- वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियो पर बोले सीएमओ, कहा साइंटिफिक डिजाइंड प्रोग्राम है वैक्सीनेशन

16 जनवरी को पूरे देश में एक साथ वैक्सीनेशन लांच होने जा रहा है। लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के सवाल पनप रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी वैक्सीनेशन को लेकर अनाप शनाप गासिप चरम पर हैं। आखिर वैक्सीनेशन को लेकर पब्लिक में फैले मिथ कितने सही या गलत हैं और वैक्सीनेशन से जनता को कितना फायदा होने वाला है। इस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सीएमओ से की सीधी बातचीत-

सवाल- कोरोना की रोकथाम में कितनी कारगर होगी वैक्सीन?

जवाब- जिस तरह से पोलियो, चिकन पाक्स, डिप्थीरिया, रुबेला जैसी बीमारियों की वैक्सीन बाजार में आई और इससे बीमारी को पनपने से रोकने में सफलता मिली है। उसी तरह कोरोना की वैक्सीन भी कारगर साबित होगी। इसके उपयोग से कोरोना के प्रसार को रोका जा सकेगा। इसका लाभ निश्चित तौर पर आम जनता को मिलेगा।

सवाल- बॉडी के भीतर जाने के बाद वैक्सीन किस तरह से फायदा पहुंचाएगी?

जवाब- शरीर में जब कोई बीमारी किसी दुश्मन की तरह बैठी रहती है तो उसे खत्म करने के लिए तमाम दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। इसी तरह वैक्सीन भी काम करती है। यह शरीर में जाकर उस रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता डेवलप करती है। इससे शरीर में उस रोग का खात्मा हो जाता है।

सवाल- क्या वैक्सीन लगवाने से बॉडी को किसी प्रकार का नुकसान पहुंच सकता है?

जवाब- वैक्सीनेशन पूरी तरह से साइंटिफिकली डिजाइंड प्रोगा्रम है। यह पूरी एहतियात के साथ चलाया जाना है। अगर किसी को वैक्सीन से कोई दिक्कत होती है उसके लिए भी इलाज मौजूद है। वैक्सीनेशन सेंटर पर डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की टीम मौजूद रहेगी। इसलिए डरने की कोई जरूरत नही है।

सवाल- ऐसा है तो समाज में तमाम भ्रांतियां क्यों फैली हैं? लोग वैक्सीनेशन को लेकर संदेह क्यों पाल रहे हैं?

जवाब- यह वैक्सीन अपने देश में विकसित की गई है। प्रशिक्षण के तमाम चरणों से होकर गुजरी है। वैक्सीन के तमाम रिएक्शंस और प्रभाव की जांच की जा चुकी है। इसलिए इन भ्रांतियों का कोई महत्व नही है। लोग निश्चिंत होकर कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं। प्रथम चरण में हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाना है।

सवाल- वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया में फैल रही खबरों पर क्या कहेंगे?

जवाब- लोग खुद समझदार हैं। उनको अफवाहों पर ध्यान नही देना चाहिए। सोशल मीडिया पर खबर है कि वैक्सीन लगाने से यह हो गया, वह हो गया। बता दूं कि देशभर में अभी तक किसी को वैक्सीन नही लगी है। इसकी लांचिंग 16 जनवरी को होनी है। फिर किसी को वैक्सीन लगी ही नही तो रिएक्शन की बात कहां से आ गई।

सवाल- फिर नर्सिग होम्स वालों ने वैक्सीनेशन के लिए क्यों अपना डाटा देने में देर लगाई?

जवाब- कुछ लोगों को शक था कि सरकार उनका डाटा लेकर उनके खिलाफ कोई एक्शन तो नही लेगी। ऐसे और भी संदेह लोगों ने पाल रखे थे। लेकिन सच यह नही है। हमारा उददेश्य वैक्सीनेशन को सौ फीसदी सफल बनाने का है। इसके लिए डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, पुलिस, प्रशासन सहित आम जनता का पूरा सहयोग चाहिए। तभी हम कोरोना पर जीत हासिल कर सकेंगे।