बरेली (ब्यूरो)। गजब! जिस विााग की जिमेदारी उसे ये ही नहीं पता कि 15 फायर हाइड्रेंट शहर में कहां गुम हो गए। यदि देाा जाए तो इससे बड़ी और ाी लापरवाही क्या होगी। क्योंकि जिमेदार अपना पल्ला झाड़ते हुए नगर निगम और पीडल्यूडी के अधिकारियों के सिर पर फायर हाइड्रेंट गायब होने का ठीकरा फोड़ रहे हैं। कहते हैं कि नगर निगम और पीडल्यूडी की ओर से सडक़ निर्माण के दौरान लापरवाही बरतते हुए फायर हाइड्रेंट दबा दिए गए। अब कहां तलाशें। हमें पता नहीं 15 हाइड्रेंट कहां लापता हो गए हैं।

मात्र 19 हाइड्रेंट क्रियाशील
पूरे नगर क्षेत्र में फायर डिपार्टमेंट के 64 फायर हाइड्रेंट थे। जिनमें से 15 हाइड्रेंट शहर की सडक़ों में गुम हो गए। विाागीय अधिकारियों को ये तक मालूम नहीं कि ये 15 फायर हाइड्रेंट किस जगह पर थे। फिलहाल शहर में 49 फायर हाइड्रेंट हैं। उसमें से मात्र 19 ही क्रियाशील हैं। जबकि 30 फायर हाइड्रेंट आी ाी अक्रियाशील हैं। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि अक्रियाशील फायर हाइड्रेंटों के स्थानों के बारे में तो पूरी जानकारी है, लेकिन नगर निगम और पीडल्यूडी के द्वारा सडक़ों के निर्माण के लिए दब गए हैं। इस कारण से ये अक्रियाशील हैं।

नगर निगम की लापरवाही
एसएफओ संजीव कुमार यादव ने बताया कि शहर में गुम और अक्रियाशील फायर हाइड्रेंट नगर निगम और पीडल्यूडी की लापरवाही का नतीजा हैं। क्योंकि जब नगर निगम और पीडल्यूडी के कर्मचारी शहर की सडक़ों का निर्माण करते हैं तो फायर हाइड्रेंटों को सडक़ों के नीचे दबा देते हैं। ऐसा नहीं है कि गुम हुए फायर हाइड्रेंटों को फायर डिपार्टमेंट की ओर से तलाशा नहीं गया हो, लेकिन एक्जेक्ट लोकेशन की जानकारी न होने के चलते इनका पता नहीं चल पा रहा है।

बोले अधिकारी
नगर क्षेत्र में 64 फायर हाइड्रेंट थे। नगर निगम और पीडल्यूडी के द्वारा सडक़ निर्माण के दौरान 15 हाइड्रेंट दबकर गुम हो गए। फिलहाल शहर में 49 फायर हाइड्रेंट हैं। इसमें से मात्र 19 फायर हाइड्रेंट ही क्रियाशील हैं। जबकि 30 फायर हाइड्रेंट किस जगह पर हैं ये तो जानकारी है लेकिन सडक़ों के नीचे दबे होने के कारण अक्रियाशील पड़े हुए हैं।
संजीव कुमार यादव, एफएसओ