कैबिनेट मंत्री नन्दी के पहल पर वरिष्ठ लेखक गोविंदराजन एवं उनके दामाद का फ्लाइट से बुक हुआ टिकट

प्रयागराज

कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने पिछले 12 वर्षो से प्रयागराज में रह कर अपना पूरा जीवन साहित्य की सेवा में समíपत करने वाले तमिल के तुलसी के नाम से विख्यात साहित्यकार डा। एम गोविन्दराजन की मदद और देखभाल की जिम्मेदारी उठाने के बाद अब उन्हें अपने तमिलनाडू स्थित अपने घर फ्लाइट से भेजने की पहल की है। मंत्री ने वरिष्ठ लेखक गोविन्दराजन के साथ ही उनके दामाद एस बालाकृष्णन का इंडिगो फ्लाइट से टिकट बुक कराया है। करीब 12 वर्ष बाद तमिल के तुलसी गोविन्दराजन तमिलनाडु के तंजाउर स्थित अपने घर जाएंगे। 16 मई रविवार को गोविन्दराजन अपने दामाद के साथ प्रयागराज एयरपोर्ट से बेंगलुरू की फ्लाइट से रवाना होंगे। बेंगलुरू में उतरने के बाद कनेक्टिंग फ्लाइट से चेन्नई पहुंचेंगे।

तुलसीदास की कृतियों का किया है अनुवाद

प्रयागराज के विज्ञान परिषद में पिछले 12 वर्षो से एक कमरे में अकेले रहकर रामचरित मानस समेत तुलसीदास की सभी कृतियों का तमिल में अनुवाद करने वाले तमिल के तुलसी के नाम से विख्यात वरिष्ठ लेखक डॉ। एम गोविन्दराजन की तबियत ठीक न होने की जानकारी मंत्री नन्दी को हुई तो उन्होंने तत्काल मदद की पहल की। मंत्री नन्दी ने वरिष्ठ लेखक गोविन्दराजन तक अपने घर पर बना भोजन, फल, पानी व अन्य जरूरी सामान पहुंचवाया। इसके अलावा उन्होंने वरिष्ठ लेखक के स्वास्थ्य लाभ के साथ ही हर सम्भव मदद किए जाने का आश्वासन दिया था।

प्रयाग नगरी का शुक्रिया, जिसने एक साधारण कवि को 'तमिल का तुलसी' बना दिया

प्रयागराज में रह कर अपना पूरा जीवन साहित्य की सेवा में समíपत करने वाले तमिल के तुलसी के नाम से विख्यात साहित्यकार डा। एम गोविन्दराजन अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं, दरअसल गोविन्दराजन जी पिछले दिनों कोरोना से पीडि़त थे, पर अब उन्होंने कोरोना को मात देकर संदेश दिया कि मजबूत इच्छा शक्ति को तो किसी भी परेशानी से निपटा जा सकता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में गोविंदराजन ने प्रयागराज में बिताये गये अपने अनुभव को शेयर किया और भावुक होकर बोले कि इस प्रयागराज का जितना आभार व्यक्त किया जाय वह कम है। इसकी वजह से ही आज एक साधारण सा साहित्यकार 'तमिल के तुलसी' के नाम से विख्यात है।

बस यही इच्छा, अब दक्षिण-उत्तर का संगम करा दें 'सरकार'

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान कई बार भावुक हुए गोविंदराजन जी ने कहा कि यूपी व प्रयागराज ने मुझे बहुत कुछ दिया है, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक विनती है कि पिछले दिनों निवेदन किया था कि त्रिवेणी पुष्प में तमिल कवि संत त्रिरवल्लवर की मूर्ति के लिए एक स्थान दिला दें, ताकि संत की मूर्ति वहां स्थापित की जा सकें। इससे दक्षिण व उत्तर की साहित्य व संस्कृति का संगम हो सकेगा।

दक्षिणी बैंक रोड का नाम संत के नाम पर करने के लिए 'सदन' का आभार

गोविंदराजन जी ने बताया कि उन्होंने मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी से संत त्रिरुवल्लवर के नाम पर यमुना नदी के किनारे से गुजर रही दक्षिणी बैंक रोड का नाम संत के नाम पर करने की गुजारिश की थी, उन्होंने बताया कि मेयर के प्रयास से नगर निगम सदन ने पिछले दिनों दक्षिणी बैंक रोड का नाम संत त्रिरुवल्लवर रोड कर दिया गया है। जो एक अच्छी पहल है।