प्रयागराज ब्यूरो । बर्दाश्त के बाहर गर्मी लोगों के के शरीर ही नहीं दिमाग का भी बैलेंस बिगाड़ दे रही है। गर्मी की इस खता का खामियाजा यहां विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मरों को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है कि लाइट नहीं आने से गर्मी में झल्लाए लोग ट्रांसफार्मर पर गोलियां बरसा रहे हैं। उदाहरण के लिए पिछले दिनों कसारी-मसारी इलाके में हुई घटना देखी जा सकती है। इतना ही नहीं, बिजली नहीं होने से ट्रांसफार्मर से चंद लोग तेल तक चुरा ले जा रहे हैं। गर्मी में बिजली की चोरी भी बेतहाशा बढ़ गई है। तमाम ऐसे लोग हैं जो कटिया लगाकर घरों में रात के वक्त एसी, कूलर, फ्रिज, पंखा जैसे यंत्रों को धड़ल्ले से चला रहे हैं। ऐसी स्थिति में अचानक लोड दो गुना बढ़ जाने से ट्रांसफार्मरों के खराब की समस्या बढ़ गई है।

गर्मी में बिजली चोरों ने बढ़ाई समस्या
गर्मी में अचानक ट्रांसफार्मरों पर लोड बढऩे से जलने व खराब होने की शिकायतें बढ़ गई हैं। ट्रांसफार्मर के खराब होने से विभागीय वर्कशॉप के अधिकारी व कर्मचारी हैरान एवं परेशान हैं। बताते हैं कि पूरे जिले में करीब 65 हजार ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। जिनसे लोगों के घरों और छोटे-मोटे प्रतिष्ठानों में बिजली की सप्लाई की जाती है। बताए गए आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले शहर के अंदर लगभग 09 हजार बिजली के ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। इन नौ हजार ट्रांसफार्मरों से प्रति दिन लोगों के घरों व दुकानों में बिजली की सप्लाई दी जाती है। हर ट्रांसफार्मरों की कनेक्शन के हिसाब से अलग-अलग लोड की क्षमता है। ट्रांसफार्मर पर लोड क्षमता पूर्वत निर्धारित है और गर्मी में बिजली की खपत दो गुना बढ़ गई है। एक तो लोड बढऩे से
प्रेशर से वायर गर्म हो रहे, दूसरे गर्मी से खुले में रखे ट्रांसर्मर हीट हो जा रहे हैं। इसी हीट के कारण कभी क्वाइल जल रही तो कभी जंफर उड़ जा रहे हैं। ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के एक्सपर्ट की मानें तो इन दिनों ट्रांसफार्मर में क्वाइल जलने, जंफर उडऩे व तेल निकलने की शिकायतें काफी बढ़ी गई हैं। अकेले मई के महीने में शहर शहरी क्षेत्र के 20 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। अकेले गुरुवार को 02 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं।


बनाने में लगते हैं 24 से 48 घंटे
साधारण यानी अंदर की क्वाइल जलने जैसी समस्या नार्मली है तो उसे ठीक करने में 24 घंटे का वक्त लग जाता है। खराब क्वाइल के साथ कुछ और भी हो तो पूरी तरह दो से तीन एक्सपर्ट लगाए जाने के बावजूद कम से कम 48 घंटे का वक्त बनाने में लग जाता है। यदि किसी ट्रांसफार्मर की बॉडी खराब हो गई या तेल निकल गया है तब तो यह समय और भी लग जाता है। क्योंकि ट्रांसफार्मर में तेल रिफिल करने के लिए ट्रांसफार्मर की पूरी सर्विस करनी पड़ती है। इसके बाद उसे रवां यानी ट्रायल में दो से तीन दिन का वक्त लग जाता है। बजट के अभाव में विभाग के पास एक्स्ट्रा ट्रांसफार्मर हैं ही नहीं।


बिजली अघोषित कटौती के पांच कारण
इस उमस भरी गर्मी में अंधाधुंध हो रही बिजली की कटौती के पीछे विभाग के लोग पांच मुख्य कारण बताते हैं।
कहते हैं कि पहला तो गर्मी में यहां बिजली चोरी यानी कटिया मारी की समस्या बढ़ गई है, इससे खपत बढऩे से तार पर लोड बढ़ जाता है टूट जाते हैं।
तार काफी पुराने हैं लिहाजा बार-बार टूटने से उसे बनाने के लिए शटडाउन लेना पड़ता है, समस्या ईमानदार लोगों को भी भुगतनी पड़ती है।
ट्रांसफार्मर में लगे जंफर भी लोड बढऩे से उड़ जाते हैं। जिसे ठीक करने में भी वक्त लग जाता है। चूंकी एक्सपर्ट उपकेंद्रों पर होते हैं, इसलिए कोशिश करके बना लेते हैं।
जहां जंफर उडऩे के साथ खराबी कुछ और जाती है तो ट्रांसफार्मर को वर्कशॉप में बनने के लिए भेजना पड़ता है जहां रिपेयलिंग में वक्त लगता है।
गर्मी में बिजली की खपत दो गुना हो जाने से पुराने तार लोड को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे,
ऐसी स्थिति पोल से चिंगारी या आग जैसी शिकायतें बढ़ गई है। इस लिए भी बार-बार शटडाउन लेना पड़ रहा है।


यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में तो बिजली की समस्या बहुत नहीं है। सबसे ज्यादा बिजली कटौती से वे लोग परेशान हैं जो प्राइवेट लॉज में रहते हैं। बिजली की वजह से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है।
विशाल पांडेय, छात्र

प्राइवेट लॉज जो लोग बनवा रखे हैं उनके पास कोई बिजली की एक्स्ट्रा तो व्यवस्था है नहीं। मोहल्ले के ट्रांसफार्मर से उन्हें भी बिजली मिलती है। गर्मी में मोहल्लों में बिजली की समस्या तो आप इस शहर में जान ही रहे हैं।
आलोक सिंह, छात्र

ऐसे हॉस्टल जो स्वयं यूनिवर्सिटी के हैं वहां पर यूनिवर्सिटी की अपनी व्यवस्था है। इस लिए ऐसे हॉस्टलों में बिजली की बहुत समस्या नहीं होती। क्योंकि वहां रहने वाले छात्र बहुत हुआ तो कूल लगाते हैं वह भी सब के पास नहीं है। ऐसे में लोड नहीं बढ़ता तो समस्या भी नहीं होती।
अवनीश तिवारी, छात्र

इस गर्मी में सबसे ज्यादा परेशान उन छात्रों को यहां हो रही है जो प्राइवेट रूम लेकर रह रहे हैं या फिर प्राइवेट लॉज में रहते हैं। कॉलेजों के हॉस्टलों में बिजली कटती है, पर उतनी जितनी मोहल्लों में कट रही है। हमारे कई दोस्त लॉज में रहते हैं। वह बिजली कटौती से परेशान हैं।
आयुष द्विवेदी, छात्र


गर्मी में बिजली की खपत बढ़ कर थोड़ा बहुत कम नहीं दो गुना हो गई है। रात में लोग कटियामारी करके एसी, कूलर आदि चला रहे हैं। लोड बढऩे से ट्रांसफार्मर जल रहे हैं। लोग अपनी आदत सुधार लें, समस्या कहीं कुछ नहीं है।
दिनेश सिंह, एक्सईएन वर्कशॉप विद्युत