प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर के कई इलाकों में गंदे पेयजल आपूर्ति से जुड़ी शिकायतें हर रोज जलकल विभाग के पास पहुंच रही हैं। शिकायतों पर गौर करें तो कहीं गंदा पानी तो कहीं कीड़े व दुर्गन्धयुक्त होने की शिकायतें हैं। पिछले दिनों करेली इलाके में ऐसे ही दूषित जलापूर्ति से दर्जन भर लोग डायरिया की जद में आ गए थे। डॉक्टर्स ने दूषित पानी को ही इसका कारण बताया था। दूषित हवा और पानी दोनों ही स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। आज हम कैंपेन में दूषित पानी पर ही बात करेंगे।

1200 हैंडपम्प सिटी में हैं पब्लिक प्लेस पर
300 नलों से पब्लिक प्लेस पर होती है सिटी में सप्लाई
47 ओवर हेड टैंक हैं शहर क्षेत्र में
170 किमी। का दायरा कवर करती है वाटर सप्लाई की लाइन

क्यों उत्पन्न होती है समस्या
पिछले महीने व दिनों पर गौर करें तो शहर के कई इलाकों से दूषित जलापूर्ति से लोग परेशान हो गए थे। शिवकुटी, अलोपीबाग, दारागंज, अल्लापुर रामानंद नगर, बेली गांव, इंद्रपुरी कॉलोनी, कीडगंज, कैंट राजापुर, करेलाबाग, घांटाघर, मोहत्सिमगंज, करेली, अतरसुइया, पानदरीबा, राजापुर उचवागढ़ी व गंगापुरी मोहल्लों से ज्यादा शिकायतें आयीं। इन मोहल्लों में कई लोग डायरिया जैसी बीमारी की चपेट में आ गए थे। कंट्रोल रूम से जुड़े सूत्रों की मानें तो मौजूदा समय में दूषित जलापूर्ति यानी गंदा पानी, पानी में कीड़े व बदबू आने जैसी ज्यादा शिकायतें नैनी, झूंसी और करेली इलाके से सम्बंधित हैं। दबी जुबान जलकल से जुड़े लोग बताते हैं कि यह समस्या ज्यादातर लीकेज के चलते उत्पन्न होती है। वाटर सप्लाई पाइप नाला और नालियों से होकर कई मोहल्लों में बिछाई गई है।

हॉस्पिटल में लगती है कतार
जलकलविभाग का दावा है कि पूरे शहर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इसके बाद भी शहर के विभिन्न एरियाज से पीलिया डायरिया, टाइफाइड, पित्त की थैली में पथरी, डिसेंट्री, हेयर प्रॉब्लम, स्किन एलर्जी व कैंसर व दांतों से सम्बंधित बीमारियां बढऩा संकेत दे रही है कि कुछ तो गड़बड़ है ही। डॉक्टर ज्यादातर समस्या का कारण दूषित पानी को ही बताते हैं। हॉस्पिटल बेली हो या फिर काल्विन अथवां एसआरएन ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों की कतार कभी भी देखी जा सकती है।

ऐसे घर में प्योर बनाइए पेयजल
पानी सप्लाई का आ रहा है तो उसे उबाल कर ठंडा कर लें, फिर बारीक सफेद कपड़े से छान लें।
इसे फ्रिज या मिट्टी के घड़े में रखकर प्रयोग में लाएं।
पानी तांबे के बर्तन में रखकर पीने के लिए इस्तेमाल करें तो सेहत के लिए अच्छा है।

व्यवस्था संख्या
बड़े नलकूप 342
मिनी नलकूप 322
कुल नलकूप 664
चौराहों पर छोटी टंकी 21
कुल कनेक्शन 214732
पानी की खपत 402 एमएलडी प्रतिदिन

देखिए पानी और हवा यह दो चीजें ऐसी हैं जिनके दूषित होने पर सेहत के दुष्प्रभाव पड़ता है। जहां तक सवार दूषित पानी से बीमारी का है तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। निश्चित रूप से इधर कुछ महीने से मरीजों की संख्या बढ़ी है।
डॉ। बीके मिश्रा
फिजीशियन

पानी में दिक्कत से कई तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। डायरिया और डिहाईड्रेशन जैसी बीमारी कॉमन है। पानी की खराब क्वालिटी के सेवन से आंत में पथरी, अपच और गैस जैसी बीमारियों भी संभावना बढ़ जाती है।
डॉ। राजीव सिंह
नारायण स्वरूप हॉस्पिटल धूमनगंज

दांत शरीर का काफी सेंसिटिव पार्ट है। पानी में यदि गड़बड़ी है तो दांत बहुत तेजी से खराब होते हैं। यदि पानी सही नहीं है तो दांत में सडऩ व पीला होने जैसी दिक्कत होती है। ऐसे केस बढ़े हैं।
डॉ। कृष्ण सिंह
दंत रोष विशेषज्ञ अशोकनगर

पेयजल जलापूर्ति की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जहां से भी शिकायतें प्राप्त होंती है पूरा प्रयास रहता है कि समस्या को शीर्ष दुरुस्त कराया जाय। चारों तरफ निर्माण से सम्बंधित कार्य चल रहे हैं। इसलिए शिकायतें इन दिनों अधिक आ रही हैं।
शिवम मिश्रा
अधिशाषी अभियंता जलकल