ब्लड डोनेशन के हैं कई फायदे, शहर में हुआ महादानियों का सम्मान

ALLAHABAD: रक्तदान महादान है। इसके कई फायदे हैं। इसी संकल्प के साथ मंगलवार को ब्लड डोनर्स डे के मौके पर शहर में जगह-जगह स्वैच्छिक किया गया। इस दौरान रक्तदाताओं का सम्मान किया गया। इस मौके पर डॉक्टरों ने रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों पर चर्चा भी की।

ये महादानी बने नजीर

सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले चंदन गुप्ता बताते हैं कि अब तक वह 12 बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार उन्होंने 2006 में रक्तदान किया था और अब तक यह सिलसिला जारी है। इसी तरह दरभंगा कालोनी निवासी बिजनेसमैन वीरेंद्र सक्सेना अब तक 51 बार रक्तदान का चुके हैं। उनकी उम्र 46 साल हो चुकी है और अब वह कहते हैं कि इस नेक काम के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। इसी तरह नेहरू युवा केंद्र के राम अवध कुशवाहा 19 बार, एसआरएन हॉस्पिटल ब्लड बैंक के काउंसलर विनोद तिवारी 20 बार, एडवोकेट देवेंद्र विक्रम सिंह दस बार, सत्य साई आश्रम के अखिलेश्वर सिंह चालीस बार और स्टूडेंट सौरभ सिंह बारह बार रक्तदान कर चुके हैं।

नंदी और सीएमओ ने दिया ब्लड

मंगलवार को इंक्लाबी ब्लड डोनर्स एसोसिएशन एवं नंदी सेवा संगठन की तरफ से कॉल्विन हॉस्पिटल में रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि विधायक हाजी परवेज अहमद और विशिष्ट अतिथि नंदगोपाल गुप्ता नंदी व सिविल डिफेंस के अनिल कुमार रहे। सीएमओ डॉ। आलोक वर्मा और नंदी ने रक्तदान कर शिविर का शुभारंभ किया।

ये हैं रक्तदान के फायदे

ब्लड डोनेट कर एक शख्स दूसरे की जान बचा सकता है।

ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है

ब्लड डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है

नियमित ब्लड डोनेशन से कैंसर व अन्य बीमारियों का घटता है खतरा क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदाथरें को बाहर निकालता है।

ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है

इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स के साथ तंदुरुस्ती भी मिलती है

फैक्ट फाइल

देश में हर साल 250 सीसी की 4 करोड़ यूनिट ब्लड की पड़ती है जरूरत

मांग के सापेक्ष सिर्फ 5 लाख यूनिट ब्लड ही हो पाता है मुहैया

हमारे शरीर में कुल वजन का सात फीसदी हिस्सा खून होता है

जितना ब्लड डोनेट किया जाता है वह वह 21 दिन में फिर बन जाता है ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है