प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर को स्मार्ट बनाने की आंधी में धन की बर्बादी कैसे की जा रही है? इस बात का अंदाजा जगह-जगह बनाए गए वेंडिंग जोन से लगाया जा सकता है। लाखों रुपये की लागत से कहीं से टीन शेड की दुकानें तो किसी जगह दर्जनों दुकानों के लिए चबूतरे बनाए गए हैं। चबूतरे और दुकानों का निर्माण होने के बाद के बावजूद आज तक उन दुकानों में वेंडर शिफ्ट नहीं किए जा सके। ऐसी स्थिति में रोज कमाने और खाने वाले यह दुकानदार सड़कों व रोड की पटरियों पर ठेला लगाकर व्यापार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में दो तरह की समस्याएं सरकार का इतना धन लगने के बावजूद उत्पन्न हो रही हैं। पहला तो सरकार का पैसा बर्बाद हो रहा और दूसरा यह कि वेंडिंग जोन बनाने का उद्देश्य निर्थक साबित हो रहा है। ऊपर से वेंडरों की रोड और फुटपाथ पर लगाई गई दुकान से हुए अतिक्रमण के चलते आवागम में यात्रियों को दिक्क्त हो रही वह अलग।
35 दुकानें बनी हैं सिविल लाइंस बीएसएन के पास
60 दुकानें हैं सिविल लाइंस पीडी टण्डन पार्क के पास
100 दुकानों के लिए चबूतरा बनाया गया है शहर के झलवा में
92 दुकानें नैनी काटन मिल के पास वर्षों पुरानी हैं
90 के करीब दुकानों के चबूतरा और बनाया गया है नैनी में
90 दुकानें फाफामऊ में बनाई गई वेंडिंग जोन में भी हैं तैयार
35 दुकानें सलोरी ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के पास में बनी हैं
30 दुकान करीब मेडिकल चौराहे पर भी बनाई गई, कई पर कब्जा
530 वेंडरों के लिए लाखों की लागत से जगह-जगह बनी हैं दुकानें
कहीं दुकान तो कहीं बना है चबूतरा
स्मार्ट सिटी के तहत शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर यहां कई नए प्लान पर काम किए जा रहे हैं। इसी प्लान के तहत शहर में वेंडिंग जोन की योजना नगर निगम के द्वारा तैयार की गई। इस योजना के तहत शहर में जगह-जगह फुटपाथ और रोड किनारे लगाने ठेके पर दुकान लगाने वालों के लिए दुकानें बनाने की फाइल को हरी झण्डी मिली। इसके लिए दो बाई दो के जगह में एक दुकान बनाकर वेंडरों को दिए जाने का मसौदा तैयार हुआ था। इसके तहत लाखों रुपये की लागत से काम भी शुरू कर दिया गया। सिविल लाइंस बीएसएन के पास लाखों रुपये की लागत से 35 का निर्माण टीन शेड व चबूतरा बनाकर किया गया। इसी तरह करीब 60 सिविल लाइंस पीडी टण्डन पार्क के पास तैयार की गई हैं। इतना ही नहीं 100 दुकानों के लिए झलवा में भी व्यवस्था की गई है। नैनी काटन मिल के पास वर्षों पूर्व तत्कालीन महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी के द्वारा 92 दुकानें बनवाई गई थीं। इन दुकानों का अलॉट में होने के बाद बावजूद आज तक उसमें वेंडर रोड व पटरी छोड़कर दुकान लगाना मुनासिब नहीं समझे। गुमटी नुमा बनाई गई लोहे की इन दुकानों में अब जंग लग गया है। सामने चबूतरा बनाने में जो पैसा खर्च हुआ वह अलग। इन दुकानों में वेंडर शिफ्ट नहीं हुए, कि पास में ही इन दुकानदारों के ओप चबूतरा बनाकर छोड़ दिया गया। फाफामऊ में भी 90 दुकानों का निर्माण किया गया है। जानकारी बताते हैं कि 35 दुकानें सलोरी ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के पास में बनाई गई हैं। इस तरह अलग-अलग क्षेत्रों व स्थानों पर कुल 500 वेंडरों के लिए लाखों की लागत से दुकानों व चबूतरे का निर्माण किया गया। इन सैकड़ों दुकानों व चबूतरे को बनाने में लाखों रुपये खर्च हुए, मगर इसका लाभ न तो वेंडरों को मिला और न ही फुटपाथ व सड़क पर लगने वाले जाम से यात्रियों को। वेंडरों के इंतजार में यह सारे वेंडिंग जोन की दुकानों पर लगा सरकारी धन व उद्देश्य दोनों ही बर्बाद हो रहा है।
तेलियरगंज व गोविंद की उपेक्षा
तेलियरगंज और गोविंदपुर में भी वेंडिंग जोन की दुकानें बनाई जानी थी। मगर नगर निगम के जिम्मेदार इन इलाकों में वेंडिंग जोन व दुकानें बनाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में यहां के वेंडर वेडिंग जोन में जाने की इच्छा रखने के बावजूद मजबूरन रोड और फुटपाथ पर ठेला लगा रहे हैं। तेलियरगंज में दुकान लगाने वाली प्रियंका, राजेश कुमार, मो। रईश आदि कहते हैं कि वेंडिंग जोन यहां बनने के बाद उन्हें काफी सहूलियत होगी। तेलियरगंज में वेडिंग जोन बनाया जाना चाहिए। यहां के दुकानदार चाहते हैं तो वेंडिंग जोन बन नहीं रहा। जहां के वेंडर नहीं चाहते हैं उन इलाकों में अधिकारी वेंडिंग जोन बना रहे हैं।
कई जगह वेंडरों को दुकानें अलॉट कर दी गई हैं। बावजूद इसके वह पटरी या फुटपाथ से हटकर वेडिंग जोन में दुकान लगाना उचित नहीं समझ रहे हैं। जन्माष्टमी त्योहार के बाद सख्ती के साथ ऐसे दुकानदारों को वेडिंग जोन में भेजा जाएगा। वेडिंग जोन में अलॉटमेंट के बाद भी दुकान नहीं लगाने वालों का अलॉटमेंट कैंसिल करके जरूरतमंदों को दिया जाएगा।
अरविंद रॉय, अपर नगर आयुक्त / नोडल वेडिंग जोन
वेंडर वेडिंग जोन की दुकानों में जाना चाहते हैं। मगर उनका कहना है कि इस वेडिंग जोन में न तो बिजली की व्यवस्था और न ही पानी की। दुकानों का साइज इतना छोटा है कि उनके ठेले पर मौजूद सामान भी उसमें नहीं आएगा। सफाई तक के मुकम्मल इंतजाम इन स्थानों पर नहीं किए गए हैं। वेंडरों को वहां जाने में कोई दिक्कत नहीं, पर समुचित व्यवस्था दी जाय।
रविशंकर द्विवेदी
प्रदेश महामंत्री आजाद स्ट्रीटवेंडर यूनियन व सदस्य टाउन वेंडिंग जोन