बरेली(ब्यूरो)। सरकार की ओर से छोटा परिवार खुशहाल परिवार के संदेश को जनपद की महिलाएं ही साकार कर रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं आज भी पुरुषों से नसबंदी कराने में आगे हैं। वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार जिले में 3936 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इन के सापेक्ष सिर्फ 14 पुरुष ही नसबंदी के लिए आगे आए। इसका मतलब है कि परिवार नियोजन का भार भी महिलाओं के कंधों पर है।

नसबंदी में अंतर
परिवार नियोजन नोडल अधिकारी डॉ। आरएन गिरि ने बताया कि पुरुष नसबंदी कराने के तुरंत बाद ही नियमित काम कर सकता है, जबकि महिला दो दिन बाद दैनिक कार्य शुरू कर सकती है। पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए सरकार की तरफ से तीन हजार रुपए मिलते हैं, जबकि महिलाओं को दो हजार दिए जाते हैं।

अवेयरनेस की जरूरत
नसबंदी उन व्यक्तियों के लिए है जिन्हें और बच्चे नहीं चाहिए। पुरुष नसबंदी बिना चीरा और बिना टांके के 10-20 मिनट में पूरी की जाती है। नसबंदी के बाद पुरुष उसी दिन घर जा सकते हैं। पुरुष नसबंदी तीन महीने के बाद ही प्रभावी होती है। वहीं पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों को अवेयर करने की भी जरूरत है।

पुरुष नसबंदी
-पुरुष नसबंदी के दो दिन बाद सामान्य कार्य शुरू कर सकते हैं
-तीन दिन बाद यौन संबंध बना सकते हैं
-सात दिन बाद आप साइकिल चला सकते हैं

महिला नसबंदी
-महिला नसबंदी उन महिलाओं के लिए है जिन्हें और बच्चे नहीं चाहिए। मिनी लैपटॉप व दूरबीन दोनों विधियों की प्रक्रिया में 30 मिनट लगते हैं
-महिला नसबंदी माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर करवा सकती हैं। अगर रक्तस्त्राव हो रहा हो तब।
-नसबंदी प्रसव के सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है
-महिला नसबंदी ऑपरेशन से हुई डिलीवरी के समय भी करवा सकती हैं और गर्भपात के समय भी
-महिला नसबंदी कराने के दो दिन बाद से दैनिक कार्य कर सकती हैं