प्रयागराज (ब्यूरो)। दो दिन पहले पेट्रोल 9.5 और डीजल सात रुपये कम होने के बाद मंगलवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट टीम ने मार्केट जाकर घरेलू सामान में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सरसो व रिफाइंड तेल से लेकर घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री सरिया, सिमेंट, पेंट्स रेट का जायजा लिया। तेल बेचने वाले दुकानदार ने बताया कि फाच्र्यून कंपनी का पांच सौ एमएल सरसों तेल 109 और एक लीटर 230 रुपये में बेचते थे। आज भी उसी रेट पर बेच रहे हैं। कोई बदलाव नहीं आया है। सरिया बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि एक कुंटल सरिया का रेट 6750 रुपये है। फुटकर में एक किलो 68 रुपये का है। ज्यादा लेने पर पचास पैसे का अंतर है। सिमेंट दो रेट का है। एक 385 और एक 395 रुपये का है। बाकि पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने से कोई फर्क नहीं पड़ा है। पेंट्स के दुकानदार ने भी ऐसा ही जवाब दिया। उनका कहना था कि 80 रुपये से लेकर 700 रुपये लीटर तक है। रेट में कोई अंतर नहीं है। इन सभी व्यापारियों का कहना था कि अभी पुराना स्टॉक है। नया स्टॉक आयेगा तो किराया-भाड़ कम लगेगा तो कम हो जाएगा।

मंडी पर भी नहीं दिखा असर
पेट्रोल-डीजल के रेट कम होने पर सब्जियों और फलों के रेट पर कितना फर्क पड़ा है। इसको लेकर जब रिपोर्टर ने मंडी के सब्जी और फल व्यापारी से बातचीत की तो सब्जी व्यापारी सतीश चंद्र कुशवाहा ने बताया कि कोई फर्क नहीं पड़ा है। पचास पैसा से लेकर एक रुपये का अंतर हो यह अलग बात है। लेकिन बिगड़े मौसम और बारिश के चलते रेट भले दस से बीस प्रतिशत तक हाई हो सकता है। वही फल व्यापारी प्रतीक पांडेय ने बताया कि दूरदराज से आने वाले फल के रेट पर थोड़ा असर पड़ा है। हर फल पर पांच से दस रुपये थोक में कम हुआ है। लेकिन आसपास जिले से आने वाले फल के रेट पर कोई असर नहीं है।

रेट में कोई गिरावट नहीं आई है। जो रेट चार दिन पहले था। आज भी वही रेट है। हर बड़े व्यापारी के पास पुराना स्टॉक पड़ा हुआ है। जब नया स्टॉक आयेगा तो कुछ रेट कम हो सकता है। यह मान कर चले जो ट्रांसपोर्ट में खर्च का पैसा जोड़ा जाता था। वह अब कम जुड़ेगा।
प्रियंक कुमार गुप्ता, नेक्स्ट जेनरेशन इंटरलॉक स्टील

मानकर चले पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने से पंद्रह से बीस दिन बाद मार्केट में कुछ रेट पर असर दिखाई पड़ेगा। पहले
भी पेंट्स 80 से लेकर 700 रुपये में बिक रहा था। आज भी उसी रेट पर बिक रहा है।
पीयूष, शिवम पेंट्स कटरा मार्केट

दूरदराज से आने वाले फल के रेट पर थोक में पांच से दस रुपये तक की गिरावट आई है। फल तो हर दूसरे दिन गाड़ी मंड़ी में ऑर्डर करना पड़ता है। जो अब नई खेप आ रही है। उसमें थोड़ा लोगों को रेट में अंतर जरूर मिलेगा।
प्रतीक पांडेय, फल व्यापारी

सरसों और रिफाइंड के दाम में कोई अंतर नहीं है। ऊपर से मॉल उसी रेट पर ही मिल रहा है। जो ट्रांसपोर्ट खर्च कम हुआ है। उससे कोई असर नहीं आएगा। जो कंपनी थोड़ा बहुत छूट दे दे तो अलग बात है।
आंनद कुमार राय, जनरल स्टोर