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PRAYAGRAJ: राजकीय संस्थानों का निजीकरण, 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति एवं नवनियुक्त कर्मचारियों को पांच वर्ष तक संविदा पर रखने के विरोध में कर्मचारियों की मीटिंग हुई। मीटिंग के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है।

सरकार द्वारा पांच वर्ष तक संविदा नियुक्ति, 50 वर्षो तक अनिवार्य सेवनिवृत्ति जैसे जन विरोधी निर्णयों के खिलाफ आम चुनाव में राज्य कर्मचारी ही सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सबक सिखाएंगे। जनजागरण समिति के बैनर तले हुई मीटिंग में कर्मचारियों ने सरकार के नए फैसले के विरोध में आर-पार की लड़ाई का आह्वान किया है। इस मौके पर बीके याज्ञेय, रागविराग, श्यामसूरत,ओ पी सिंह, मुनव्वर ऐजा, सिद्धार्थ सोनकर समेत अन्य कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

सरकारी नीतियों का हुआ विरोध

सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने के लिए बुधवार को तमाम विभागों के कर्मचारी विकास भवन में जुटे। उनका कहना था कि सरकार द्वारा निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सारे सरकारी सेक्टर बेचे जा रहे हैं और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है। विरोध के लिए एक जन जागरण समिति का भी गठन किया गया है। विरोध में विकास भवन में बाल विकास पुष्टाहार विभाग, समाज कल्याण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, पीआरडी, विभाग ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, सहकारिता विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, जिला कृषि विभाग तथा सांख्यिकी विभाग एवं अल्पसंख्यक विभाग के कर्मचारी शामिल रहे।