-तत्काल कर सकेंगे कोरोना की जांच, नहीं करना होगा इंतजार

-आईसीएमआर की गाइडलाइन से हॉस्पिटल संचालकों में असमंजस

PRAYAGRAJ: अब निजी हॉस्पिटल्स में भर्ती होने वाले मरीजों की जांच ट्रूनॉट मशीनों के जरिए होगी। इससे उनमें कोरोना की पुष्टि फटाफट होगी और इलाज में होने वाली देरी खत्म होगी। वर्तमान में मरीजों का सैंपल निजी लैब भेजा जाता है। यहां से कोरोना की रिपोर्ट आने में दो दिन लग जाता है। तब तक मरीज की जान पर बन आती है। ऐसे में प्रशासन चाहता है कि शहर के बड़े निजी हॉस्पिटल अपने यहां ट्रूनॉट मशीन लगाकर जांच करना शुरू कर दें।

15 बड़े हॉस्पिटल को करनी होगी पहल

अपने यहां ट्रूनाट मशीन लगाने की पहल शहर के पंद्रह बड़े निजी हॉस्पिटल्स को करनी होगी। क्योंकि इनके यहां मरीज अधिक संख्या में आते हैं। इस समय शहर में तीन निजी लैब को कोरोना की जांच की परमिशन दी गई है। इनमें यहां रिपोर्ट आने में करीब दो दिन का समय लग जाता है। इस बीच सीरियस मरीज तड़पता है और डॉक्टर्स जोखिम के डर से उसका इलाज शुरू नहीं कर पाते। मजबूरी में उसे एसआरएन हॉस्पिटल भेजा जाता है। जबकि मरीज चाहते हैं कि उनका इलाज निजी हॉस्पिटल में किया जाए।

45 मिनट में आ जाती है रिपोर्ट

बता दें कि ट्रूनॉट मशीन में मरीज की जांच रिपोर्ट महज 45 मिनट में आ जाती है। इससे पता चल जाता है कि मरीज सामान्य है या कोरोना सस्पेक्टेड। फिर हॉस्पिटल्स को इलाज में आसानी होती है। वह जरूरत के मुताबिक मरीज का इलाज शुरू कर देते हैं। इस समय काल्विन हॉस्पिटल में यह मशीन लगी हुई है। अन्य सरकारी हॉस्पिटल में लगाने की कोशिश में प्रदेश सरकार लगी हुई है।

कहां मिलेंगे माइक्रोबायलाजिस्ट

प्रशासन के इस आदेश पर निजी हॉस्पिटल लगभग राजी भी हैं। लेकिन आईसीएमआर की गाइडलाइन आड़े आ रही है। इसमें कहा गया है कि ट्रूनाट मशीन के साथ माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी रखे जाने हैं। हॉस्पिटल संचालकों का कहना है कि माइक्रोबायोलॉजिस्ट को अपॉइंट करना आसान नहीं होगा। जबकि इस मशीन में इनका कोई रोल भी नहीं है। इसे आसानी से हैंडिल किया जा सकता है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत आरटीपीसीआर मशीन की जांच होती है।

डीएम साहब का कहना है कि निजी हॉस्पिटल्स में ट्रूनॉट मशीने लगाई जाएं। जिससे भर्ती होने वाले मरीजों की जांच कर उनका तत्काल इलाज शुरू किया जा सके। निजी लैब से आने वाली जांच में टाइम लगता है जो मरीजों की के लिए ठीक नहीं।

-डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज