प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ये ऑल इंडिया नेटवर्क है। इस नेटवर्क का एक ग्रुप नैनी से साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। रोजाना दस बीस लाख रुपये की ठगी इस ग्रुप के लिए बाएं हाथ का खेल था। ऑन लाइन गेम एप के जरिए साइबर ठगी का नेटवर्क चलाने वाले ग्रुप के 12 मेंबरों को पकड़ा गया है। इस ग्रुप ने पंद्रह दिन में दो करोड़ 53 लाख रुपये का हिसाब अपनी डायरी में दर्ज किया है। नैनी के अलावा बिहार के गोपालगंज में भी एक ग्रुप पकड़ा गया है। जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े कई जिलों में चल रहे साइबर ठगी के गु्रप को पकड़े जाने की उम्मीद है।

छत्तीसगढ़ से आया सरगना
नैनी में पकड़े गु्रप का सरगना विजय निषाद छत्तीसगढ़ के थाना गुण्डरदेही बालोद के मनोरा गांव का रहने वाला है। विजय निषाद आन लाइन गेमिंग एप का मास्टर है। विजय करीब तीन महीना पहले नैनी आया। यहां पर इसने अपना नेटवर्क बनाया। इसके बाद अपने ग्रुप के साथ गेमिंग एप के जरिए साइबर ठगी शुरू की।

नैनी से चल रही थी साइबर ठगी
नैनी में महेवा पूरब पट्टी के एक मकान में साइबर ठगों ने अपना पूरा सिस्टम लगा रखा था। इस ग्रुप के सरगना विजय निषाद ने अपने ग्रुप में 11 लोगों को जोड़ा। जिसमें सूरज चौरसिया प्रतापगढ़, पीयूष यादव गाजीपुर, घनश्याम बिलासपुर, हिमांशु यादव गाजीपुर, मनीष निषाद छत्तीसगढ़, अजीम फरीद गाजीपुर, शादाब गाजीपुर, प्रवीण शर्मा बिलासपुर, राहुल कामले बिलासपुर, समीर भदोही और आशुतोष यादव गाजीपुर का रहने वाला है।

ऐसे करते हैं साइबर ठगी
साइबर ठगों का ये ग्रुप ऑन लाइन गेम खेलने वालों के साथ फ्रॉड करते थे। साइबर ठग गेम का एक्सिस अपने हाथ में रखते थे। शुरुआत में ऑन लाइन गेम खेलने वाले को जिता देते थे। इसके बाद उसके एकांउट में कुछ रकम भेज देते थे। जब गेम खेलने वाले को रकम मिल जाती थी तो उसे विश्वास हो जाता था कि गेमिंग एप में कोई गड़बड़ी नहीं है। इसके बाद साइबर ठग गेमिंग का एक्सिस अपने हाथ में रखते हुए सामने वाले को हरा देते थे। इसके बाद उसकी हारी हुई रकम अपने परिचितों के एकाउंट में जमा करवा लेते थे।

पुलिस ने ग्रुप को पकड़ा
नैनी पुलिस और एसओजी ने मकान में छापा मारा तो वहां पर ग्रुप के मेंबर लैपटॉप पर ऑन लाइन गेम खेल रहे थे। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। मौके से पुलिस ने 42 मोबाइल, 52 सिम, पांच लैपटॉप बरामद किया है। मोबाइल के जरिए ग्रुप मेंबर गेम खेलने वाले सम्पर्क में आते थे। पता चला कि साइबर ठग तीन वेबसाइट लेजर, 99 एक्सचेंज और 11 एक्स प्ले के जरिए क्रिकेट, फुटबाल, हाकी, लूडो, बाक्सिंग, चेस, कार रेस गेम एप चलाते थे।

दो करोड़ 53 लाख का खेल
ग्रुप के पकड़े जाने के बाद पुलिस को एक डायरी भी मिली है। जिसमें इस ग्रुप के जरिए हुए दो करोड़ 53 लाख की ठगी का हिसाब किताब लिखा हुआ है। यानि इतनी रकम इस ग्रुप ने साइबर ठगी से प्राप्त की है।

लोन के नाम पर भी ठगी
सरगना विजय निषाद ने पुलिस को बताया कि उसका ग्रुप लोन दिलाने के नाम पर भी ऑन लाइन ठगी करता था। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लोन दिलाने का एप अपलोड करके ग्रुप मेंबर लोगों को अपने झांसे में ले लेते थे। इसके बाद दो से पांच हजार रुपये प्रासेस शुल्क लेकर सामने वाले का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देते थे।


-42 मोबाइल मिले
-52 सिमकार्ड मिले
-05 लैपटाप बरामद
-09 रजिस्टर बरामद
-2.53 करोड़ रुपये का लेखा-जोखा मिला


गोपालगंज में पकड़ा गया ग्रुप
सरगना विजय निषाद से पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। विजय ने बताया कि गोपालगंज का शिवम भी इसी तरह का ग्रुप चलाता है। इस पर डीसीपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने बिहार में गोपालगंज के एसपी को सूचना दी। गोपालगंज एसपी के निर्देश पर वहां की पुलिस ने भी छापामारी करके एक ग्रुप को पकड़ा है। उस ग्रुप में भी सरगना शिवम समेत 24 लोग पकड़े गए हैं। उनके पास से पुलिस ने 84 मोबाइल फोन, 12 लैपटॉप बरामद किया है।

नैनी से साइबर ठगी का एक ग्रुप पकड़ा गया है। ये ग्रुप ऑन लाइन गेम एप के जरिए लोगों के साथ ठगी करता था। इस ग्रुप से कई जानकारी मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
श्रद्धा नरेंद्र पांडेय, डीसीपी यमुनानगर