प्रयागराज ब्यूरो । तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस में गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण मामले की डेट एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा बढ़ा दी गई है। अब इस मामले में बहस के लिए कोर्ट ने 28 फरवरी दिन मंगलवार की डेट मुकर्रर की है। प्रकरण में अभियुक्तों की ओर से कोर्ट में सोमवार को ही बहस की जानी थी। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने की वजह से कोर्ट को डेट आगे बढ़ाना पड़ा।

वर्ष 2006 में हुआ था अपहरण

सुलेमसराय जयंतीपुर निवासी उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। वर्ष 2006 में उनका अपहरण करके जबरिया अपने पक्ष में गवाही करा ली गई थी। तब सपा सरकार थी तो उमेश शांत रह गये। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और बसपा आयी तो उमेश के अपहरण मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया। अपहरण के इस मुकदमें माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश, अंसार अहमद, खान सोलत हनी, जावेद, इशरार, आसिफ उर्फ मल्ही, एजाज अख्तर व आदि कुल 11 लोग नामजद हैं। उमेश पाल के अधिवक्ता विक्रम सिन्हा की मानें तो इन आरोपितों में अंसार अहमद की मौत हो चुकी है। मौजूदा समय में दस आरोपित बचे हुए हैं। अपहरण का यह मामला एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। मुकदमा फाइनल स्टेज पर पहुंच चुका था। इस बीच आरोपितों तीन और लोगों की गवाही के लिए हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट में उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। मामले में सोमवार को आरोपितों की ओर से बहस होना था। लेकिन, प्रकरण के वादी अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या से नाराज अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। ऐसे में कोर्ट में विपक्षी की ओर से कोई बहस के लिए कोर्ट नहीं पहुंचा। जिससे अदालत के द्वारा बहस के लिए 28 फरवरी की डेट मुकर्रर किया है।

अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे, इस वजह से उमेश पाल अपहरण केस की बहस के लिए कोर्ट ने 28 फरवरी की डेट मुकर्रर किया है।

गुलाब चंद्र अग्रहरि

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी