सेंटर्स पर पहुंच रहे ग्रामीण, 80 परसेंट को लगी वैक्सीन

वैक्सीनेशन में जिले के गांव शहर से पीछे नही हैं। बुधवार को चाका, जसरा और कोटवा सीएचसी में अस्सी फीसदी से अधिक लाभाíथयों ने वैक्सीन लगवाई। वहीं शहर में एमएलएन मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़ लगी रही। कुछ सेंटर्स ऐसे भी रहे जहां पर वैक्सीन का जरा भी वेस्टेज नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शहर में पाइप लाइन में वैक्सीन बची है। इसलिए अगले कुछ दिन तक दिक्कत नहीं आएगी। इस समय कोव वैक्सीन की 9500 डोज मौजूद हैं। आइए जानते हैं कि कहां कितनी वैक्सीन बुधवार को लगी

जसरा- 160

चाका- 183

कोटवा- 160

झूंसी- 80

बहरिया- 90

शंकरगढ- 95

रामनगर- 90

मेजा- 110

मांडा- 100

हंडिया- 97

प्रतापपुर- 90

सोरांव- 120

मउआइमा- 110

सैदाबाद- 108

मेडिकल कॉलेज- 710

डफरिन- 350

रेलवे- 170

बेली अस्पताल- 350

दारागंज- 185

एमडीआई अस्पताल- 180

एसएमसी एयर पफोर्स- 95

इलाहाबाद हाईकोर्ट- 60

बुधवार को कुल लगी वैक्सीन- 7816

प्रथम डोज- 6122

दूसरी डोज- 1694

बेड, आक्सीजन की समस्याएं अब नहीं रहीं

नए संक्रमितों की संख्या कम होने से कम हुई मारामारी

सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में खाली हैं बेड

कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब ढलान पर है। तेजी से लुढ़कता संक्रमण का खौफ पिछले माह की अपेक्षा 90 फीसद तक गायब है। मुस्कुराइये कि चिताओं से बढ़ता आग का दरिया भी अब काफी हद तक घट चुका है और घरों से लेकर अस्पतालों तक कहीं अफरा तफरी भी नहीं। कोरोना का 'पीक टाइम' बीतने के बाद आई इस स्थिति ने अब सरकारी और निजी कोविड अस्पतालों में राहत का रोशनदान खोल दिया है। डाक्टरों की मानें तो संक्रमितों में कोरोना संक्रमण की गंभीरता भी पहले की अपेक्षा कम मिल रही है।

ऐसे गिरा संक्रमण का ग्राफ

एक मई - संक्रमित 1145- मौत 23

दो मई - संक्रमित 984- मौत 21

तीन मई-संक्रमित 863- मौत 12

चार मई -संक्रमित 683- मौत 07

पांच मई -संक्रमित 596- मौत 07

छह मई - संक्रमित 645-मौत 08

सात मई-संक्रमित 456-मौत 08

आठ मई- संक्रमित 421-मौत 09

नौ मई- संक्रमित 236- मौत 06

10 मई- संक्रमित 286- मौत 06

11 मई- संक्रमित 202- मौत 06

अस्पतालों में बेड है और आक्सीजन भी

कोरोना संक्रमित या गैर संक्रमित लोगों के आक्सीजन लेवेल को लेकर पिछले माह जिस तरह की स्थितियां रहीं उसकी अपेक्षा अब काफी राहत है। सरकारी और निजी मिलाकर 18 कोविड अस्पतालों में बेड पर्याप्त खाली हैं। जिन निजी अस्पतालों में बेड के लिए सीधे इन्कार किया जा रहा था वहां अब आइसीयू, एचडीयू और आक्सीजन सप्लाई युक्त बेड खाली होने की जानकारी तक एनआइसी के पोर्टल पर उपलब्ध है। इतना ही नहीं, बेड की जानकारी हर एक घंटे पर अपडेट भी हो रही है।

संक्रमित और स्वस्थ होने वालों में चार गुना अंतर

कोरोना के संक्रमण की रफ्तार थमने के साथ ही स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। राहत की बात है कि अब प्रत्येक दिन नए संक्रमित 200 के आसपास मिल रहे हैं तो स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा 800 से ज्यादा है।

खाली रह गया 500 बेड का आइसोलेशन वार्ड

कालिंदीपुरम में लेवेल वन श्रेणी का 500 बेड का आइसोलेशन सेंटर स्वास्थ्य विभाग ने अप्रैल की शुरुआत में ही बना दिया था। इसमें आक्सीजन सप्लाई युक्त दो दर्जन बेड ही रहे। लेकिन अधिकांश लोगों को आक्सीजन की ही समस्या होने के चलते अप्रैल माह में इस आइसोलेशन वार्ड में कोई भर्ती नहीं हुआ।

कुछ अस्पताल हो सकते हैं कोविड श्रेणी से बाहर

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो संक्रमण की रफ्तार कम होने पर अब कुछ निजी कोविड अस्पतालों को कोविड श्रेणी से बाहर किया जा सकता है। पहली बार में चार से पांच अस्पतालों पर विचार विमर्श हो रहा है। हालांकि इस पर अभी मोहर नहीं लग सकी है।

कोविड संक्रमण से राहत जरूर मिली है लेकिन खतरा बरकरार है। अचानक आई आपदा के चलते अस्पतालों की व्यवस्था में लोगों को कुछ खामियां दिखीं, अब वह खामियां भी दूर हो चुकी हैं। लोगों को मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव करते रहना है, उम्मीद है कि 20 मई तक कोरोना से जंग काफी हद तक जीत ली जाएगी।

डा। ऋषि सहाय

नोडल, कोविड-19, प्रयागराज