आई एक्सक्लूसिव

फ्लैग- 14 महीनों में 98 जेंट्स तो 47 लेडीज ने किया सुसाइड

यह भी जानें

-1 जनवरी से 28 फरवरी तक के केस

-411 लोगों ने बरेली रेंज तो किया सुसाइड

-145 लोगों ने डिस्ट्रिक्ट में लगाया मौत को गले

-डिप्रेशन के चलते ज्यादातर लोगों ने किया सुसाइड

- किसी ने फांसी तो किसी ने ट्रेन के आगे कूदकर की खुदकुशी

हाल ही हुई कुछ घटनाएं

केस-2: दुकान को लेकर डिपे्रशन, फिर किया सुसाइड

संडे को ही बिथरी चैनपुर क्षेत्र के रहने वाले इंद्रपाल ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। उनकी जेब से सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उन्होंने अपनी किराए की दुकान के मालिक को उनकी मौत का जिम्मेदार बताया था। पत्नी ने बताया कि दुकान मालिक इंद्रपाल पर किराया बढ़ाने को कहता था। ऐसा न करने पर दुकान खाली करने का दवाब बनाता था।

केस-3: पत्नी नहीं लौटी तो किया सुसाइड

जनवरी में बारादरी क्षेत्र के पुराना शहर निवासी मनोज ने करीब दो महीने पहले दिन के वक्त घर में ही सुसाइड कर लिया था। उसकी शादी के कुछ समय बाद ही पत्नी झगड़े के बाद बदायूं स्थित अपने मायके लौट गई थी। वहां मनोज उसे बुलाने पहुंचा तो उसके साथ मारपीट की गई थी। इसके बाद वह अवसाद ग्रस्त हो गया था। इसके चलते उसने अपने घर के ऊपर वाले कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी थी।

बरेली: बेटियों के हैरसमेंट के बारे में हम सुनते रहते हैं और उन्हें हैरस करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बातें भी करते हैं लेकिन क्या आपको पता है बरेली एक ऐसा डिस्ट्रिक्ट है, जहां बेटियों से बेटों का हैरसमेंट होता है। यह बात नहीं बल्कि बरेली रेंज ऑफिस के आईजी राजेश कुमार पांडेय के पेशकर इंस्पेक्टर डीसी शर्मा से मिले आंकड़े बता रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी से 28 फरवरी के बीच जहां 98 जेंट्स ने सुसाइड किया तो वहीं 47 लेडीज ने मौत को गले लगाया। इनमें ज्यादातर लोगों ने डिप्रेशन के चलते सुसाइड कियौ। वहीं हैरानी की बात है रेंज में हर दिन तीन लोग सुसाइड कर रहे हैं जोकि चिंता की बात है।

106 ने लगाया फंदा तो 19 ने चुने हथियार

रेंज ऑफिस में मिले पिछले 14 महीनों के आकड़ों के मुताबिक बरेली जिले में इस अंतराल के बीच 106 लोगों ने फंदे को अपना आखिरी साथ चुनकर जीवन का साथ छोड़ दिया। इसके अलावा छह लोगों ने आग लगाकर, आठ लोगों ने ट्रेन के आगे कूदकर, छह लोगों ने नदी में कूदकर और 19 लोगों ने तमंचा व अन्य हथियारों की मदद से खुद की जान ले ली। शाहजहांपुर में फंदे लगाने के साथ ही आग लगाकर सुसाइड करने के मामले सबसे अधिक हैं।

117 बालिग तो 28 नाबालिग

पिछले साल एक जनवरी से लेकर इस साल 28 फरवरी तक बरेली रेंज में 411 सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें बरेली जिले के 145 मामले हैं, जिनमें 117 बालिग तो 28 सुसाइड करने वाले नाबालिग हैं। बरेली जिले में सुसाइड करने वालों में 76 पुरुण, 22 नाबालिग लड़के, 41 स्त्रियां और 6 किशोरियां शामिल हैं।

85 लोगों ने दिन में तो 60 ने रात में किया सुसाइड

पिछले 14 महीनों के सुसाइड की घटनाओं के आंकड़ों के मुताबिक बरेली जिले में 85 लोगों ने दिन में आत्मघाती कदम उठाया था, तो वहीं 60 लोगों ने रात के वक्त मौत को गले लगा लिया। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि सुसाइड करने से पहले मन में कई सवाल आते हैं। ऐसे में दूसरों की नजरों से बचने के लिए लोग अक्सर रात के वक्त ऐसे कदम उठाते हैं। वहीं अकेले रहने वाले लोग दिन में भी सुसाइड को अंजाम दे देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा रात के वक्त सुसाइड करने के 70 मामले सामने आए हैं।

बरेली-शाहजहांपुर में ज्यादा घटनाएं

बरेली रेंज में सुसाइड के सबसे ज्यादा मामले बरेली और शाहजहांपुर जिलों में दर्ज हुई हैं। इनमें बरेली और शाहजहांपुर में 145 व बदायूं में 108 घटनाएं दर्ज हुई हैं। वहीं इन तीनों जिलों के मुकाबले पीलीभीत की आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पिछले 14 महीनों में पीलीभीत में महज 13 लोगों ने सुसाइड किया। इनमें पांच पुरुष, तीन नाबालिग लड़के, चार स्त्रियां और एक किशोरी शामिल है।

पारिवारिक विवाद बड़ा कारण

सुसाइड के मामलों में अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं परिस्थितियां सामान्य ना होती देख मौत के फंदे पर झूल जाती हैं। सुसाइड के सामने आए मामलों में पारिवारिक विवाद एक बड़ा कारण है। इसके साथ ही व्यापार व कारोबार में नुकसान, प्रेम प्रसंग, मानसिक तनाव व उन्माद समेत अन्य कारणों से भी लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं। पुलिस व मनोवैज्ञानिक लगातार शोध व काउंसलिंग कर इन घटनाओं में कमी लाने की कोशिश भी कर रहे हैं।

- पिछले कुछ ही महीनों में सुसाइड के इतने मामले सामने आना चौंकाने वाला है। पुलिस लगातार शिकायतें मिलने पर लोगों की काउंसलिंग कर उनकी मानसिक स्थिति सामन्य करने की कोशिश करती है। अन्यथा स्थिति में डॉक्टरों से परामर्श लिया जाता है।

- राजेश कुमार पांडेय, आईजी