प्रयागराज ब्यूरो । आरओ, एआरओ पेपर लीक मामले में छात्रों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। मामला तूल पकड़ चुका है। हालांकि शनिवार को लोक सेवा आयोग ने छात्रों को भरोसा दिलाया है कि हम आईपी एड्रेस तक पहुंच गए हैं। जिस मोबाइल से पेपर के जवाब वायरल किए गए, उस मोबाइल नंबर को इस्तेमाल करने वाले बहुत जल्द ही ट्रेस कर लिया जाएगा। आयोग ने भरोसा दिया कि दो जांच टीमों की मानिटरिंग एक हाई पावर कमेटी कर रही है। जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश किया जाएगा।
आरओ एआरओ पेपर लीक मामले को लेकर कई दिनों से छात्र आंदोलन के मूड में हैं। शनिवार को भी सैकड़ों छात्र आयोग गेट पर जमा हो गए। जिस पर आयोग ने छात्रों को वार्ता के लिए बुलाया। भष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल आयोग के सचिव से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने पेपर लीक प्रकरण पर अपनी मांग रखी। कहा कि आरओ, एआरओ पेपर को रद किया जाए। जो भी छात्र साक्ष्य दें उनका नाम गोपनीय रखा जाए। जिस प्रेस में पेपर छापे गए हैं, उसको प्रतिबंधित किया जाए। जिन परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी की आशंका है, वहां सख्त कार्रवाई की जाए। आयोग की किसी परीक्षा में गृह जनपद में सेंटर न एलाट किया जाए। जांच में एक पूर्व न्यायाधीश और एक वर्तमान न्यायाधीश को रखा जाए।

हाई पावर कमेटी कर रही मानिटरिंग
आयोग ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि एसटीएफ और आयोग की आंतरिक कमेटी की जांच प्रक्रिया को एक हाई पावर कमेटी मानिटर कर रही है। जल्द ही पेपर लीक को लेकर खुलासा होगा। जरुरत पडऩे पर पेपर रद किया जाएगा। पेपर दोबारा कराया जाएगा।

ये है मामला
आरओ, एआरओ पेपर के दौरान प्रथम पाली की परीक्षा हो रही थी। तभी पेपर का हल वायरल हो गया। प्रथम पाली की परीक्षा देकर निकले छात्रों को जानकारी हुई तो उनमें आक्रोश फैल गया। छात्रों को लगा कि पेपर कैंसिल कर दिया जाएगा। मगर दूसरी पाली की परीक्षा तय प्रोग्राम के अनुसार हुई। इसके बाद से छात्र आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। आयोग गेट पर छात्र जमा होकर पेपर रद करने की मांग कर रहे हैं।