-नालियों में जमा सिल्ट बन जाता है मुसीबत

-बारिश में सड़कों पर निकलना होता है दूभर

ALLAHABAD: हर साल सिटी की साफ सफाई की व्यवस्था के लिए लाखों करोड़ों फंड रिलीज होते हैं और वह फंड विकास कार्य के नाम पर खर्च भी होते हैं। मगर, फिर भी शहर की स्थिति जब की तस बनी हुई है। कुछ ऐसा ही होता है राजापुर मोहल्ले में। मानसून के दौरान यहां थोड़ी-सी बारिश के बाद ही हालात बदतर हो जाते हैं। लोगों का घर से निकलना दूभर हो जाता है।

जल निकासी नहीं व्यवस्था

राजापुर मोहल्ले की गिनती सिटी के निचले इलाकों में की जाती है। इस मोहल्ले का आलम यह है कि हल्की सी बारिश में पूरा एरिया पानी-पानी हो जाता है। बावजूद इसके मानसून से पहले इससे निपटने की कोई तैयारी नहीं की गई है। दरअसल, नालियों की प्रॉपर सफाई न होने से उनमें सिल्ट जमा हो जाती है और थोड़ी-सी बारिश के बाद ही सड़क पर पानी भर जाता है। इस संबंध में पब्लिक का कहना है कि सफाई कर्मी प्रॉपर ड्यूटी नहीं करते हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि सफाई कर्मी नाली व नालों से गंदगी निकालने के बाद उसे गलियों में छोड़कर भूल जाते हैं। जब इसकी शिकायत अधिकारियों से की जाती है तो गंदगी को उठाया जाता है तब स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि लोगों का रोड पर चलना मुश्किल हो जाता है। कई बार तो कूड़ा उठने में क्भ् से ख्0 दिन तक लग जाते हैं।

बरसात का पानी घर में

सिटी का निचला इलाका होने के साथ ही यहां की खस्ताहाल सड़कें बहुत कुछ बयां करती हैं। बरसात के दिनों में हल्की बारिश लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर देती है। इस मौसम में आलम यह होता है कि बारिश के साथ ही नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। इसके चलते कई बार स्थानीय पब्लिक को बाढ़ तक का सामना करना पड़ चुका है। इन सबके बावजूद अभी तक नालियों और नालों की सफाई न होने की वजह से लोगों के फेस पर आने दिनों में होनी बरसात को देखते हुए चिंता सता रही है। अगर समय रहते इस ओर विभाग के लोगों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो एक बार फिर यहां के लोगों के सामने विकट समस्या आने वाले दिनों में फेस करना पड़ सकता है।

वर्जन

सफाई व्यवस्था कुछ भी नहीं है। इलाके में गंदगी इस कदर फैली है कि लोग बीमार पड़ रहे हैं। सफाई कर्मी आते नहीं है और जब वह कभी आते हैं तो काम सही से नहीं करते हैं। यहीं वजह है के क्षेत्र में गंदगी का अंबार फैला हुआ है।

सुनीत देवी

यहां तो सफाई कर्मी बहुत कम दिखते हैं। वह कब आते हैं और कब काम समाप्त कर के निकाल जाते हैं। कोई नहीं देखता है। नालियों में गंदगी भरी हुई हैं।

रामकली

सफाई कर्मियों से अजीज आ चुके हैं। उनसे कुछ कहो तो वह सुनते ही नहीं है उल्टा बहस करने लगते हैं। काम के नाम पर ये लोग सिर्फ खानापूर्ति करते है।

फूल देवी

मोहल्ले की नालियां ज्यादातर कूड़े और गंदगी से पटी पड़ी हैं। हालत यह है कि थोड़ी-सी बारिश में सड़कों पर पानी भर जाता है। इलाके में दवा का छिड़काव न होने से मच्छर-मक्खियों का आतंक फैला हुआ है।

फैजल

सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। नगर निगम के सफाई कर्मी काम जरा भी नहीं करते हैं। इसी कारण नालियां चोक रहती हैं और बारिश के दौरान सड़कों पर पानी भर जाता है।

अजहर

गंदगी के लिए काफी हद तक हम सब जिम्मेदार हैं। अगर हम लोग स्वयं गंदगी रोड पर न फैलाएं तो काफी स्वच्छता नजर आएं। लोग सड़क पर कूड़ा फेंकते हैं जो बरसात में मुसीबत बन जाता है।

इरशाद

नगर निगम के अधिकारी अगर समय समय पर वार्डो में जाकर वहां की सफाई व्यवस्था पर ध्यान दें तो खुद ब खुद हालात बदल जाएंगे। इतना ही नहीं जो लोग लापरवाही करते हैं वह भी सही से काम को पूरा करेंगे।

मनीष

सफाई कर्मियों से कुछ भी कहो वह सुनते ही नहीं है। उन्हें जितना मन करता है वह उतना ही काम करते हैं। अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

अरशद

मैं जिस गली में रहता हूं वहां सफाई बिल्कुल नहीं होती है। सफाई कर्मियों से कुछ कहो तो वह सुनते नहीं है। कई बार इसकी शिकयत की गई मगर कोई अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

सलीमउद्दीन