एयू में यूजीसी सचिव प्रो। जेएस संधू की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम ने दूसरे दिन भी की पड़ताल

प्रॉक्टोरियल बोर्ड, हॉस्टलों के सुपरिटेंडेंट, वार्डेन व कर्मचारियों सहित छात्रों से की बातचीत

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पिछले दिनों हुई हिंसा की जांच के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर पहुंची टीम ने दूसरे दिन भी प्रकरण की गहराई से पड़ताल की।

प्रॉक्टोरियल बोर्ड से पूछताछ

यूजीसी के सचिव प्रो। जयपाल एस संधू की अगुवाई में तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने सबसे पहले रजिस्ट्रार ऑफिस में प्रॉक्टोरियल बोर्ड में शामिल 11 सदस्यों से हिंसा के कारणों के बारे में पूछताछ की। कमेटी ने चीफ प्रॉक्टर प्रो। राम सेवक दुबे से पूछा कि हॉस्टल वॉश आउट के मसले पर हिंसा क्यों हुई और अब आप इस पर क्या करने जा रहे हैं। कमेटी ने बोर्ड से यह भी पूछा कि अवैध छात्रों को हटाने को लेकर जिला प्रशासन के साथ कितनी बार पत्र व्यवहार किया गया था। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कमेटी को जिला प्रशासन के साथ पत्र व्यवहार से लेकर अन्य बिंदुओं का साक्ष्य सौंपा।

सुपरिटेंडेंट और वार्डेन से मिले

कमेटी ने हॉस्टलों के सुपरिटेंडेंट और वार्डेन से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक कमेटी सदस्यों ने हॉस्टलों में छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी मांगी तो अधिकतर अधिकारी सकपका गए और एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। यही नहीं कमेटी ने हिंसा के अलावा वैध और अवैध का पूरा ब्यौरा भी अधिकारियों से लिया।

60 वैध छात्रों से लिया साक्ष्य

रजिस्ट्रार ऑफिस में प्रॉक्टोरियल बोर्ड और सुपरिटेंडेंट व वार्डेन से पूछताछ के बाद कमेटी के तीनों सदस्यों ने उन छात्रों से भी बातचीत की जिन्होंने फीस तो जमा कर दी थी लेकिन उन्हें कमरा नहीं आवंटित किया जा सका था। इस दौरान 60 छात्रों ने सदस्यों के सामने पूरे साक्ष्य के साथ अपना पक्ष रखा। सदस्यों ने सभी छात्रों का साक्ष्य अपने पास रख लिया।

जानी हॉस्टल की समस्याएं

कमेटी के सदस्य सीधे लॉ फैकेल्टी पहुंचे। सदस्यों ने लाखों रुपए की लागत से बने उस ऑडिटोरियम को देखा जिसे हिंसा के बाद जला दिया गया था। करीब 20 मिनट तक सदस्यों ने ऑडिटोरियम की जांच पड़ताल की। वहां से निकलकर कमेटी सीधे ताराचंद्र हॉस्टल गई। छात्रों से सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की। जब छात्रों ने सदस्यों से यह बताया कि यहां पर वर्षो से मेस नहीं चल रही है तो सदस्य चौंक गए। छात्रों ने सदस्यों को टूटी बालकनी भी दिखाई। इसके बाद कमेटी एफसीआई बिल्डिंग भी देखने गई। वहां टूटे हुए शीशे को देखा और रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला व डीएसडब्लू प्रो। आरकेपी सिंह से पूछताछ की।

पहुंचे संगम, किया स्नान

यूजीसी के सचिव प्रो। जयपाल एस संधू की अगुवाई में मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण सिंह व दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो। एसपी सिंह भी शामिल रहे। सभी ने दूसरे दिन काम शुरू करने से पहले संगम स्नान किया। वहां से सीधे एयू के रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचे।

कमेटी के सदस्यों ने हिंसा के कारणों के बारे में जानकारी हासिल की और आगे के रणनीति की जानकारी ली। बताया गया कि प्रकरण में हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट से जो निर्देश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा। जिला प्रशासन के साथ जितने भी पत्र व्यवहार किए गए उनका साक्ष्य सौंप दिया गया है।

प्रो। राम सेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर