प्रयागराज ब्यूरो । ये मोहब्बत है। सिर चढ़कर बोलेगी। पुलिस से बोलेगी, थाने में बोलेगी, मां-बाप से बोलेगी। भरे समाज में बोलेगी। ये मोहब्बत है, जहां जरुरत है वहां बोलेगी। मोहब्बत का फलसफा होता ही कुछ ऐसा है कि जब सिर पर चढ़ती है तो फिर आरपार करती है, न कुछ सोचती है न समझती है। बस मोहब्बत की इस रोमांचक कहानी में लड़का लड़की के बजाए दोनों लड़की हैं। जिनके बीच चली मोहब्बत की कहानी घर, परिवार से होते थाने तक पहुंच गई। दोनों की मोहब्बत की कहानी सुनकर पुलिस के भी कान खड़े हो गए। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने समझाबुझाकर लड़की को उसके घर भेजा।
दो साल पहले शुरू हुई मोहब्बत
शिवकुटी थाना क्षेत्र के रसूलाबाद की रहने वाली है पारुल (नाम काल्पनिक)। पारुल की सहेली सौम्या (नाम काल्पनिक) शांतिपुरम में रहती थी। पारुल और सौम्या साथ पढ़ते थे। सौम्या के पड़ोस में आफरीन (नाम काल्पनिक) रहती है। सौम्या आफरीन के मोबाइल से पारुल से बात करती थी। कभी कभार पारुल सौम्या के घर जाती थी। इस दौरान पारुल की मुलाकात आफरीन से होती थी। मुलाकातों के दौरान न जाने कब पारुल का दिल आफरीन पर आ गया। आफरीन इस बात से बेखबर थी। पारुल अब सौम्या के बजाए आफरीन से ज्यादा बात करती। आफरीन को पारुल का बात करना अच्छा लगता। दोनों के बीच मोबाइल पर घंटों बात होने लगी।
बंदिश का नहीं हुआ असर
पारुल और आफरीन के बीच घंटों बात होने लगी तो यह बात पारुल के घरवालों को नागवार गुजरी। कुछ दिन तक चुप्पी साधने के बाद पारुल की मां ने उसे फटकार लगाना शुरू कर दिया। जिस का असर रहा कि पिछले साल पारुल इंटर की परीक्षा में फेल हो गई। धीरे धीरे यह बात घरवालों को पता चल गई कि पारुल आफरीन से प्यार करती है। इस बात पर पारुल की दादी को गहरा झटका लगा। दादी ने बहुत विरोध किया मगर पारुल के सिर पर मोहब्बत का भूत सवार हो चुका था। परीक्षा में फेल होने की वजह से पारुल का घर से निकलना बंद हो चुका था। और घर वाले मोबाइल भी नहीं छूने देते।

मोहब्बत के लिए शुरू की नौकरी
पारुल ने एक साइबर कैफे में काम करना शुरू कर दिया। वह घर से निकलने लगी। पारुल के पिता की तबियत खराब रहती है, ऐसे में जब उसने नौकरी की बात घर में की तो मजबूरी में घरवालों ने उसे नौकरी करने दिया। पारुल सुबह काम पर जाती, दोपहर में छुट्टी मिलने पर वह शांतिपुरम में आफरीन के घर जाती। दोनों साथ खाना खाते, करीब दो घंटा साथ रहते, इसके बाद पारुल वापस काम पर लौट आती। रात में घर पहुंचती। जब उसने कमाना शुरू कर दिया तो फिर घर वालों पर रौब भी गांठा।
वीडियो कालिंग पर खिलाती खाना
पारुल के सिर पर मोहब्बत का नशा पूरी तरह से सवार हो चुका था। रात में वह घर लौटती तो आफरीन को वीडियो कॉल करती। पारुल अपने घर में खाने की थाली लेकर बैठती और आफरीन अपने घर में। धीरे धीरे घरवालों की बंदिशों का कोई असर नहीं रह गया। नतीजा ये हुआ कि अक्सर पारुल आफरीन के घर रुकने लगी। घरवालों का कहना है कि पारुल की इन हरकतों को उसकी दादी बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी मौत हो गई। उधर, आफरीन के पिता की तबियत खराब हुई तो पारुल आफरीन के साथ अस्पताल में रुकने लगी। घर पर रुकना हो ही रहा था। अचानक आफरीन के पिता की मौत हो गई।
शादी तय होने पर मचा बवाल
करीब पंद्रह दिन पहले आफरीन की शादी तय हो गई। जब इसकी जानकारी पारुल को हुई तो उसने आपा खो दिया। पारुल आफरीन की शादी को बर्दाश्त नहीं कर पाई। वह अपने घर में आफरीन के साथ रहने के लिए अड़ गई। उधर, आफरीन पर भी पारुल शादी नहीं करने के लिए दबाव बनाने लगी। पिता की मौत के बाद आफरीन और उसकी मां से भाइयों ने किनारा कर लिया। किसी तरह से आफरीन की शादी उसकी मां ने तय की। मगर पारुल के बवाल ने दोनों परिवार को परेशान कर दिया।
शिवकुटी थाने पहुंचा मामला
शुक्रवार की शाम को पारुल ने अपने घर में जमकर झगड़ा किया। इसके बाद वह घर छोड़कर आफरीन के घर चली गई। घरवाले पारुल की हरकत से तंग आ चुके थे। आखिरकार पारुल की मां ने रात में शिवकुटी थाने में शिकायत की। जिस पर शिवकुटी पुलिस ने पारुल को फोन किया। उसे थाने बुलाया। शनिवार सुबह साढ़े सात बजे पारुल आफरीन और उसकी मां के साथ शिवकुटी थाने पहुंच गई। शिवकुटी थाने में पारुल के मम्मी पापा भी पहुंचे।

थाने में चली घंटों पंचायत
सुबह से लेकर दोपहर तक थाने में पंचायत चलती रही। आफरीन ने पारुल को बहुत समझाया कि वह उससे फोन पर बात करेगी। उसे अपने पास मिलने के लिए बुलाएगी। वह उससे मिलने आएगी, मगर पारुल को यह सब मंजूर नहीं था। वह किसी भी सूरत में आफरीन को छोडऩे के लिए तैयार नहीं थी। पारुल ने थाने में लिखकर दे दिया कि वह अपने परिवार से रिश्ता खत्म कर रही है, मगर एक वक्त आया जब आफरीन ने उससे पल्ला झाड़ लिया। थानेदार संजय गुप्ता ने पारुल को बहुत समझाया। इसके बाद मामला ठंडा पड़ा। पुलिस के समझाने के बाद पारुल को उसके घर वाले अपने साथ ले गए।

थाने में दो लड़कियों का मामला आया था। दोनों पक्ष को समझाया गया। बहुत देर बाद लड़की को बात समझ आई। उसे उसके घरवालों के साथ भेज दिया गया है।
संजय गुप्ता, थाना प्रभारी शिवकुटी