प्रयागराज ब्यूरो । स्मोकिंग की लत तेजी से किशोर और युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है। वह नशे और दिखावे के दलदल में फंसकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। इससे उनको काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। परिजनों को इसकी जानकारी होने पर वह डॉक्टर्स का चक्कर काटते हैं। जिसमें काफी समय लग जाता है। ताजा उदाहरण काल्विन अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र का है। यहां पर पिछले एक साल में 5200 लोगों ने स्मोंिकंग छोडऩे के लिए काउंसिलिंग कराई है। इनमें से 2300 किशोर और युवा शामिल हैं।
एक गलती की लंबे समय तक भुगती सजा
यह 2300 लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 10 से 30 साल के बीच है। मतलब इनमें युवा और किशोर शामिल हैं। यह सभी काउंसिलिंग में बताते हैं कि एक बार मजाक मजाक मे स्मोकिंग की थी और इसके बाद इसकी लत सी लग गई। धीरे धीरे इसका संख्या बढ़ती गई। बहुत से लोगों ने बताया कि वह दिनभर में दो से तीन पैकेट सिगरेट पी जाते हैं। कुछ दिन बाद भूख लगनी बंद हो गई और खांसी की शिकायत होने लगी। होठ काले पड़ गए तो घरवालों को शक होने लगा। जब परिजनों या जीवनसाथी को पता चला तो इनकी लत छुड़वाने के लिए काउंसिलिंग के लिए नशा मुक्ति केंद्र लेकर आ गए।
13 मार्च को मनाया जाता है दिवस
हर साल 13 मार्च को धूम्रपान निषेध दिवस (नो स्मोकिंग डे) मनाया जाता है। जिसकी शुरूआत 1984 में आयरलैंड गणराज्य में हुई थी। इस बार बच्चों को स्मोकिंग से बचाने की थीम रखी गई है जिस पर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। क्योंकि विश्व भर में जो आंकड़े सामने आए हैं उसमें किशोर और युवा सबसे ज्यादा स्मोंिकंग की चपेट में सामने आ रहे हैं। इसको लेकर डॉक्टर्स भी चिंता जाहिर कर रहे हैं।
तर्क जो दे रहे हैं स्मोकर्स
- पढ़ाई या जॉब का काफी तनाव रहता है इसलिए सिगरेट पीनी शुरू कर दी।
- क्लास में दोस्तों से स्टाइल मारने के लिए सिगरेट पिलाना सिखाया और अब यह लत बन गई है।
- सिगरेट पीना एक स्टेटस सिंबल बन गया है इसलिए यह नशा शुरू कर दिया।
- सिगरेट पीने से दिमाग तेज चलता है और काम करने मे मन लगता है।
- पेट साफ करने के लिए सिगरेट पीना बेहद जरूरी है।
- दोस्तों का कहना है कि मेरा सिगरेट पीने का स्टाइल अलग है इसलिए पीने लगा।
ऐसे छोड़ सकते है सिगरेट की लत
- धीरे धीरे सिगरेट की संख्या को कम करना चाहिए।
- नशा मुक्ति केंद्र में काउसिलिंग कराई जानी चाहिए।
- अगर पीने की फ्रिक्वेंसी अधिक है तो इस पर लगाना जरूरी है।
- जो लोग सिगरेट पीकर गंभीर बीमारी की चपेट मं आ गए हैं उनके बारे में बताया जाना चाहिए।
- जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनके संपर्क में कम ही रहना चाहिए।
जारी हो गया है हेल्पलाइन नंबर

तंबाकू से नशे की लत को बढ़ता हुए देखते हुए सरकार ने क्विट टोबैको प्रोग्राम की शुरूआत की है। इसके तहत हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है और इसके 1800112356 जरिए काउंसिलिंग भी होती है साथ ही स्मोकिंग से होने वाली समस्याओं के बारे भी जानकारी दी जाती है। धीरे धीरे लोग इस हेल्प लाइन नंबर का सहारा लेकर नशे से दूरी बना रहे हैं।


बिना इच्छाशक्ति कोई भी नशे से छुटकारा नही पा सकता है। हमारे यहां युवा और किशोर अधिक संख्या में आते हैं। उनकी काउंसिलिंग कराई जाती है और नशे से दूर रहने की सलाह दी जाती है। अधिकतर लोग काउंसिंिग के बाद नशा छोड़ देते हैं। उनको समाज में रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाता है।
डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक