प्रयागराज ब्यूरो । कोतवाली क्षेत्र चौक से आठ साल पूर्व शहर के बड़े व्यापारी पंकज महेंद्र का अपहरण करके दस करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। इस केस में अभियोजन की ओर से 21 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है। शीर्ष अदालत के आदेश पर प्रकरण की सुनवाई हर रोज चल रही है। इस घटना में कुल दस अभियुक्त हैं। केस की जांच कर रही पुलिस को पंकज की गाड़ी संगम हनुमान मंदिर की पार्किंग में मिली थी।

अभियोजन पक्ष से गवाही हुई पूरी
व्यापारी पंकज महेंद्र के अपहरण व करोड़ों की फिरौती की सूचना भाई राहुल महेंद्र के द्वारा पांच सितंबर 2015 को कोतवाली पुलिस को दी गई थी। पुलिस को बताया था कि पंकज महेंद्र का प्रतिष्ठान मेसर्स भगतराम जय नारायण जवाहर स्क्वायर चौक थाना कोतवाली क्षेत्र में है। शाम करीब 7.45 बजे प्रतिष्ठान बंद घर के लिए निकले थे। काफी समय बीतने के बाद भी वह घर नहीं पहुंचे। वादी के जरिए उसके मोबाइल नंबर पर बात की गई। रात करीब 11.25 बजे अनजान व्यक्ति ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फिरौती मांगी गई। इस बीच वादी को पता चला कि पंकज की गाड़ी आई-10 संगम हनुमान मंदिर पार्किंग में मिली है। जिसमें न तो उसका ब्रीफकेस दिखा और न ही अन्य सामान। इस पर उसे शक हुआ कि फिरौती के लिए भाई का अपहरण किया गया है। इसी शक पर उसने तहरीर देकर केस दर्ज कराया गया था। इस चर्चित केस की जांच में जुटी पुलिस को मालूम चला कि अपहरणकर्ता पंकज को फतेहपुर के असोथर थाना क्षेत्र स्थित सरकंडी गांव में विनीत परिहार के फार्म हाउस ले जाया गा है। इस पर जिले की पुलिस वहां से व्यापारी को बरामद की थी। वादी की ओर से केस का संचालन कर रहे विषेष अधिवक्ता अपराध रणेंद्र प्रताप सिंह व जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के मुताबिक मामले में उच्च न्यायालय द्वारा डे टू डे सुनवाई के निर्देश हैं। इस मामले में दस अभियुक्तों हैं और अभियोजन की ओर से अब तक 21 लोगों की गवाही कराई जा चुकी है। अपर सत्र न्यायाधीश 2 विकास श्रीवास्तव के जरिए अगली डेट तीन अक्टूबर को कोर्ट द्वारा मुकर्रर की गई है। अपहरण और दस करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप विकल्प श्रीवास्तव, सचिच्दानंद, महेंद्र यादव, चंद्रमोहन यादव, विनीत परिहार, संकल्प श्रीवास्तव, संदीप चौधरी उर्फ राजेश कुमार, राकेश सिंह, भोलू उर्फ अभिषेक यादव, ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बब्लू पर लगाए गए हैं।


अपहरण और फिरौती के इस केस में तीन अक्टूबर को सुनवाई होगी। केस में धारा 364 ए में फांसी तक की सजा का प्राविधान है। मामले में 21 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी