प्रयागराज (ब्‍यूरो)। फूलपुर सीट से भाजपा की जीत में शहरी के वोटर्स का अहम रोल रहा है। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल को शहरी की दोनों विधानसभाओं शहर पश्चिमी और उत्तरी से सपा के मुकाबले कहीं अधिक वोट मिले हैं। बाकी तीनों ग्रामीण विधानसभा सोरांव, फाफामऊ और फूलपुर में वोटर्स ने सपा को अधिक वोट दिया है। लेकिन शहरी वोटों के मार्जिन से भाजपा को जीत हासिल हुई है।

इस अंतर ने बनाया विजयी
लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रवीण पटेल 4332 वोट से जीते हैं। उन्होंने सपा के अमरनाथ मौर्या को काफी कम वोट से हराया है। लेकिन यह जीत भी उन्हे शहरी मतदाताओं के जरिए ही मिली है। शहर पश्चिमी विधानसभा में भाजपा को 106414 वोट मिले और शहर उत्तरी से भाजपा को 91440 वोट हासिल हुए हैं। जबकि सपा को इन्ही दोनों विधानसभाओं से 91629 और 61735 वोट प्राप्त हुए हैं। इस तरह से शहर उत्तरी में 14785 और शहर उपश्चिमी में 61735 वोट अधिक भाजपा को मिले हैं। यही अंतर जीत में अहम फैक्टर साबित हुआ है।

यहां पर फंस सकती थी नैय्या
जबकि इसके उलट ग्रामीण एरिया फाफामऊ, सोरावं और फूलपुर में सपा को भाजपा से अधिक हासिल हुए हैं। तीनों विधानसभाओं में भाजपा को 80166, 83376 और 89650 वोट मिले हैं। जबकि सपा को क्रमश: 88999, 96312 और 107510 वोट प्राप्त हुए हैं। लेकिन इन तीनों विधानसभाओं के वोट से सपा को इतनी बढ़त नही मिली कि वह हार को जीत में बदल सके। अंत में उसे 4332 वोट से हार का सामना करना पड़ा।

केशव और केसरी के लिए भी बने थे पालनहार
केवल प्रवीण पटेल के लिए नही, शहर उत्तरी और पश्चमी के मतदाताओं ने 2014 में प्रत्यशी रहे केशव प्रसाद मौर्य और 2019 में फूलपुर से प्रत्याशी रहीं केसरी देवी पटेल के लिए भी अहम भूमिका निभाई थी। इनके वोटों के मार्जिन से ही दोनों प्रत्याशी सपा प्रत्याशी के मुकाबले भारी भरकम वोट से जीते थे। केशव प्रसाद को 3 लाख और केसरी देवी पटेल को एक लाख से अधिक की बढ़त मिली थी। बाद में यही बढ़त उनके जीत का आधार बन गई।

एक नजर में वोट फैक्टर
विधानसभा भाजपा सपा
शहर पश्चिमी 106414 91629
शहर उत्तरी 91440 61735
फाफामऊ 80166 88999
सोरांव 83376 96312
फूलपुर 89650 107510

ब्राम्हण और कायस्थ बाहुल्य
शहर की दोनों शहर पश्चिमी और उत्तरी विधानसभाएं ब्राम्हण और कायस्थ बाहुल्य हैं। इनके वोट भी भाजपा में भारी मात्रा में जाते हैं। बता दें कि इस सीट को हमेशा से वीआईपी सीट कहा जाता है। उप मुख्यमंत्री उप्र केशव प्रसाद मौर्य ने 2014 भाजपा के टिकट से पहली बार यहां कमल खिलाया था। इसके पहले इस सीट से कभी भाजपा नही जीती थी। इसी सीट से जीतकर पहली बार जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने थे। तीन बार से इस सीट से भाजपा लगातार जीत हासिल कर रही है।