- 07 दर्जन लोगों के खिलाफ बिजली चोरी करने पर हुई कार्रवाई

- 07डिवीजन में दर्ज हुआ बाईपास बिजली चोरी का मुकदमा

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- दो दर्जन से अधिक प्रीपेड मीटरों की हुई गोपनीय जांच

- चोरी पकड़े जाने पर जुर्माना के बाद चेंज हुआ मीटर

- कोविड 19 का फायदा उठाकर कर रहे चोरी

PRAYAGRAJ: कोरोना काल में बिजली विभाग को चूना लगाकर बाईपास बिजली चोरी करने वाले सात डिवीजन में सात दर्जन से अधिक लोगों को महंगा पड़ गया है। इसके साथ पांच दर्जन से अधिक लोगों से जुर्माना वसूला गया है। यही नहीं दो दर्जन से अधिक घरों के कनेक्शन काटा गया है। विभाग का कहना है कि एफआईआर दर्ज लोगों को प्रोविजनल नोटिस भेजा गया है। अगर 15 दिनों के अंदर आकर पैसा जमा कराकर सेटलमेंट नहीं करते हैं। इनके खिलाफ फाइनल रिपोर्ट भेजी जायेगी।

कोरोना ने फंसा दिया

विभाग के अफसरों की माने तो पकड़े गए सभी लोगों का एक ही जवाब था कि अप्रैल माह से बाईपास कर बिजली चोरी कर रहे थे। इन लोगों को कॉन्फिडेंट था कि कोरोना वायरस के चलते कोई घरों के अंदर एंट्री नहीं करेगा। अनलॉक होने के बाद जब मीटर रीडर घर-घर जाकर बिल निकालने लगे तो मीटर चेक करने पर लोड बहुत कम बता रहा था। विभाग के अधिकारियों ने पहले घरों को चिन्हित कर निशाना बनाया। उसके बाद अचानक छापेमारी कर चेकिंग की गई। उसी दौरान पाया गया कि मीटर से पहले बाईपास कर बिजली चोरी हो रही है।

जुलाई माह में की गई कार्रवाई

डिवीजन - एफआईआर - जुर्माना वसूला

रामबाग - 12 - 05

नैनी - 04 - 07

करेलाबाग - 02 - 15

कल्याणी देवी - 27 - 11

म्योहाल - 02 - 05

टैगोर टाउन - 21 - 13

बमरौली - 15 - 04

यूज पर डिपेंड है जुर्माना

- एक किलो वाट तक की चोरी पर 65 हजार रुपये

- दो किलो वाट तक की चोरी पर 90 हजार रुपये

- घर में एसी जैसे उपकरण यूज होने पर 1 लाख 45 हजार रुपये

यह है कार्रवाई का प्रोसेस

- पकड़े जाने पर घर में होने वाले खपत का सर्वे कर बनाया जाता जुर्माना शुल्क

- अगर कटिया से जल रहा था बिजली तो देना होगा प्रूफ

- प्रूफ साबित होने पर कम हो सकता है जुर्माना शुल्क

- तीन दिन के अंदर जुर्माना शुल्क जमा कर खत्म कराया जा सकता है एफआईआर

- अगर ऐसा नहीं करता है तो विभाग पहले प्रोविजनल नोटिस भेजेगी

- प्रोविजनल नोटिस के दौरान नहीं जमा करने पर फिर 15 दिन बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी जाती है।

- पहले कोर्ट द्वारा सेक्शन-3 के तहत जुर्माना जमा करने का नोटिस जाएगा

- उसके बाद भी नहीं जमा होता है तो सेक्शन-5 के तहत संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जाती है।

मीटर द्वारा लोड चेक करके पता चल जाता है आखिर इस घर में गड़बड़ी है। फिर विभाग अपने सूत्रों से भी जानकारी हासिल करता है। ऐसे कई घर निशाने पर है। कार्रवाई के लिए टीमें भी बनी हुई है। कोविड का बहाना करके लोग घरों के अंदर घुसने नहीं देते है।

आलोक सिंह यादव, कानपुर रोड उपकेंद्र एसडीओ