- ढाई माह में छह लोगों की हो चुकी है दीवार व बारजा गिरने से मौत, फिर भी अधिकारी मौन
- नगर निगम की टीम जर्जर मकान व बिल्डिंग का रही थी सर्वे, आधे-अधूरे पर पड़ गया ठंडा
प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शनिवार को शाहगंज में एक पुराने मकान की दीवार गिरने से मलबे में दब जाने से मजदूर की मौत हो गई। वहीं दो दिन पहले लक्ष्मण मार्केट के पास बारजा गिरने से एक गाय और एक बछिया को मौत हो गई थी। इन हादसों के बाद एक बार फिर नगर निगम सक्रियता दिखाते हुए जर्जर भवनों के मालिकों को नोटिस देने की प्रकिया शुरू कर देगा। इसके पहले यह सिलसिला सितंबर में शुरू किया गया था। जब हटिया पुलिस चौकी के पास ठाकुरद्वार धर्मशाला के जर्जर मकान का बारजा गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। शहर में जर्जर भवनों की लंबी फेहरिस्त है। हालांकि नगर निगम के रिकॉर्ड में महज 160 जर्जर भवन हैं। इसमें से 110 लोगों को नोटिस भेजा गया है। नोटिस भेजने के बाद इन भवनों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। निगम की लापरवाही का खामियाजा आम नागरिकों व श्रमिकों को अपनी जान गंवा कर भुगतना पड़ता है।

यहां है सबसे ज्यादा जर्जर मकान व बिल्डिंग
पुराने शहर में सबसे अधिक जर्जर भवन है। रानीमंडी, चौक, शाहगंज,मु_ीगंज, कीडगंज, दारागंज, सलोरी, कटरा, खुल्दाबाद,मीरापुर, कल्याणीदेवी सहित शहर के अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों जर्जर मकान हैं। कई जर्जर मकानों में दुकानें भी चल रही हैं, जहां पर प्रतिदिन सैकंडों लोगों की आवाजाही लगी रहती है। नगर निगम प्रशासन ऐसे जर्जर मकानों को गिराने अथवा कार्रवाई करने में बेबस नजर रहा है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि उक्त मकानों के प्रकरण या तो कोर्ट में विचाराधीन है या फिर मकान मालिक और किरायेदार के बीच विवाद चल रहा है।

सरकारी कार्यालय तक है जर्जर
शहर में एक दर्जन से अधिक सरकारी कार्यालय जर्जर भवनों में अभी भी संचालित हो रहे हैं। जहां की स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है। जो नगर निगम के रिकॉर्ड अनुसार पुराना भवन जर्जर हो चुका है। इसमें अपर नगर आयुक्त, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, पार्षद कक्ष आदि शामिल है। इसके अलावा जिला आपूर्ति अधिकारी, खाद्य एवं रसद विभाग का कार्यालय भी जर्जर भवन में संचालित हो रहा है। कार्यालय खुलने के दौरान अक्सर कर्मचारियों में दहशत रहती है।
नोटिस के बाद भी अगर कोई मकान मालिक संज्ञान नहीं लेता है तो उसे साठ
दिन बाद दोबारा नोटिस भेजी जाती है। इसके बाद लास्ट वार्निंग नोटिस दी जाती है। बावजूद मकान को रिपेयर या गिराया नहीं गया तो उस पर ध्वस्तीकरण कार्रवाई का मामला बनता है।

टीम अपना काम लगातार कर रही है। जर्जर भवनों की सूची तैयार करके नोटिस जारी किया जा रहा है। निर्धारित समय पर भवन स्वामी मकान नहीं गिराएंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सतीश कुमार, चीफ इंजीनियर नगर निगम