिग की जा सकती है। इस पानी को संचित कर नहाने, बर्तन, कपड़े या गाडि़यां अथवा घर के फर्श आदि को धोने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग की चार विधियां

1- जमीन में खोद लें गड्ढा: इस गड्ढे में बारिश का पानी संचित करें। गड्ढे में भरा बारिश का पानी धीरे-धीरे छन कर पाताल में पहुंच जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग का यह आसान और सस्ता एवं उपयुक्त जुगाड़ है।

 

2-रिचार्ज ट्रेंच: यह विधि 200 से 300 वर्गमीटर वाली छत के लिए काफी कारगर है। इस विधि को ऐसे स्थानों में उपयोग में लाया जा सकता है, जहां कम गहराई में पानी उपलब्ध होता है।

 

3- कुंओं में पानी उतारना: इस विधि के तहत मकानों की छतों से पाइप के द्वारा बारिश के पानी को सीधे कुएं में उतारा जा सकता है। इससे भी भू-गर्भ जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

 

4- टैंक में जमा करना: बारिश के पानी को टैंक में जमा किया जा सकता है। इसका उपयोग दैनिक कार्यो में आसानी से किया जा सकता है।

 

जल संकट भारत ही नहीं, विश्व की गंभीर समस्या है। वर्षा जल संरक्षण को अपना कर ही गिरते भूजल स्तर को रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त जल प्रबंधन के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है।

प्रो। एआर सिद्दीकी

भूगोल विभाग, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

 

 

जब पानी का अधिक दोहन होता है तो जमीन के अंदर पानी का उत्प्लावन बल कम या समाप्त होने लगता है। इससे जमीन धंस जाती है। दरारें पड़ जाती हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए इस स्थिति को रोका जा सकता है।

मनोज श्रीवास्तव

संरक्षक, ग्लोबल ग्रीन