कोविड संक्रमण का खतरा बताकर परीक्षा स्थगित करने की मांग खारिज

इलाहाबाद हाई कोर्ट का उक्त मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार

खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ)-2019 प्रारंभिक परीक्षा निर्धारित तिथि 16 अगस्त को ही होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट से कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षा स्थगित करने की मांग खारिज कर दी गयी है। आयोग ने भी परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। हालांकि, परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।

प्रतियोगियों को आना चाहिए था कोर्ट

गुरुवार को पीआईएल पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के खिलाफ किसी प्रतियोगी छात्र को ही कोर्ट आना चाहिए। याची संगठन को जनहित याचिका में परीक्षा आयोजित करने को चुनौती देने का अधिकार नहीं है। इस कमेंट के साथ कोर्ट ने उक्त मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति व अन्य की पीआईएल पर जस्टिस शशिकांत गुप्ता और वीके बिड़ला की बेंच ने सुनवाई की। याचिका में कोविड-19 के चलते शारीरिक दूरी मानक का पालन न होने पर संक्रमण फैलने की आशंका जताते हुए 16 अगस्त को प्रस्तावित परीक्षा स्थगित करने की मांग की गयी थी। परीक्षा प्रदेश के 18 जिलों में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित की जा रही है। उक्त प्रारंभिक परीक्षा में पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों के हिस्सा लेने की संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की खंड शिक्षा अधिकारी-2019 प्रारंभिक परीक्षा स्थगित कराने के लिए अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। वहां शुक्रवार को उक्त मामले में सुनवाई होगी। धर्मेद्र सिंह की तरफ से 16 अगस्त को प्रस्तावित परीक्षा को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जो शुक्रवार को सिरियल नंबर 20 पर लिस्टेड है। याची ने बताया कि जस्टिस नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस रविंद्र भट्ट की बेंच उक्त मामले में सुनवाई करेगी। प्रतियोगियों की तरफ से अधिवक्ता कौसर रजा फरीदी कोर्ट में पक्ष रखेंगे।