प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एक आईटीआई किया तो दूसरा बीए पास है। पढ़ाई के बाद दोनों दिल्ली की एक मोबाइल कंपनी में जॉब पा गए। वहां रहकर दोनों रातों-रात करोड़पति बनने का ख्वाब देखने लगे। इस सपने को पूरा करने वाले लिए वह शातिराना दिमाग लगाए। दोनों प्रयागराज में एक गैंग तैयार किए। यहां गैंग लोगों के मोबाइल चुराने का काम करता है। चोरी के इस मोबाइल दोनों लेकर दिल्ली में बेचा करते थे। इनमें पकड़े गए सरगना का नाम पीयूष पांडेय, तो दूसरे का नाम मनीष पांडेय है। यही वह दोनों शख्स हैं जिन्हें पुलिस के द्वारा पकड़ा गया है। चंगुल में आने के बाद दोनों जो गुनाह कबूल किए उससे खुद भी हिल गई है। क्योंकि चोरी के इस मोबाइल का प्रयोग साइबर फ्राड और अन्य आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा यूज किए जाने की प्रबल संभावना है। पुलिस का दावा है कि इन दोनों के पास से बरामद मोबाइल की संख्या करीब 43 के करीब है। जिसकी अनुमानित कीमत 15 लाख है। इस पूरे मामले का खुलासा बुधवार को डीसीपी गंगानगर के द्वारा किया गया।

डीसीपी गंगानगर ने किया खुलासा
गिरफ्तार किया गया सरगना पीयूष पांडेय हंडिया थाना क्षेत्र के अंदावा रसूलपुर कटका का रहने वाला है। बताते हैं कि शातिर पीयूष सहसों स्थित एक आईटीआई की पढ़ाई किया है। पढ़ाई पूरी होने के बाद वे दिल्ल चला गया। वहां डिग्री के दम पर एक मोबाइल कंपनी में उसे जॉब मिल करने लगा। इस बीच वह छुट्टियों में ही घर आया जाया करता था। घर आने जाने के दौरान उसकी मुलाकात गांव के ही मनीष पांडेय से हुई। यह क्रम करीब दो साल तक चला। अचानक पीयूष दोस्त बने मनीष को भी दिल्ली ले गए। वहां पर मनीष भी मोबाइल कंपनी में सिम सिम एक्टीवेशन का काम करने लगा। इस बीच दोनों को रातों-रात करोड़ पति बनने की तलब बढ़ गई। दोनों वहां से छुट्टी लेकर घर वापस आए हुए थे। पुलिस के मुताबिक मंगलवार की शाम दोनों एक थैला हाथ में लेकर बाजार की तरफ जा रहे थे। रास्ते में हंडिया पुलिस द्वारा चेकिंग देखकर वे कतराने लगे। पुलिस को शक हुआ और जवान रोकर दोनों की तलाश शुरू किए।

झोले में रखा था हैंडसेट
छानबीन में थैले के अंदर पुलिस को 43 मोबाइल मिले। इतनी बड़ी संख्या में बरामद मोबाइल को देखकर पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए। इसके बाद सूचना अफसरों को दी गई और कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान दोनों शातिर जिस बात का खुलासा किए वह बेहद चौंकाने वाले रहे। बताए कि बरामद मोबाइल चोरी के हैं। इसे लेकर दोनों दिल्ली जाने की तैयारी में थे। वहां पर ऐसे मोबाइल तीन से चार हजार में आसानी से बिक जाते हैं। पूछने पर दोनों ने कहा कि दिल्ली में मौजूद इस मोबाइल के खरीदार इसका क्या और कैसे यूज करते हैं? इस बात की जानकारी उन्हें नहीं हैं.्र हालांकि मामले कुछ पुलिस के जवानों का दबी जुबान मानना है कि इस बात की तफ्तीश अभी जारी है। माना जा रहा है कि दिल्ली में ऐसे मोबाइल की खरीदारी करने वाले लोग इसे साइबर ठग और अन्य अपराधियों के हाथ अच्छे रेट पर बेचते होंगे। इस बात की पुष्टि के लिए अब अधिकारी दिल्ली पुलिस से भी मदद लेंगे।

बेहद शातिर है सरगना पीयूष
पुलिस के हत्थे चढ़ा सरगना पीयूष पांडेय बेहद शातिर किस्म का क्रिमिनल है। वह दिल्ली में दो बाजार जेल जा चुका है। वहां पर उसके खिलाफ एक मुकदमा चेन और मोबाइल छिनैती का भी है। इसके अतिरिक्त इनके विरुद्ध हंडिया थाने में भी तीन केस पूर्व से दर्ज हैं।

इस मामले से जुड़े अभी कई अन्य तथ्यों का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा। दिल्ली में चोरी के मोबाइल की खरीद करने वाले तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
अभिषेक भारती, डीसीपी गंगानगर