प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस की टीमें सिर्फ छापेमारी तक ही सीमित नहीं हैं। फुटेज का भी बारीकी से अध्य्यन किया जा रहा है। यह हत्यारों के मददगारों तक पहुंचने की कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। इसी से चर्चा में आयी है एक महिला जो घटनाक्रम का वीडियो बनाती हुई प्रतीत होती है। पुलिस अब इस महिला के बारे में पता लगाने में जुटी है। पुलिस के सामने यह पता लगाना चैलेंज है कि वह वीडियो शौकिया बना रही थी या फिर किसी को दिखाने के लिए उसने ऐसा किया है। किसी को दिखाने के लिए वीडियो बनाया है तो वह सख्श कौन हो सकता है?

एक कार आगे बढ़ी, दूसरी रुक गयी

घटना के बाद सामने आये सीसीटीवी फुटेज की स्कैनिंग से शक जताया जा रहा है कि घटना में बाइकों के अलावा दो कार का इस्तेमाल किया गया होगा। एक गाड़ी सफेद रंग की है जिससे शूटर उतरते हैं। एक के हाथ में पिस्टल होता और दूसरे के हाथ में राइफल। इसके ठीक पीछे एक काले कलर की कार आकर रुकती है। इसमें भी दो नौजवान एक पुरुष एक महिला दिखायी देती है। दोनो दूसरे वाहन की ओट लेकर आपस में बात करते हैं और फिर काली कार के पास आते हैं। युवती मोबाइल को दोनों हाथ से पकड़कर हत्याकांड के दृश्य को कैद करती प्रतीत होती है। उसके चेहरे पर डर भय भी नहीं दिखायी देता। इसी से उसकी भूमिका संदिग्ध हो जाती है।

बंदीरक्षक कर रहे अली की निगरानी

सेंट्रल जेल नैनी में बंद माफिया अतीक के बेटे अली अहमद की निगरानी बढ़ा दी गई है। अब उसकी सुरक्षा में तैनात बंदीरक्षकों को बाडी वार्न कैमरे से लैस किया गया है। इस कैमरे की मदद से जेल प्रशासन अली अहमद की हर गतिविधि पर नजर रखेगा। प्रापर्टी डीलर पर हमला और एक करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में अली अहमद ने कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद उसे 30 जुलाई 2022 को उसे जेल भेजा गया था। अतीक के बेटे को अलग बैरक में रखा गया है। पहले उसके बैरक के पास सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। अब उसके बैरक के पास तैनात बंदीरक्षकों को बाडी वार्न कैमरा उपलब्ध करवाया गया है।

अतीक के बेटे अली की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए जेल सुरक्षाकर्मियों को बाडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराया गया है, जो ड्यूटी के दौरान उनकी शर्ट पर लगा रहेगा।

शशिकांत सिंह, वरिष्ठ अधीक्षक, नैनी सेंट्रल जेल