प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2023 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरा करने के लिए यूपी बोर्ड ने एक अप्रैल का समय निर्धारित किया था, लेकिन तेज मूल्यांकन देख इसे 28 मार्च यानी मंगलवार तक संपन्न कराने के निर्देश वर्चुअल मीटिंग में दिए गए। सोमवार तक कुल 3.19 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं में से 2,78,86,307 का मूल्यांकन हो गया, लेकिन कुछ केंद्रों पर रफ्तार धीमी होने से मंगलवार को मूल्यांकन पूरा नहीं हो सकेगा। कुछ केंद्रों पर उप प्रधान परीक्षकों ने जल्दी संपन्न कराने के लिए परीक्षकों को शेष उत्तरपुस्तिकाएं सोमवार को ही आवंटित कर दीं, लेकिन परीक्षकों की कम उपस्थिति व पहले दिन कुछ केंद्रों पर मूल्यांकन न होने से इसमें समय लग सकता है।

छह जनपदों में काम पूरा
बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि सोमवार तक छह जनपदों रायबरेली, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अमरोहा, कानपुर देहात एवं चित्रकूट में मूल्यांकन कार्य पूरा हो गया। शेष जनपदों में भी तेजी से मूल्यांकन पूर्ण कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों से वर्चुअल मीटिंग की जा रही है। इधर, प्रयागराज में मूल्यांकन केंद्र केसर विद्यापीठ इंटर कालेज में कोठार (स्टाक रूम) से उप प्रधान परीक्षकों ने सोमवार को स्टैटिक मजिस्ट्रेट से उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल प्राप्त कर परीक्षकों के नाम आवंटित कर दिए। इसका मूल्यांकन किए जाने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। इसके अलावा कुछ और जनपदों में मंगलवार तक मूल्यांकन पूरा नहीं हो पाएगा।

रामनवमी पर मूल्यांकन स्थगित रखने को सौंपा पत्र
रामनवमी 30 मार्च को है और चैत्र नवरात्र की नवमी को प्रत्येक वर्ष अवकाश होता रहा है। इस वर्ष भी अवकाश तालिका में यह दर्ज है, लेकिन मूल्यांकन चलने के कारण संभवत: अघोषित रूप से अवकाश स्थगित रखा गया है। ऐसे में रामनवमी पर मूल्यांकन स्थगित रखने के लिए डीआइओएस को निर्देशित करने की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ (समन्वय समिति) की प्रांतीय अध्यक्ष छाया शुक्ला ने निदेशक को पत्र सौंपा है। कहा है कि ज्यादातर शिक्षक हवन-पूजन में व्यस्त रहते हैं, इसलिए अवकाश किया जाना जरूरी है।

मूल्यांकन के बाद होगी छूटे परीक्षार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा
यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के कई छात्र-छात्राएं निर्धारित तिथि पर प्रायोगिक परीक्षा देने केंद्रों पर नहीं पहुंच सके। ऐसे में बोर्ड ने छूटे परीक्षार्थियों के लिए एक और अवसर देते हुए प्रायोगिक परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल के निर्देश पर सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिव जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से ऐसे परीक्षार्थियों की सूची तैयार करा रहे हैं, जिनकी प्रायोगिक परीक्षा छूट गई है।