प्रयागराज ब्यूरो । नौतपा लगने के बाद एकदम से तापमान बदल गया है। गुरुवार को भी पारा 47.5 डिग्री दर्ज किया गया। ऐसे में इंसान और जानवर तो क्या पावर सप्लाई करने वाले ट्रांसफारमर को भी कूलिंग की जरूरत पड़ रही है। बिजली विभाग अपने बड़ेे ट्रांसफारमरों पर कूलर लगवा रहा है ताकि वह अधिक गर्मी में जल न जाएं। इसके साथ ट्रांसफारमरों को ठंडा रखने के लिए पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है।

अब तक लग गए 15 कूलर
बिजली विभाग की ओर से ट्रंासफारमरों को बचाने के लिए रेंट पर कूलर लेकर लगाया जा रहा है।
यह कूलर पावर हाउस में लगे बड़े ट्रांसफारमर पर लगाए जा रहे हैं।
क्योंकि इनमें बिजली सप्लाई मेगा वाट में होती है और ओवर हीट होने पर यह फुंके तो दर्जनों इलाकों में बिजली के लिए लंबे समय तक हाहाकार मच सकता है।
विभाग की ओर से म्योहाल डिवीजन में 3, करेलाबाग में 2, कल्याणी देवी में 5, बमरौली में 2 और ममफोर्डगंज में तीन कूलर लगाए गए हैं और जल्द ही बाकी डिवीजन में भी नए कूलर फिट कराए जाएंगे। जिनका काम ठंडी हवा देकर ट्रांसफारमर को ओवरहीटिंग से बचाना है।

मंगवाए जा रहे हैं फर्राटा फैन और एक दर्जन टैंकर
छोटे ट्रांसफारमर जिनमें किलोवाट के हिसाब से बिजली की सप्लाई होती है, वहां पर फार्राटा फैन लगवाए जा रहे हैं।
बमरौली डिवीजन से इसकी शुरुआत हो चुकी है।
इन ट्रांसफारमर को ठंडा रखने के लिए बिजली विभाग ने जल संस्थान से एक दर्जन से अधिक पानी के टैंकर भी मंगवाए हैं।
इन टैंकरों के जरिए ट्रांसफारमर के अर्थिंग तार वाली जगह पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है।
यह दो दिन से लगातार चल रहा है।

क्सएक माह में जले 150 ट्रांसफारमर
विभाग का कहना है कि इस बार अनएक्सपेक्टेड गर्मी पड़ रही है। ऐसे में अधिक तापमान होने से ट्रांसफारमर तेजी से गर्म हो रहे हैं। अब तक एक माह में लगभग 150 छोटे और बड़े ट्रांसफारमर फुंक चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा यमुनापार एरिया में जले हैं। इसके बाद गंगा पार और शहर भी शामिल है। इसके अलावा ट्रांसफारमर का डीओ या एमसीवी जलना भी आम बात हो गई। इससे बचाव के लिए उनकी कूलिंग की व्यवस्था की जा रही है। विभाग की माने तो अधिक तापमान ट्रांसफारमर की सेहत के लिए घातक है। बुधवार की रात ट्रांसफारमर में खराबी आने से राजरूपपुर और कसारी मसारी में बिजली गायब रही। दो से तीन बार बनाने के बाद सुबह बिजली की सप्लाई सुचारू हो सकी।


कब पड़ती है कूलिंग की जरूरत
एक्सपर्ट बताते हैं कि ट्रांसफारमर का तापमान जब 75 डिग्री से अधिक हो जाता है तब उसे कूलिंग की व्यवस्था करनी पड़ती है। ऑलरेडी ट्रांसफारमर में कूलिंग के लिए ऑयल भरा जाता है। साथ ही इनमें एग्जास्ट फैन भी लगा रहता है जो अधिक गर्मी होने पर अपने आप चालू हो जाता है। लेकिन इस बार गर्मी अधिक होने से यह विकल्प भी काम नही आ रहे हैं। ऐसे में विभाग द्वारा किराए पर कूलर और फर्राटा फैन लेकर लगाए जा रहे हैं।

इस बार अप्रत्याशित तरीके से तापमान बढ़ रहा है। ऐसे में ट्रांसफारमर की सेहत का ख्याल रखना जरूरी है। यही कारण है कि उपकेंद्रों के ट्रांसफारमरों पर कूलर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा फर्राटा फैन लगाने के साथ पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।
मनोज गुप्ता
एक्सईएन, बमरौली डिवीजन प्रयागराज