- मध्यम व बड़े व्यापारियों को अतिरिक्त सुविधा नहीं देने पर व्यापारियों में निराशा

- कोरोना के कारण मंदी झेल रहे व्यापारियों को बजट से थी संजीवनी की उम्मीद

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PRAYAGRAJ: सूबे की योगी सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। बजट पेश होने के बाद उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की मीटिंग हुई। जिसमें व्यापारियों ने बजट पर चर्चा की। महानगर अध्यक्ष योगेश गोयल ने आíथक संकट के बावजूद व्यापारियों पर किसी अतिरिक्त बोझ नहीं डालने के लिए योगी सरकार की सराहना की। हालांकि उन्होंने छोटे व्यापारियों की तरह मध्यम और बड़े व्यापारियों को अतिरिक्त सुविधा नहीं देने के लिए निराशा जताई। महानगर महामंत्री नवीन अग्रवाल ने प्रयागराज के विकास के लिए 350 करोड़ का आíथक पैकेज देने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। कोषाध्यक्ष अमरेश गुप्ता टीटू ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रांतीय टैक्स के माध्यम से पेट्रोल और डीजल के दाम पर कमी करने के उपाय करने चाहिए थे ताकि महंगाई पर अंकुश लग सके। अध्यक्षता जिला महामंत्री विपुल मित्तल व संचालन हिमांशु खरबंदा ने किया।

बजट में डीजल, पेट्रोल व गैस को जीएसटी में रखने की थी जरूरत

सूबे के बजट को लेकर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष लालू मित्तल ने कहा कि व्यापारी समाज का यह स्पष्ट मानना है कि किसानों की तरह व्यापारियों को भी उत्तर प्रदेश सरकार को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना चाहिए था। जिससे कोविड-19 से व्यापारी वर्ग को राहत मिल सकती। साथ ही बजट में डीजल,पेट्रोल, रसोई गैस को जीएसटी के दायरे में लाने का भी एक प्रस्ताव किया जाना चाहिए था। इससे आम जनता और व्यापारी वर्ग को कुछ राहत प्राप्त होती। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर तो सरकार ने उद्योग और व्यापार जगत को कोई राहत इस बजट में नहीं दी है। एक जिला एक उत्पाद के लिए ढाई सौ करोड़ रुपए के प्रावधान का हम स्वागत करते हैं। औद्योगिक पार्क के लिए 100 करोड़ रुपए भी स्वागत योग्य है, सामूहिक विवाह, किसानों के लिए बहुत कुछ दिया गया है। लेकिन बजट से व्यापारियों में निराशा है।