प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ये बादल धोखेबाज हैं, बरसेंगे नहीं। आसमान में छाए बादलों को देखकर लग सकता है कि न जाने कब पानी बरस जाए तो अभी हाल फिलहाल ऐसा होने वाला नहीं है। ये बात दीगर है कि धोखेबाज बदलों ने शनिवार को पारा गिरा दिया। सूरज को निकलने का मौका ही नहीं दिया। और ऐसे ही अगर बादल बने रह गए तो भले ही सूरज की तपिश से राहत मिल जाए मगर उमस अपना डेरा डाल देगी। और इसी उमस के साथ चिपचिपाहट वाली गर्मी आ जाएगी। खैर, मौजूदा हाल में मौसम की उठा पटक से मौसम विज्ञानी भी कुछ स्पष्ट आकलन नहीं कर पा रहे हैं। शनिवार को अधिकतम तापमान 41.4 और न्यूनतम तापमान 30.8 रहा।

पुरवइया ने डाला डेरा
नौतपा आज खत्म हो जाएगा और इसी के साथ पछुआ का जोर खत्म हो चुका है। अब पुरवइया ने डेरा डाल दिया है। जिसका असर है कि सूरज की तपिश से पुरवइया के साथ आने वाली नमी धोखेबाज बादल में तब्दील हो जा रही है। जिसका असर शुक्रवार से देखने को मिल रहा है। अगर सूरज की तपिश भी कम हो जाए तो पुरवइया हवाएं बहुत राहत का सबब बन सकती हैं, मगर हाल फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा है। धोखेबाज बादल दो दिन से आसमान में डेरा डाले हैं। जिसका असर है कि सूरज को पूरी तरह से अपनी तपिश दिखाने का मौका नहीं मिल रहा है। वहीं, पछुआ का जोर खत्म होने से लू का असर लगभग समाप्त हो गया है।

कौन जीतेगा, पुरवइया या सूरज
अब रविवार से लड़ाई पुरवइया और सूरज के बीच होगी। पिछले दो दिन से पछुआ की वजह से खत्म हुई पुरवइया की नमी बादलों में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में दो दिन आसमान में बादल छाए रहे। अब देखना है कि रविवार से कैसे हालात बनते हैं। मौसम विज्ञानी डा.शैलेंद्र राय का अनुमान है कि अब पुरवइया हवा का जोर चलेगा। जोकि आने वाले समय में मानसून का कारण बनेगा। हालांकि अभी धोखेबाज बादलों के छंटने पर सूरज एक बार फिर अपनी तपिश दिखा सकता है, जिससे पुरवइया की नमी चिपचिपी गर्मी में तब्दील हो सकती है।

ये बादल बरसने वाले नहीं हैं। पुरवइया का असर आ चुका है। ऐसे में अगर सूरज की तपिश बरकरार रहती है तो चिपचिपी गर्मी से लोगों को परेशान होना पड़ सकता है।
प्रो.शैलेंद्र राय, मौसम विज्ञानी