प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यह कार्यशाला फायर ब्रिगेड विभाग द्वारा सिविल लाइंस के एक प्रतिष्ठित होटल में आयोजित किया गया। कार्यशाला में कई होटलों व रेस्टोरेंट एवं अन्य बड़े प्रतिष्ठानों के संचालक और व्यापारी मौजूद रहे। बतौर अतिथि मण्डलायुक्त ने आग की बढ़ती घटनाओं और उससे होने वाले नुकसान को समझाते हुए बचाव के जतन करने पर अपील किया। वहीं डीएम ने भी कहा कि प्रतिष्ठानों में एंटी फायर उपकरणों का प्रबंध जरूर करें। मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ। आरके पांडेय ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने व्यापारियों से कहा कि वह छोटी-छोटी बातों को नजरंदाज करके बड़े नुकसान का कारण पैदा कर लेते हैं। बताया कि किस तरह से कुछ उपकरणों का प्रबंधक करके आग लगने पर प्रतिष्ठानों में बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। प्रतिष्ठान की बिल्डिंग का निर्माण कराते वक्त ही आग लगने पर बचाव की बात सोचना चाहिए। इमरजेंसी गेट और, धुआ होने से बजने वाले अलार्म आदि को जरूर लगवा लें। इस दौरान सुरक्षा के यंत्रों को लेकर फायर ब्रिगेड के अफसरों से व्यापारियों द्वारा सवाल भी किए गए। जिसका जवाब देकर अफसरों ने उन्हें संतुष्ट किया।

इन व्यवस्थाओं का होना है बहुत जरूरी

हाईराइज बिल्डिंग स्वामी, हॉस्पिटल, होटल, विद्यालयों के प्रबंधक को चाहिए कि वह भवन में इलेक्ट्रिक सेफ्टी आडिट जरूर करवाएं

भवन को कंसिल्ड न कराएं और स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग न कराएं, जिसमें रंगीन शीशे से भवन को ढक दिया जाया जाता

शीशे से चारों तरफ से ढकी बिल्डिंग में आग लगने पर धुआं फेफड़ों में भर जाता है और मौत का खतरा बढ़ जाता है

भवन या प्रतिष्ठान में अग्निशमन उपकरण चलाने हेतु अग्निशमन कार्य में प्रशिक्षित ऑपरेटर को जरूर रखें

बिल्डिंग से बाहर निकलने वाले रास्ते को अवरुद्ध नहीं करें, साथ दो सीढ़ी व जीना अवश्य बनवाएं

भवन या प्रतिष्ठान में आग लगने पर धुआं बाहर निकलने के लिए स्मोक स्टेक्ट या एक्जास्ट जरूर लगवाएं