प्रयागराज ब्यूरो । चंदन की खुशबू से प्रदेश महकेगा। इसकी रुपरेखा तैयार कर ली गई है। युवाओं को चंदन की खेती से जोडऩे की कवायद शुरू कर दी गई है। अप्रैल से अगले मार्च तक इस दिशा में ठोस काम किया जाएगा। ताकि पूरे प्रदेश में चंदन की खेती को प्रमोट किया जा सके। इसके लिए प्रयागराज को मॉडल बनाया जाएगा। प्रतापगढ़ में इसका प्रयोग सफल हो चुका है। इस कार्यक्रम से युवाओं को जोडऩे का टारगेट रखा गया है। यह काम आईसीएफआरई करेगा।


युवाओं को जोडऩे की है तैयारी
युवा यदि वृक्ष आधारित आजीविका विकास कार्यक्रम से जुड़ जाएं तो एक साथ दो काम होंगे। पहला युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे दूसरा प्रदेश में वन उपज में वृद्धि होगी। इसी मकसद से आईसीएफआरई ने वृक्ष आधारित आजीविका विकास कार्यक्रम के आयोजन की रुपरेखा बनाई है। इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को जोडऩे का प्रयास आने वाले वर्ष में किया जाएगा। जिसे लेकर शुक्रवार को आईसीएफआरई में वृक्ष उत्पादक मेला का आयोजन किया गया है। जिसमें देशभर से आने वाले विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। चंदन आधारित खेती से युवाओं को जोड़ा जाएगा।

क्या है मनी ट्री
पारिस्थितिक पुर्नस्थापन केंद्र यानि आईसीएफआरई के केंद्र प्रमुख डा.संजय सिंह ने बताया कि आज की जरुरत मनी ट्री हैं। मनी ट्री यानि ऐसे पेड़ जिनसे पैसे भी कमाए जा सकते हैं और पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है। डा.संजय ने बताया कि मीलिया, अगर, महोगनी, पापुलर और चंदन को मनी ट्री कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसमें चंदन को प्रमुख रूप से प्रमोट करने की योजना है। इन पेड़ों के बिजनेस से जुड़कर युवा आने फ्यूचर को स्ट्रांग कर सकते हैं।

तरु मित्र पुरस्कार से होंगे सम्मानित
कार्यक्रम में प्रयागराज के धनंजय सिंह, केपी मिश्रा, अरविंद सिंह, केपी पांडेय एवं प्रतापगढ़ के उत्कृष्ट पांडेय को तरु मित्र सम्मान से पुरस्कृत किया जाएगा। उत्कृष्ट पांडेय ने प्रतापगढ़ में चंदन को प्रमोट किया है। इसके साथ ही आईसीएफआरई सेंटर में शुक्रवार को वृक्ष उत्पादक मेला का आयोजन किया गया है। जिसमें सीमैप लखनऊ, मार्शलोना प्रतापगढ़, पवंस जैविक उर्वरक एवं खाद यूनिट, शुआट्स, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, स्टेट विश्वविद्यालय, अन्नपूर्णा एग्रोटेक बेगूसराय, न्यूट्रसिटिकल रिच आर्गेनिक इंडिया द्वारा स्टाल लगाया जाएगा। इस दौरान चंदन के बारे में उत्कृष्ट पांडेय और बेगूसराय बिहार के अमित सिंह मनी ट्री के फायदे बताएंगे। इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिक डा.कुमुद दुबे मीलिया, आलोक यादव अगर, डा.अनुभा श्रीवास्तव महोगनी, डा.अनिता तोमर पापुलर के बारे में जानकारी देगीं।