प्रयागराज ब्यूरो । पकड़े गए चारों अभियुक्तों में जौनपुर निवासी अरुण तिवारी (गैंग सरगना), प्रतापगढ़ निवासी रोहित शर्मा, आजमगढ़ निवासी विजय पांडे और जलगांव महाराष्ट्र निवासी योगेश पाटिल है। यह सभी गुरुवार को शहर के ममफोर्डगंज मोड़ के पास से पकड़े गए। एसपी सिटी संतोष मीणा ने बताया कि यह सभी सूरत में किराए के मकान में रहते हैं। इनमें से रोहित शर्मा को किसी अपराधी ने टप्पेबाजी की ट्रेनिंग दी थी। बाद में इन चारों ने मिलकर गैंग बना लिया। रोहित स्टेशन में चाय बेचता है और अरुण की सूरत में पान की दुकान है। योगेश पेशे से ड्राइवर है। यह चारों इंटर स्टेट गिरोह बनाकर अलग अलग शहरों में टप्पेबाजी करते हैं। इनमें से अरुण 2016 में मारपीट की घटना को लेकर जेल भी जा चुका है। यह चारों अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। यह बैंक या एटीएम के आसपास रहकर लोगों पर नजर रखते थे और मौका पाकर टप्पेबाजी का अंजाम दे देते थे।

15 अक्टूबर को हुई थी टप्पेबाजी
इसी गैंग ने 15 अक्टूबर को कटरा के एक जनरल स्टोर के कर्मचारी हरिकेश को एक लाख का चूना लगाया था। वह अपने दुकान मालिक के कहने पर म्योराबाद की बैंक आफ बड़ौदा की शाखा से एक लाख रुपए निकालने पहुुंचा था। इन चारों ने बहाने से हरिकेश को लालच देकर एक लाख रुपए ऐंठ लिए थे और बदले में दो लाख अस्सी हजार बताकर फेक गड्डी पकड़ा दी थी। इसमें ऊपर का दो हजार का एक नोट असली था और नीचे कागज के टुकड़े थे।

कई अपराधों में यूज हुई है ब्रेजा
इनके पास से पुलिस ने एक ब्रेजा गाड़ी बरामद की है। जिसका गुजरात का रजिस्ट्रेशन है। यह गाड़ी कई अपराधिक वारदातों में पहले इस्तेमाल हो चुकी है। साथ ही 72 हजार रुपए नकद, दो चाकू, आठ अवैध देशी बम, पांच एंड्राइड फोन, एक की पैड फोन, रुमाल में बंधे नोट के आकार के कागज के टुकड़ों की गड्डी और नोटबुक बरामद की गई है। चारों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।