- यूपीपीएससी की ओर से आयोजित एई 2019 परीक्षा में धांधली की बात आयी सामने

- स्कूल की मान्यता खत्म करने के लिए आयोग लिखेगा शासन को पत्र

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PRAYAGRAJ: उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित हुई एई यानी सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा-2019 में बड़ी धांधली सामने आयी है। आयोग को एक स्कूल पर बनाए गए सेंटर से मिले शील्ड पैकेट में एक ही रोल नम्बर की दो कापियां मिली है। जिसके बाद आयोग ने मामले की जांच करते हुए सेंटर के सुपरवाइजर व संबंधित अभ्यर्थियों को अपना पक्ष रखने के लिए कॉल किया था। दोनों का पक्ष लिखित व मौखिक रूप से स्पष्टीकरण लिया गया। जिसके बाद जांच में धांधली की पुष्टि होने पर संबंधित अभ्यर्थी को आयोग की सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया गया। साथ ही संबंधित सेंटर अधीक्षक, निरीक्षक, प्रबंधक को आयोग की समस्त परीक्षाओं से डिबार कर दिया गया है। आयोग इस बारे में शासन को पत्र लिखकर संबंधित स्कूल की मान्यता खत्म करने की बात करेगा।

648 पदों पर होनी थी भर्ती

यूपीपीएससी की ओर से सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा-2019 के अन्तर्गत 648 पद की भर्ती का विज्ञापन 30 दिसंबर को जारी हुआ था। अभ्यर्थियों से अलग-अलग ब्रांच के लिए आवेदन लिए गए थे। परीक्षा के लिए 5 जिलों में 292 सेंटर बनाए गए थे। जहां 13 दिसंबर 2020 को परीक्षा का आयोजन हुआ था। सिटी के बाबू जेआरडी पाल इंटर कालेज मनसैता (केंद्र कोड-03/88) केंद्र के पर्यवेक्षक ने द्वितीय सत्र के शील्ड पैकेट में एक ही अनुक्रमांक की 2 कापियां जमा कर दी। जांच में मामला सही मिलने पर आयोग की ओर से सिविल लाइंस में एफआईआर दर्ज करा दी गई थी। भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 26 मार्च 2021 को जारी हुआ। कुल पदों के सापेक्ष 580 अभ्यर्थी सफल हुए। आयोग ने 25 जून को चयन संस्तुति की फाइल शासन को भेज दी।

भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा ने उठाए परीक्षा पर सवाल

आयोग के एई -2019 की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद परीक्षा को लेकर भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा ने सवाल उठाया है। मोर्चा से जुड़े अभ्यर्थियों का कहना है कि एक रोल नंबर के दो उत्तर पत्रक मिलने से साफ है कि उक्त केंद्र में नकल कराने के लिए बड़े रैकेट जुटा होगा। मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह का आरोप है कि परीक्षा में कई अभ्यर्थियों से पैसा लेकर उनका पेपर सॉल्व कराया गया होगा। लेकिन जांच में एक ही अभ्यर्थी पकड़ में आया। उन्होंने दूसरे सेंटर पर भी इस तरह की ही गड़बड़ी होने की आशंका जताई है। उन्होंने परीक्षा की निष्पक्ष जांच की मांग की है।