Inter state working
डीआईजी मोहित अग्रवाल फ्राइडे को बताया कि एसओजी ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो अन्तरराज्यी है। बिहार के रहने वाले चार लड़के पकड़े गए हैं। मास्टर माइंड जवाहर व अन्य भागे हुए हैं। डीआईजी ने आरोपी किचक जाति से बिलांग करते हैं। इनमें वीर कुमार उर्फ राजन, जसवंत यादव, राकेश उर्फ अजय और शिवम उर्फ अनिल हैं। चारों बिहार के कटियार जिले के रहने वाले हैं। जरायम की दुनिया में किचक जाति से जुड़े लोगों का काफी नाम हैं। वे लूट और टप्पेबाजी में एक्सपर्ट होते हैं और कोई भी अपराध बिना हथियार के करते हैं। इसीलिए उन पर किसी को भी शक नहीं होता. 
special working
लूट की घटना को अंजाम देना इनके लिए छोटी बात है। ये ग्रुप में चलते हैं। जॉब के नाम पर अपने गांव घर से निकले हैं और लूट व टप्पेबाजी करते हैं। देश का ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां इनके एरिया के रहने वाले जेल में बंद न हों। यूपी, बिहार के अलावा कनार्टक और पंजाब के जेल में भी इनके साथी बंद हैं। इलाहाबाद में भी करीब छह-सात युवक आए थे।  उन्होंने फाफामऊ में रूम भी वहीं लिया जहां पर लड़के रहते हैं। जब भी कोई लूट की प्लानिंग होती तो सभी एकजुट हो जाते थे। दो-दो लड़कों के ग्रुप में निकलते थे। बैंक के पास किसी को लूटना है तो दो व्यक्ति बैंक में एंट्री करते और क्वैरी के नाम पर डिफरेंट काउंटर्स पर वॉच करते थे कि कौन ज्यादा पैसा निकाल रहा है। उसके साथ कौन-कौन है। रेकी के बाद उनका एक साथी हाथ से इशारा करके दूसरे साथी को जानकारी देता था। फिर आगे बाइक पर बैठे साथी मौके की तलाश में लग जाते। जैसे ही टारगेट बैंक से रुपए लेकर निकलता, उसे अपना शिकार बनाकर गायब हो जाते. 

बनारस में हैं सेटिंग
एसओजी को बदमाशों के पास से दो बाइक बरामद हुई है। पुलिस ने जब गहन चेकिंग की तो पता चला कि बनारस में कोई एक ऐसा व्यक्ति है जो इनकी मदद करता है। बनारस से ही इनको बाइक मिली थी जिसका पेपर फर्जी है। यही नहीं वह व्यक्ति गैंग के सभी मेम्बर्स का ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी कार्ड भी बनवाता है। फर्जी डॉक्युमेंट की मदद से वे सिम कार्ड भी खरीदते हैं. 

बैंक से कर रहे थे रेकी
सिविल लाइंस की लूट की घटना में जयवंत और वीर बैंक के अंदर रेकी करने पहुंचे थे। उन्होंने अंदर से जवाहर को इसकी जानकारी दी। जवाहर अपने साथियों के साथ लग गया और मौका मिलते ही महिन्द्रा फाइनेंस चौराहे पर छह लाख 59 हजार रुपए रुपए लूट कर भाग निकले। इस ऑपरेशन में एसओजी प्रभारी मनोज रघुवंशी, आईजी सर्विलांस प्रभारी अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, कांस्टेबल राजेश सिंह, अभिषेक, धनंजय, प्रमोद, बाल गोबिंद और सिविल लाइंस चौकी प्रभारी शैलेष राय आदि लोग शामिल रहे. 

पांच घटनाओं का खुलासा
पुलिस का दावा है कि पकड़े गए बदमाशों ने सिविल लाइंस की लूट की घटना को अंजाम दिया लेकिन माल लेकर जवाहर अपने साथियों के साथ भाग निकला। लूट के माल में से सिर्फ 70000 ही इनके पास मिला। इसी तरह कीडगंज में बदमाशों ने एक फौजी को  लूटा था जिसमें करीब एक लाख रुपए बरामद हुआ। झूंसी की एक लूट से 20-20 हजार रुपए और कर्नलगंज और जार्जटाउन की लूट का माल बरामद हुआ है। पुलिस को कुल चार लाख 34 हजार रुपए मिले हैं. 

34 मोबाइल भी मिले
प्रेस कांफ्रेंस में डीआईजी मोहित  अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल रिकवरी सेल ने चोरी की 34 मोबाइल बरामद किया है। प्रेस कांफ्रेंस में सबको बुलाकर मोबाइल बांट दिया गया. 

Inter state working

डीआईजी मोहित अग्रवाल फ्राइडे को बताया कि एसओजी ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो अन्तरराज्यी है। बिहार के रहने वाले चार लड़के पकड़े गए हैं। मास्टर माइंड जवाहर व अन्य भागे हुए हैं। डीआईजी ने आरोपी किचक जाति से बिलांग करते हैं। इनमें वीर कुमार उर्फ राजन, जसवंत यादव, राकेश उर्फ अजय और शिवम उर्फ अनिल हैं। चारों बिहार के कटियार जिले के रहने वाले हैं। जरायम की दुनिया में किचक जाति से जुड़े लोगों का काफी नाम हैं। वे लूट और टप्पेबाजी में एक्सपर्ट होते हैं और कोई भी अपराध बिना हथियार के करते हैं। इसीलिए उन पर किसी को भी शक नहीं होता. 

special working

लूट की घटना को अंजाम देना इनके लिए छोटी बात है। ये ग्रुप में चलते हैं। जॉब के नाम पर अपने गांव घर से निकले हैं और लूट व टप्पेबाजी करते हैं। देश का ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां इनके एरिया के रहने वाले जेल में बंद न हों। यूपी, बिहार के अलावा कनार्टक और पंजाब के जेल में भी इनके साथी बंद हैं। इलाहाबाद में भी करीब छह-सात युवक आए थे।  उन्होंने फाफामऊ में रूम भी वहीं लिया जहां पर लड़के रहते हैं। जब भी कोई लूट की प्लानिंग होती तो सभी एकजुट हो जाते थे। दो-दो लड़कों के ग्रुप में निकलते थे। बैंक के पास किसी को लूटना है तो दो व्यक्ति बैंक में एंट्री करते और क्वैरी के नाम पर डिफरेंट काउंटर्स पर वॉच करते थे कि कौन ज्यादा पैसा निकाल रहा है। उसके साथ कौन-कौन है। रेकी के बाद उनका एक साथी हाथ से इशारा करके दूसरे साथी को जानकारी देता था। फिर आगे बाइक पर बैठे साथी मौके की तलाश में लग जाते। जैसे ही टारगेट बैंक से रुपए लेकर निकलता, उसे अपना शिकार बनाकर गायब हो जाते. 

बनारस में हैं सेटिंग

एसओजी को बदमाशों के पास से दो बाइक बरामद हुई है। पुलिस ने जब गहन चेकिंग की तो पता चला कि बनारस में कोई एक ऐसा व्यक्ति है जो इनकी मदद करता है। बनारस से ही इनको बाइक मिली थी जिसका पेपर फर्जी है। यही नहीं वह व्यक्ति गैंग के सभी मेम्बर्स का ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी कार्ड भी बनवाता है। फर्जी डॉक्युमेंट की मदद से वे सिम कार्ड भी खरीदते हैं. 

बैंक से कर रहे थे रेकी

सिविल लाइंस की लूट की घटना में जयवंत और वीर बैंक के अंदर रेकी करने पहुंचे थे। उन्होंने अंदर से जवाहर को इसकी जानकारी दी। जवाहर अपने साथियों के साथ लग गया और मौका मिलते ही महिन्द्रा फाइनेंस चौराहे पर छह लाख 59 हजार रुपए रुपए लूट कर भाग निकले। इस ऑपरेशन में एसओजी प्रभारी मनोज रघुवंशी, आईजी सर्विलांस प्रभारी अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, कांस्टेबल राजेश सिंह, अभिषेक, धनंजय, प्रमोद, बाल गोबिंद और सिविल लाइंस चौकी प्रभारी शैलेष राय आदि लोग शामिल रहे।

पांच घटनाओं का खुलासा

पुलिस का दावा है कि पकड़े गए बदमाशों ने सिविल लाइंस की लूट की घटना को अंजाम दिया लेकिन माल लेकर जवाहर अपने साथियों के साथ भाग निकला। लूट के माल में से सिर्फ 70000 ही इनके पास मिला। इसी तरह कीडगंज में बदमाशों ने एक फौजी को  लूटा था जिसमें करीब एक लाख रुपए बरामद हुआ। झूंसी की एक लूट से 20-20 हजार रुपए और कर्नलगंज और जार्जटाउन की लूट का माल बरामद हुआ है। पुलिस को कुल चार लाख 34 हजार रुपए मिले हैं. 

34 मोबाइल भी मिले

प्रेस कांफ्रेंस में डीआईजी मोहित  अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल रिकवरी सेल ने चोरी की 34 मोबाइल बरामद किया है। प्रेस कांफ्रेंस में सबको बुलाकर मोबाइल बांट दिया गया.