प्रयागराज ब्यूरो । सिपाही भर्ती को दागदार करने की कोशिश में लगे एक गैंग को एसटीएफ ने पकड़ा है। यह गैंग पुलिस भर्ती में पास कराने का ठेका लेकर ठगी का धंधा चला रहा था। एक सिपाही बनाने की कीमत 14 लाख रुपये तय की गई थी। ढाई ढाई लाख रुपये एडवांस लिए गए थे। इस गैंग ने 25 से ज्यादा अभ्यर्थियों से एडवांस रकम ले ली थी। मगर इसकी सूचना लीक हो गई। एसटीएफ ने प्रतापगढ़ में मानिकपुर में एरिया में दबिश देकर गैंग के एक मेंबर की गिरफ्तारी की, इसके बाद लखनऊ में भी गिरफ्तारी की गई। गैंग के दो मेंबर एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुके हैं। एसटीएफ अब सरगना और एक मेंबर की तलाश में लगी है।
प्रतापगढ़ के थाना मानिकपुर के मिरगढ़वा का रहने कमलेश सोनकर मास्टर माइंड है। पुलिस भर्ती परीक्षा में पैसा कमाने के लिए कमलेश सोनकर ने ठगी का गिरोह खड़ा कर दिया। कमलेश सोनकर ने प्रयागराज के बरजी नसरतपुर के रहने वाले अरुण प्रताप सिंह के साथ योजना बनाई कि पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगा जाए। अरुण को योजना पसंद आई। इसके बाद दोनों ने मिलकर ठगी का मायाजाल फैलाना शुरू कर दिया। अरुण ने अपने परिचित जौनपुर के कमासिन कसरवा के रहने वाले पवन पाल को गैंग में शामिल कर लिया। अरुण और पवन ने परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से सम्पर्क करना शुरू कर दिया। इन दोनों ने प्रयागराज, जौनपुर, कौशांबी और अमेठी से पच्चीस से ज्यादा अभ्यर्थियों को तैयार कर लिया। सभी अभ्यर्थियों से चौदह चौदह लाख रुपये की डिमांड की गई। एडवांस में सभी से ढाई ढाई लाख रुपये लिए गए।
एक्टिव हो गई एसटीएफ
एसटीएफ के इंस्पेक्टर जेपी राय को जरिए मुखबिर परीक्षा के नाम पर ठगी किए जाने की सूचना मिली। जिस पर इंस्पेक्टर जेपी राय ने दारोगा विनय तिवारी, कांस्टेबिल संजय सिंह, अभिषेक मिश्रा, अजय कुमार यादव, प्रवीण जायसवाल, मनोज यादव को गिरफ्तारी के लिए लगाया। पुलिस ने प्रतापगढ़ के मानिकपुर में मिरगढ़वा बजहाभीट में दबिश दी। दबिश में एसटीएफ ने कमलेश सोनकर के भतीजे शुभम सोनकर को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में खोल दिया राज
एसटीएफ शुभम सोनकर मानिकपुर थाने ले गई। वहां पर पूछताछ में शुभम ने सारा राज खोल दिया। शुभम ने बताया कि कई कंडीडेट के एडमिट कार्ड लेकर पवन पाल निवासी कमासिन कसरवा जौनपुर लखनऊ गया है। एसटीएफ ने शुभम को साथ लिया, इसके बाद लखनऊ पहुंच गई। लखनऊ में एसटीएफ ने वर्लिंगटन क्रासिंग के पास मोती लाज से पवन पाल को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को एसटीएफ ने मानिकपुर थाने में दाखिल किया है।
सरगना और साथी की तलाश
दो की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ अब गैंग के सरगना कमलेश सोनकर और अरुण प्रताप सिंह की तलाश में लगी है। शुभम सोनकर ने पूछताछ में बताया कि कमलेश सोनकर परिवार में उसका चाचा लगता है। सारा गेम कमलेश सोनकर का है। प्रयागराज का अरुण प्रताप सिंह उसका साथी है। इन दोनों ने ठगी का गैंग चला रखा है। शुभम ने बताया कि उसने भी कई कंडीडेट का परिचय अरुण से कराया था। जिनसे कमलेश और अरुण ने एडवांस रकम ली है।
ये हुआ बरामद
- 13 प्रवेश पत्र
- दो मोबाइल फोन
- दो आधार कार्ड
- एक पैन कार्ड
- एक ड्राइविंग लाइसेंस
- एक वोटर कार्ड
- चार डेविड कार्ड
- दो पासबुक
- एक चेकबुक
- तीन हाई स्कूल, इंटर की मार्कशीट की फोटोस्टेट
- एक हाई स्कूल, इंटर की मार्कशीट
- एक दस रुपये का स्टांप पेपर
- एक ओएमआर सीट अभ्यर्थी रामू
- 625 रुपये नकद
पुलिस भर्ती परीक्षा के नाम पर ठगी का धंधा किया जा रहा था। प्रयागराज से इनपुट मिलने के बाद प्रतापगढ़ के मानिकपुर में दबिश दी गई। एक आरोपित को मानिकपुर से और एक आरोपित को लखनऊ से पकड़ा गया है। सरगना और उसके साथी की तलाश की जा रही है।
जेपी राय, इंस्पेक्टर एसटीएफ