प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पुलिस की स्टोरी के अनुसार आज जेल भेजा गया युवक मृतक छात्रा के साथ इश्क फरमा रहा था। दोनों के रिलेशन काफी क्लोज थे। बताया जाता है कि इस रिलेशनशिप को लेकर युवती सीरियस थी और शादी का प्रेशर बना रही थी। इसी के चलते युवक ने अपने मौसेरे भाई के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुंचाया। इस मामले में अब तक जेल भेजे जा चुके लोगों की संख्या 11 तक पहुंच चुकी है। इसमें कौन असली गुनाहगार है? इस पर पुलिस सवालों के घेरे में है। सवाल उठ रहे हैं लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं है। इससे यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि यदि आज की कहानी सही है तो पहली दो कहानियों में बेवजह जेल भेजे गये लोगों का क्या होगा?

चार की हत्या में 14 लोग दागदार
गैंगरेप और दफा 302 यानी हत्या का मुकदमा एक। मारे गए लोगों की संख्या चार और खून के दाग 14 लोगों पर हैं। इन चंद पंक्तियों में चार के कत्ल की पुलिस द्वारा गढ़ी गई कुल तीन कहानी समाहित है। यह कहानी किसी फिल्म की नहीं है, बल्कि फाफामऊ के गोहरी मोहनगंज फुलवरिया में दलित परिवार की हत्या से जुड़ी हकीकत है। पुलिस पड़ताल और मौका-ए-वारदात एवं खुलासे से जुड़ी यह सच्चाई हैरान करने वाली है। गुनाह और गुनहगारों पर दबाव बनाने का दंभ भरने वाली पुलिस यहां खुद प्रेशर में नजर आई। राजनीतिक दबाव बढ़ते देख पुलिस में केस के खुलासे की तड़प गढ़ गई। बस, यही तड़प इस मर्डर केस में तीन कहानियों की जन्मदाता बन गई। खैर, इस कहानी से जुड़े कुछ पात्रों पर एक लेखक यह पंक्ति सटीक बैठती है 'तारीख की नजरों में वह दौर हमने देखे हैं, सदियों ने खता की लम्हों ने सजा पाई.Ó

कहानी नंबर एक
चार लोगों के खून की होली फाफामऊ के गोहरी मोहनगंज फुलवरिया गांव में 21/22 की रात खेली गई। खून के रंग 25 नवंबर को दिखाई दिए। गांव में पूरे परिवार की हत्या से सनसनी तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। परिवार के कत्ल की खबर सुन तमाम आलाधिकारी मौका -ए-वारदात पर पहुंचे। चुनावी सीजन में दलित परिवार के कत्ल से राजनीतिज्ञों के पेट में मरोड़ पैदा हो गई। जिंदा रहते उनकी तंगी कभी न देखने वाले लोकल के राजनीतिज्ञ भी आंसू बहाने लगे। सियासी तूफान तेज हुआ तो ठंड के मौसम में पुलिस को पसीने आने लगे। मृतक फूलचंद के भाई की तहरीर पर मामले में आनन फानन में 11 लोगों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप जैसी गंभीर धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें से आठ लोग तत्काल गिरफ्तार कर लिए। दो को मुंबई से टीम भेजकर लाया गया। इस मर्डर केस की यह कहानी किसी के गले से नहीं उतरते देख पुलिस पुलिस ने स्टोरी चेंज करने का फैसला लिया।

स्टोरी नंबर दो
पुलिस ने दूसरा खुलासा किया तो पवन सरोज नामक युवक को सामने लेकर आयी। वह थरवई थाना क्षेत्र के कोरसंड का रहने वाला है। चार लोगों के कत्ल का ठीकरा पुलिस इसी के सिर मढ़ कर फाइल क्लोज करने का तानाबाना बुन डाली। इसी लीक पर पुलिस आगे बढ़ी और 28 नवंबर की दोपहर पवन मीडिया के सामने लाया गया। पुलिस द्वारा गढ़ी गई कत्ल की कहानी में उसे कातिल करार दिया गया। महकमे के मुखिया एडीजी प्रेम प्रकाश ने खुद इस खुलासे को लीड किया था। बताए गए थे कि पवन ने मारी गई युवती के वाट्सएप पर आई लव यू लिखा था। जिसके जवाब में युवती आई हेट यू लिखी थी। यह मैसेज कत्ल के ठीक बाद की डेट में किया था। कहा गया था कि पवन की शर्ट पर ब्लड के धब्बे भी मिले हैं। हालांकि उसकी यह शर्ट मीडिया से दूर रखा गया था। पुलिस इसी वाट्सएप चैट और शर्ट को आधार बनाते हुए चार लोगों के कत्ल और रेप का ठीकरा पवन के सिर ही फोड़ दी। इस खुलासे से कई ज्वलंत सवाल उठे और परिवार की बातें सामने आईं तो खुलासे पर ही प्रश्न चिन्ह लग गए। खुलासे से किरकिरी हुई तो पुलिस तफ्तीश को आगे बढ़ा दी और तीसरी कहानी के पात्र रजनीश और शशि के रूप में तीन तारीख को पकड़ लाई।

स्टोरी नबर तीन
दो कहानी से हुई फजीहत के बाद पुलिस ने सोमवार को एक नए चैप्टर को मर्ज किया। चार लोगों की सनसनीखेज हत्या में शशि पटेल पुत्र राजनाथ पटेल निवासी सरायभोगी शिवगढ़ थाना सोरांव व मौसेरे भाई रजनीश पुत्र महरानीदीन पटेल निवासी लेहरा थाना फाफामऊ को धीरे से पुलिस जेल भेज दी। चार की हत्या में इन दोनों को जेल भेजने के पीछे बताई गई तीसरी कहानी में इस बार थोड़ा चेंज है। कहानी में पुलिस का दावा है कि शशि के वाट्सएप चैटिंग में प्रेम सम्बंधी कुछ आपत्तिजनक फोटो मिली है। वह कुछ दिन पूर्व बहुत सारे चैट को डिलीट कर दिया था। इसमें उसके मौसेरे भाई रजनीश का सहयोग है। शशि के मोबाइल में घटना के बाद से पुलिस की कार्रवाई का हर बिन्दु अंकित है। दावा है कि वाट्सएप चैट, मोबाइल से बात, गवाहों के बयान व परिस्थिति जन्य साक्ष्य से घटना में दोनों की संलिप्तता मिलती है।

तीसरी स्टोरी में भी हैं कई सवाल
शशि अपने मोबाइल से युवती को मैसेज करता रहा होगा। चैट को डिलीट करने का सच किस हद तक प्रभावी है
दोनों को जेल भेजने वाली पुलिस का तर्क है कि मोबाइल में आपत्तिजनक फोटो मिली है। यह फोटोग्राफ किसके साथ है और कब क्लिक करवायी गयी है
चैट डिलीट करने व आपत्तिजनक फोटो अपलोड करने में शशि के मौसी के बेटे रजनीश का रोल क्या है
गांव के बगल या क्षेत्र में हुई घटना की डिटले पर कार्रवाई की गयी है। क्या मोबाइल रखना गुनाह है
मोबाइल से बात, गवाहों के बयान और परिस्थितिजन्य साक्ष्य बताने के लिए पुलिस मीडिया के सामने क्यों नहीं आयी