प्रयागराज ब्यूरो । नफीस बिरयानी नहीं रहा। नफीस की अचानक मौत से तमाम राज दफन हो गए। और एक राज ये भी दफन हो गया कि उसके साथ कौन था जो अंधेरे का फायदा उठा कर भाग निकला था। नफीस पुलिस मुठभेड़ में पकड़ा गया था.् इस दौरान उसके साथ रहा बाइक चला रहा युवक भाग निकला था, अब ये युवक कौन है, इस बारे में पुलिस को शायद ही कभी जानकारी लग सके। जबकि जाहिर है कि नफीस किसी अपने बेहद करीबी के साथ ही बाइक पर था।

वांटेड था नफीस बिरयानी

बिरयानी किंग नफीस उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड था। उमेश पाल हत्याकांड में जिस कार से माफिया अतीक का बेटा असद मौके पर पहुंचा था, वह कार नफीस की है। इसका पता चलने पर पुलिस नफीस को तलाश रही थी। 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद नफीस की तलाश मार्च से शुरू हुई थी। नफीस नहीं मिला तो उस पर पचास हजार का इनाम घोषित कर दिया गया।

22 को हुई थी मुठभेड़

पुलिस नफीस की तलाश में लगी थी। इस दौरान 22 नवंबर को रात में करीब आठ बजे पुलिस को सूचना लगी कि नफीस लखनऊ से बाइक से अपने एक साथी के साथ प्रयागराज आ रहा है। नवाबगंज थाना क्षेत्र में मंसूराबाद बाईपास के पास पुलिस ने सड़क पर नफीस की घेराबंदी की। इस दौरान नफीस के साथ रहे युवक ने बाइक आनापुर रोड पर मोड़ दी। पुलिस ने बाइक का पीछा किया। रेलवे क्रासिंग पार करने के बाद पुलिस ने बाइक सवार नफीस को रुकने के लिए कहा। मगर उधर से फायरिंग होने पर पुलिस ने भी बचाव में गोली चलाई। जिस पर पीछे बैठे नफीस बिरयानी के पैर में एक गोली लग गई। नफीस चलती बाइक से गिर पड़ा। जबकि बाइक चला रहा युवक भाग निकला।

नहीं मिल सकी पुलिस को जानकारी

चूंकि नफीस गोली लगने से घायल हो गया था। ऐसे में फौरन उसे स्वरूपरानी अस्पताल भेजा गया। जहां पर वह छह दिन तक रहा। इस दौरान पुलिस उससे ज्यादा पूछताछ नहीं कर सकी। इसके बाद नैनी जेल जाने के बाद पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में थी। मगर अचानक रविवार को उसे हार्ट अटैक हुआ और रात में उसकी मौत हो गई। ऐसे में पुलिस यह नहीं जान सकी कि बाइक से भागा युवक कौन था।