285

वाहन हफ्तेभर में मिले नो पार्किंग जोन में

125

गाडि़यों पर रैट्रो रेफलेक्टिव टैप न होने पर कार्रवाई

50246

वाहनों का एक हफ्ते में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर हुआ चालान

413100

शमन शुल्क ट्रैफिक पुलिस द्वारा कराया गया जमा

3553

बाइक सवारों ने हेलमेट न होने पर किया गया चालान

54500

रुपए नो हेलमेट पर जमा कराया गया शमन शुल्क

-सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान चेकिंग में सामने आए बहानों की कोडिंग करेगा विभाग

PRAYAGRAJ: मोबाइल, पर्स, एटीएम कार्ड और सड़क यहां तक की गंतव्य स्थान तक इन्हें याद रहते हैं। बस भूल जाते हैं तो केवल हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, गाड़ी के कागज या फिर ट्रैफिक के सभी नियम तो चालान से तो बचाते ही हैं, एक्सीडेंट में हिफाजत भी करते हैं। अब इसे चालकों की लापरवाही कही जाय, आदत या बहानेबाजी यह खुद विभाग भी नहीं समझ पा रहा। दरअसल सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत की जाने वाली चेकिंग के दौरान यह बातें ट्रैफिक पुलिस के सामने आई हैं। फिलहाल, विभाग अब चालकों की इन हरकतों का तोड़ निकालने में जुट गया है।

बहाने से निपटने की हो रही तैयारी

चेकिंग के दौरान सामने आई इन बातों को विभाग सूचीबद्ध करने में जुटा है। सूची तैयार होने के बाद संभव है कि इस तरह के बहाने बताने वालों के खिलाफ कार्रवाई के कुछ रास्ते निकाले जाएं। फिलहाल चलाए गए सड़क सुरक्षा अभियान के तहत हुई कार्रवाई का डाटा विभाग ने तैयार कर लिया है। इस पर गौर करें तो एक हफ्ते के भीतर नो पार्किंग जोन में खड़े 285 वाहनों पर कार्रवाई की गई। रोशनी पड़ने पर चमकने वाले रैट्रो रिफलेक्टिव टैप न लगे होने पर 125 पर जुर्माना ठोंका गया।

सबसे ज्यादा ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के केस

सबसे ज्यादा चालान ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर किया गया। इस धारा के तहत 50246 गाडि़यों पर कार्रवाई की गई। इस बीच सरकारी खजाने में 413100 रुपए का शमन शुल्क भी जमा करवाया गया। पिछले माह 22 से 28 जून तक चलाए गए इस सड़क सुरक्षा सप्ताह में 3553 बाइक सवार बगैर हेलमेट के पकड़े गए। नो-हेलमेट पर चालान करते हुए 54500 रुपयों का शमन शुल्क भी राजस्व के रूप में वसूल किया गया। अफसर कहते हैं कि चेकिंग के दौरान चालकों द्वारा ट्रैफिक रूल्स तोड़ने की तमाम वजहें बताई गई। इनमें ज्यादातर चालक जल्दबादी में ध्यान से उतर जाने की बात कही।

बड़े काम का है रैट्रो रेफलेक्टिव टैप

-रात के वक्त सफर करते समय रैट्रो रेफलेक्टिव टैप बड़े काम का है

-अफसर बताते हैं कि अक्सर गाड़ी के चालकों को झपकी आ जाती है

-ऐसे में आगे जा रहे वाहन स्पष्ट रूप से नजर नहीं आते और हादसा हो जाता है

-गाड़ी पर रैट्रो रेफलेक्टिव टैप लगे होने पर रोशनी पड़ते ही वह चमकने लगता है

-इसकी चमक सीधे चालक की आंख पर रिएक्ट करता है गाड़ी होने का पता देता है

-इससे नींद में ड्राइव कर रहा चालक सतर्क हो जाता है और हादसे बच जाते हैं

अभियान के तहत की जाने वाली चेकिंग में जवानों के सामने चालकों द्वारा बनाए जाने वाले तमाम तरह के बहाने सामने आए हैं। चालकों के इस बहानेबाजी की कोडिंग करवाई जाएगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि ऐसे बहानेबाज चालकों से कैसे निपटा जाय। इतना तय मानिए कि रूल्स तोड़ने वाले लोग बख्शे नहीं जाएंगे।

-अखिलेश भदौरिया, एसपी ट्रैफिक