प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल के साथ मारे गए दो गनर में एक की कारबाइन से कारतूसों के गायब होने का पता चला है। कारबाइन की मैगजीन से 10 कारतूस गायब थे। इन कारतूसों को लेकर पुलिस परेशान है। कारतूस गए कहां। कहा जा रहा है कि शूटर गुलाम ने कारतूस निकाल लिए थे हालांकि पुलिस यह भी जवाब तैयार रखे है कि कारबाइन गिरने पर मैगजीन अलग हो गई और कारतूस बाहर निकल गए। फिर कारतूसों को उठाया गया या क्या हुआ, किसी को पता नहीं है।

शूटर ने उठायी थी कारबाइन फिर फेंक दी

24 फरवरी को शाम करीब पौने पांच बजे जिला न्यायालय से सुलेमसराय जयंतीपुर स्थित घर के सामने जीटी रोड पर कार से उतरते ही अधिवक्ता उमेश पाल और दोनों गनर पर गोलियों और बम से हमला किया गया था। वीडियो फुटेज में दिखा कि उमेश पर गली में घुसकर गोलियां बरसाने के बाद निकला शूटर गुलाम असद से टकराकर गिरा तो उसने कार के बगल पड़ी गनर राघवेंद्र की कारबाइन उठा ली थी। इसके बाद क्या हुआ किसी को दिखा नहीं। चर्चा तो यह भी रही कि कारबाइन गायब है लेकिन पुलिस ने बताया कि कारबाइन वहीं सड़क पर मिल गई थी। अब पता चला है कि उसकी मैगजीन से 10 कारतूस नदारद थे।

हर कारतूस का होता है हिसाब

सरकारी गनर की स्टेनगन (कारबाइन) से कारतूस कैसे गायब हो गए। कारतूस भी प्रतिबंधित प्वाइंट नाइन मिलीमीटर बोर के। 10 कारतूस गायब होने से पुलिस में हलचल मची क्योंकि अब हर एक कारतूस का हिसाब देना होता है। कुछ साल पहले तक किलो के हिसाब से वजन में कारतूस जिला पुलिस को मिलते थे तो दो-चार कारतूस इधर-उधर होने पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था लेकिन अब एक-एक कारतूस की गिनती रहती है। कारतूसों के गायब होने के पीछे एक अनुमान यह जताया गया है कि शूटर गुलाम ने उठाकर देखने के बाद कारबाइन फेंकी तो उसकी मैगजीन अलग हो गई। स्पिंग भी निकल गई थी। तभी कारतूस बाहर छिटक गए। दूसरी बात यह भी है कि संभव है कि गुलाब ने ही पल भर में कारतूस बाहर निकाल जेब में डाल लिए जो वीडियो फुटेज में नहीं दिख सका है। धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्य ने कहा कि कारबाइन के गायब हुए कारतूसों सड़क पर गिरने के बाद छिटकने का ही अंदेशा है।