प्रयागराज ब्यूरो । हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स को लेकर उप्र सरकार की सख्ती से व्यापारियों के माथे पर बल पडऩे लगा है। अधिकतर व्यापारियों को तो ऐसे प्रोडक्ट्स की अधिक जानकारी भी नहीं है। वह दूसरे उत्पादों की तरह इनकी बिक्री कर रहे हैं। लेकिन, अचानक शासन और प्रशासन की तल्खी से उनके होश उड़ गए हैं। वह कहते हैं कि इन प्रोडक्ट्स को प्रतिष्ठान से हटाने के लिए दिया गया 15 दिन का समय काफी कम है। इस कम समय में बाजार में फंसे करोड़ों रुपए के प्रोडक्ट का वारा न्यारा करना आसान नही होगा।
बाजार में फंसा है करोड़ों का माल
वर्तमान में बाजार में करोड़ों की लागत का हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट फंसा हआ है। इस प्रोडक्ट की बिक्री के खिलाफ है उप्र सरकार। इसको लेकर पिछले सप्ताह खाद्य सुरक्षा विभाग ने अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई भी की थी। व्यापारियों की मांग पर विभाग ने 15 दिन का समय दिया है। इस दौरान व्यापारियों को इस प्रोडक्ट को प्रतिष्ठान से हटा लेना होगा। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि यह संभव नही है। इसके लिए कम से कम 31 मार्च तक का समय मिलना चाहिए।
व्यापारियों ने जताई अनभिज्ञता
इस मामले में जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने व्यापारियों से बात की तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताई। उनका कहना था कि कौन सी संस्था यह सर्टिफिकेट देती है यह भी उन्हे नही पता है और उनको यह भी नही पता कि किन उत्पादों में हलाल सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। पहले प्रशासन को उनको इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। इसके बाद कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि व्यापारियों का भी पता चल सके वह किस तरह से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
नूडल उत्पाद को मिला था तीन माह का समय
व्यापारियों का कहना है कि नूडल के एक उत्पाद को लेकर हुई कार्रवाई में सरकार ने तीन माह का समय दिया था। फिर हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट में केवल 15 दिन का समय क्यों। व्यापारियों ने जिन कंपनियों से माल खरीदा है वह भी इसे लेने से कतरा रही हैं। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय भी लग सकता है। बता दें कि मुस्लिम समुदाय में हलाल को तरजीह दी जाती है। यही कारण है कि बाजार में फूड, मेडिसिन और जनरल मर्चेंट के कई प्रोडक्ट पर हलाल सर्टिफिकेट लगा हुआ होता है। किन्ही कारणों से प्रदेश सरकार यूपी में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स को प्रतिबंधित कर रही है।

व्यापारी परेशान हैं। उनके पास करोड़ों की लागत का हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट मौजूद है। इसे कंपनी को वापस भेजने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया जाना चाहिए। 15 दिन में ऐसे प्रोडक्ट को हटा पाना आसान नही होगा। इसकी मांग हमने हाल ही में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है।
महेंद्र गोयल, अध्यक्ष, कैट

हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी व्यापारियों को नही है। जब इसको लेकर अभियान चला तो हमने इधर उधर से जानकारी एकत्र की। व्यापारियों को यह भी ठीक से नही पता कि ऐसे प्रोडक्ट को कौन सी संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेट देती है और इसका उददेश्य क्या है।
धीरज कुमार, किराना व्यापारी

प्रोटीन पाउडर और बॉडी बिल्डिंग से जुड़े फूड प्रोडक्ट भी हलाल सर्टिफाइड आ रहे हैं। मेरा मानना है कि सरकार अपनी मंशा के अनुसार कार्रवाई कर रही है लेकिन व्यापारियो ंको भी इस बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
अनिल दुबे, दवा व्यापारी

अभी सरकार की ओर से अगली गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल कुछ कहना आसान नही है।
ममता चौधरी, सहायक आयुक्त द्वितीय, खाद्य सुरक्षा विभाग प्रयागराज