- मुनाफाखोरी चरम पर, नीचे नहीं आए प्याज के भाव

- इफ्तार हुआ महंगा, बढ़ गए प्याज से बने आइटम के रेट

ALLAHABAD: महंगाई का असर रमजान पर भी पड़ने लगा है। इफ्तार पार्टियों में शामिल प्याज के आइटम रोजेदारों के माथे पर शिकन पैदा कर रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। अभी तक सब्जियों के दाम पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

महंगी हो गई एक प्लेट पकौड़ी

इफ्तार पार्टियों में प्याज से बने आइटम महंगाई के चलते या तो कम हो रहे हैं या उनमें से प्याज गायब होता जा रहा है। एग्जाम्पल के तौर पर दुकानों में बेसन की पकौडि़यां तो तली जा रही हैं लेकिन उनमें से प्याज नदारद है। खुल्दाबाद में अपनी पकौड़ी के लिए मशहूर कल्लू बताते हैं कि रमजान के दौरान शाम को बहुत ज्यादा डिमांड होती है। जिस तरह से प्याज के दाम बढ़े हैं, उससे काफी नुकसान हो रहा है। फिलहाल उन्होंने एक प्लेट पकौड़ी के दाम चार रुपए बढ़ा दिए हैं। वहीं पुराने रेट पर बिकने वाली पकौड़ी में उन्होंने प्याज डालना बंद कर दिया है।

बिरियानी तैयार करना हुआ महंगा

सिविल लाइंस स्थित नफीस बिरयानी शॉप पर शाम होते ही जबरदस्त भीड़ हो जाती है। शॉप ओनर नफीस कहते हैं कि रमजान के मौके पर सेल तो बढ़ी है लेकिन फायदा नहीं हो रहा है। दाम बढ़ने से बिरयानी की प्लेट में प्याज रखना मुश्किल होता जा रहा है। अब कुछ दिन और इंतजार कर रहे हैं, अगर दाम नीचे नहीं आए तो शायद प्लेट से प्याज गायब हो सकती है।

किचन के बजट पर भी बढ़ रहा लोड

प्याज के रेट बढ़ने से होटल या रेस्टोरेंट ही नही बल्कि किचन का बजट भी पटरी से उतरता नजर आ रहा है। राजापुर की रहने वाली हाउस वाइफ नफीसा कहती हैं कि फैमिली के लोग शाम को इफ्तार के बाद बढि़या डिशेज की मांग करते हैं। ऐसे में आसमान छूते प्याज का दाम मुंह का स्वाद फीका करने का काम कर रहा है। मार्केट में पांच से दस रुपए किलो बिकने वाला प्याज इस समय फ्0 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है, जो कि समझ से परे है। उन्होंने कहा कि महंगाई होने के बावजूद वह फैमिली मेंबर्स की पसंद से समझौता नहीं कर रही हैं। बजट मैनेज करने के लिए डिशेज में प्याज का किफायती यूज कर रही हैं।

चार हजार बोरी प्याज को पूछने वाला कोई नहीं

एक ओर प्याज का बढ़ा दाम लोगों को रुला रहा है तो दूसरी ओर थोक मंडियों में उसकी पूछ-परख करने वाला कोई नहीं है। अकेले मुंडेरा थोक सब्जी मंडी में रविवार को चार हजार बोरी प्याज डंप रहा। इसे खरीदने तो क्या व्यापारियों ने झांकने की भी जहमत नहीं उठाई। आढ़ती विजय पाल ने बताया कि प्रशासन की कार्रवाई के डर से बाहरी व्यापारी चार दिन से लापता हैं। जिन लोगों ने अपना माल रखवाया है, उनका नुकसान हो रहा है। लोकल व्यापारियों ने पहले ही रमजान को देखते हुए माल डंप कर लिया है और अब वह यहां नहीं आ रहे हैं। फिलहाल तो वह मनमानी मुनाफा कमाने में लगे हैं।

और कितना मुनाफा कमाओगे

थोक मंडियों में माल डंप होने से यहां प्याज के दाम रविवार को दो रुपए और गिर गए। यह गिरावट आलू और प्याज दोनों में रही। प्याज जहां क्ब्00 से क्800 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर रहा। वहीं आलू के दाम क्भ्00 से क्700 रुपए रहे। बावजूद इसके फुटकर मंडी में प्याज फ्0 रुपए और आलू ख्0 से ख्ब् रुपए प्रतिकिलो के रेट से बिका। पब्लिक के शोर मचाने और प्रशासन के बार-बार कार्रवाई करने की धमकी के बावजूद मुनाफाखोरों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। कुछ फुटकर व्यापारियों ने दबी जुबान में बताया कि रमजान महीने में सब्जियों के रेट में गिरावट आना बेहद मुश्किल है। इसके लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे।