प्रयागराज ब्यूरो । कहावत है चोर चोरी से जाए मगर हेराफेरी से न जाए। इस कहावत ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। पेपर कराने के लिए सारी कवायद के बाद भी लोक सेवा आयोग एक बार फिर समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी पेपर लीक प्रकरण को लेकर विवादों के घेरे में आ गया है। पेपर लीक होने के बाद से आयोग की शुचिता पर सवाल खड़ा हो गया है। ये पहला मौका नहीं है जब आयोग की परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठा है। कई बार ऐसा हो चुका है जब परीक्षाओं को लेकर आयोग अपनी प्रतिष्ठा बचा नहीं पाया है। हाल फिलहाल, आयोग छात्रों के निशाने पर है। ऐसा क्यों हो रहा है, इसका जवाब बाहर आना बेहद जरुरी है। जबकि आयोग पर जिम्मेदारी है कि उसकी सारी परीक्षाएं निष्पक्ष, शुचितापूर्ण ढंग से हों।

प्रकरण एक-
2015 में पीसीएस का पेपर लीक हुआ
ये प्रकरण 2015 का है। पीसीएस 2015 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक हो गया। छात्रों को बहुत संघर्ष करना पड़ा। कई दिनों तक छात्रों ने आयोग गेट पर अपना विरोध जताया। उस दौरान आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव हुआ करते थे। छात्रों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद तात्कालीन अखिलेश यादव सरकार और आयोग ने पेपर लीक प्रकरण की जिम्मेदारी ली। इसके बाद प्रारंभिक परीक्षा की द्वितीय पाली की परीक्षा निरस्त की गई। इस पेपर को दोबारा कराया गया।

प्रकरण दो-
समीक्षा अधिकारी 2016 का पेपर लीक
2016 में समीक्षा अधिकारी पद के लिए आयोजित परीक्षा में दोनों पालियों का पेपर आउट हो गया। व्हाट्स एप और सोशल मीडिया पर लीक पेपर वायरल हो गया। इस पर छात्रों ने विरोध जताना शुरू किया। जिस पर परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। चार साल बाद इस परीक्षा को 2020 में कराया गया।

2017 में लीक हुआ मेंस का पेपर
ये प्रकरण 2017 का है। पीसीएस मेंस मुख्य परीक्षा का पेपर लीक हो गया। जिस पर जमकर बवाल हुआ। छात्रों ने जमकर विरोध किया। आखिरकार आयोग को इस परीक्षा का पेपर दोबारा कराना पड़ा।


आयोग के सामने जुटे छात्र
फिलहाल अभी मामला समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी पेपर लीक प्रकरण चर्चा में है। पिछले रविवार को परीक्षा के दौरान दोपहर में ही पेपर के जवाब वायरल हो गए। परीक्षार्थियों को लगा कि दूसरी पाली का पेपर निरस्त कर दिया जाएगा, मगर आयोग ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। जिसका नतीजा रहा कि सोमवार से छात्र इस परीक्षा को निरस्त करने की मांग करने लगे। इसी मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों छात्र लोक सेवा आयोग गेट पर पहुंच गए। सैकड़ों छात्रों के पहुंचने से जाम की स्थिति हो गई। जिस पर सिविल लाइंस पुलिस ने मोर्चा संभाला। छात्रों की मांग है कि इस पेपर को निरस्त कर दिया जाए। नए सिरे से दोबारा परीक्षा कराई जाए।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का आरोप है कि पेपर आउट होने से आयोग की छवि पर धब्बा लगा है। पेपर लीक मामले में आरोपितों पर रासुका लगाया जाए।

समिति और एसटीएफ कर रही जांच
आरओ, एआरओ के पेपर लीक प्रकरण को लेकर आयोग ने आंतरिक समिति को जांच सौंपी है। वहीं एसटीएफ को भी जांच के लिए लगाया गया है। इसके बाद भी छात्र पेपर को निरस्त कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।


प्रतियोगी छात्र दिन रात मेहनत करके परीक्षा की तैयारी करते हैं। बाद में पता चलता है कि पेपर आउट हो गया। ऐसे में पढऩे लिखने वाले छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। आयोग को परीक्षा प्रणाली को और चुस्त दुरस्त करना होगा। आयोग को ये परीक्षा रद करके इसे दोबारा करना चाहिए।
कौशल सिंह, अध्यक्ष भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा


ये छात्रों के साथ धोखा है। पढऩे लिखने वाले छात्र अपना सेलेक्शन परीक्षा देकर पाना चाहते हैं। मगर चंद लोगों ने परीक्षा प्रणाली को मजाक बना रखा है। आरओ, एआरओ परीक्षा को दोबारा कराया जाना चाहिए। ताकि छात्रों के साथ न्याय हो सके।
अभिषेक श्रीवास्तव, प्रतियोगी छात्र


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर छात्र भरोसा करते हैं। इसी भरोसे के दम पर छात्र रात दिन एक करके आयोग की परीक्षा में शामिल होते हैं। मगर आयोग अपनी शुचिता को बरकरार नहीं रख पा रहा है। आयोग को पेपर लीक प्रकरण की जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दिलवानी चाहिए। परीक्षा दोबारा करवानी चाहिए।
मधु चौधरी, प्रतियोगी छात्र


कोट
लोक सेवा आयोग छात्रों के बीच अपना भरोसा खो रहा है। कई साल तैयारी के बाद छात्रों को परीक्षा देने का मौका मिलता है। ऐसे में पेपर लीक होने से छात्रों का मनोबल टूटता है। तमाम छात्र परीक्षा छोड़ देते हैं। उनका भविष्य चौपट हो जाता है। आयोग को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इस पेपर को दोबारा कराना चाहिए।
अनिल सिंह, अध्यक्ष युवा मंच

कोट
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अपनी प्रतिष्ठा के लिए पूरे देश में जाना जाता है। मगर कई वर्षों से आयोग अपनी प्रतिष्ठा बचा नहीं पा रहा है। ये छात्रों के साथ धोखा है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है। आयोग को पेपर लीक प्रकरण में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस पेपर को दोबारा कराना चाहिए।
राजेश सचान, संयोजक युवा मंच