प्रयागराज (ब्यूरो)। किसी भी शादीशुदा जोड़े के लिए करवा चौथ पर्व विशेष महत्व रखता है। जिसमें पत्नी अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं तो बदले में पति उनको मनपसंद उपहार देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। इस बार नव विवाहित जोड़े तो पहले करवाचौथ की तैयारियों को लेकर रोमांचित हैं तो वहीं शादी के कई साल बीतने के बावजूद महिलाएं अपने पहले करवा चौथ की यादों को संजोए हुए हैं। उनका कहना है कि यह पर्व उनके रिश्ते में प्रेम, समर्पण और नई परंपराओं को समेटे हुए आता है। यह पर्व न केवल एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि उन यादों को भी ताजा करने का अवसर प्रदान करता है, जो उनके रिश्ते को और मजबूत बनाती हैं।
सास ने तैयार की थी सरगी
दारागंज की रहने वाली पिंकी की शादी को पांच साल हो गए। वह कहती हैं पहला करवा चौथ सभी नवविवाहितों के लिए यादगार होता है। मैंने भी अपने पहले करवा चौथ की यादें अपने ज़हन में संजोई हुई हैं। यह मेरे लिए इस लिए भी खास था क्योंकि मेरे पति ने भी मेरे साथ इस व्रत को रखा, जो मेरे लिए बहुत मायने रखता था। मुझे रीति-रिवाज के बारे में कुछ नहीं पता था, लेकिन मेरी मां ने मुझे हर एक चीज़ विस्तार से बताई, जिसके अनुसार मैंने पूजा-पाठ और श्रृंगार की खरीदारी की थी। व्रत वाले दिन, मैंने सुबह से तैयारियों में जुटी रही, और मेरे पति ने भी मेरा हाथ बटाया। सूरज निकलने से पहले, मेरी सास ने मेरे लिए सरगी तैयार की, जिसे खाने के बाद मैंने पूरे दिन व्रत रखा। शाम को, मेरे पति ने मुझे उपहार में बहुत सुंदर सोने की बालियां ला कर दीं, जिससे मैं बहुत सरप्राइज हो गई। फिर शाम को चांद निकलने के बाद मैंने पूजा की और हमने दोनों ने मिलकर डिनर किया।
पति ने हर कदम पर किया सपोर्ट
सल्लाहपुर की रहने वाली सीमा की शादी को भी छह साल हो चुके हैं। वह कहती हैं कि मेरे लिए पहला करवा चौथ काफी यादगार है। इतने साल बाद भी पहले करवा चौथ का अनुभव बहुत खास रहा। मैं इस व्रत को लेकर काफी नर्वस थी, क्योंकि यह एक निर्जला उपवास होता है। मैंने इस व्रत को रखने के लिए सभी तैयारियां अपनी सास से पूछकर की थी। एक दिन पहले मैंने सब रेडी कर लिया था। मेरे पति ने भी मुझे काफी सपोर्ट किया और मुझे लाल साड़ी और मोबाइल फोन गिफ्ट किया। जिसे पाकर मेरी खुशी का ठिकाना नही था। फिर इसे मोबाइल से हमने पूजा के दौरान कई फोटोज क्लिक किए जो आज भी उन यादों को ताजा कर रहे हैं।
पहले करवा चौथ पर साथ नही होंगे पति
खुशी का यह पहला करवाचौथ है। वह शंकरगढ़ की रहने वाली हैं। वह कहती हैं कि मेरे पति एसएसबी यानी फोर्स में हैं और उन्हें छुट्टिर्यं काफी कम मिलती हैं। यही कारण है कि इस साल पहले करवा चौथ के दिन भी मेरे पति मेरे साथ नहीं होंगे। मैं इस बात से काफी नर्वस और थोड़ी उदास भी हूं, लेकिन मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि मैं इस पहले करवा चौथ को यादगार बना सकूं। मैंने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पूजा और श्रृंगार का सामान, जैसे साड़ी, चूडिय़ां, बिछिया, और मेहंदी सब खरीदकर रख लिया है। वह कहती हैं कि यह मेरे लिए पहली बार निर्जला व्रत रखना होगा, जो कि काफी कठिन होने वाला है। पति ने मुझे बतौर गिफ्ट सोने की रिंग भेजी है। वाकई यह पर्व मेरे लिए काफी इमोशनल फीलिंग्स लेकर आने वाला है।
बाजार में दिखने लगी महिलाओं की भीड़
इस साल बीस अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व है। इसका असर बाजार में दिखने लगा है। महिलाएं खरीदारी में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। कटरा, चौक, सिविल लाइंस सहित तमाम बाजारों उनकी भीड़ देखी जा सकती है। हार, बिंदिया, बिछुए, और सोने-हीरे की अंगूठियों की खरीदारी भी परवान चढ़ रही है। दुकानदारों की माने तो इस बार महिलाओं की पसंद और लाल के साथ चाकलेटी रंग की साडिय़ां हैं जो ट्रेंड कर रही हैं। पूजन सामग्री में करवा, छननी, दीये और कांच की लाल चूडिय़ां की खरीद हो रही है। मेहंदी लगाना इस पर्व पर शुभ माना जाता है, इसलिए महिलाएं मेहंदी की खरीदारी भी कर रही हैं।