-एबीवीपी ने ईडब्ल्यूएस में बगैर मेरिट एडमिशन कर फर्जीवाड़ा करने का लगाया आरोप

-तीन घंटा तक प्राचार्य रूम में किया घेराव, ईडब्ल्यूएस के सर्टिफिकेट की जांच कराने की रखी मांग

बरेली: बरेली कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने वेडनसडे को प्राचार्य का घेराव किया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि बरेली कॉलेज में ईडब्ल्यूएस के जो एडमिशन हुए हैं उसमें फर्जी तरीके से एडमिशन किए गए है। अगर बरेली कॉलेज को एडमिशन ईडब्ल्यूएस के तहत करने थे तो उसके लिए बाकायदा मेरिट लिस्ट जारी करनी थी। एबीवीपी ने ईडब्ल्यूएस में हुए कुछ कैंडिडेट्स के नाम देकर उनके सर्टिफिकेट के जांच कराए जाने की मांग भी की है। हालांकि इस मामले में बरेली कॉलेज प्राचार्य का कहना था कि कॉलेज में सभी एडमिशन नियम के तहत ही हुए हैं, आरोप लगाना गलत है।

संदेह के घेरे में बताई प्रवेश प्रक्रिया

बरेली कॉलेज में दोपहर करीब 11:30 बजे पहुंचे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य का घेराव किया। इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि बरेली कॉलेज में ईडब्ल्यूएस के जो एडमिशन हुए हैं उसमें फर्जी एडमिशन हुए हैं। इस पर प्राचार्य ने फर्जी एडमिशन कैंडिडेट्स के नाम मांगे तो एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने दो कैंडिडेट्स के नाम दिए। जिस पर प्राचार्य ने तुरंत दोनों एडमिशन में लगाए गए सर्टिफिकेट कार्यकर्ताओं को भी दिखाए। इसके बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि इसकी तहसीलदार से जांच कराई जाए। इस पर प्राचार्य ने सर्टिफिकेट की तहसीलदार से भी जांच कराने की बात कही। इसके बाद घेराव करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने ईडब्ल्यूएस में हुए एडमिशन को लेकर मेरिट जारी करने की बात कही। हालांकि इस बारे में बरेली कॉलेज मुख्य प्रवेश समन्वयक डॉ। राजीव मेहरोत्रा का कहना था कि बरेली कॉलेज में कुल 4480 सीटे हैं इसमें 480 सीटों पर ईब्ल्यूएस के लिए एडमिशन होने थे। लेकिन 130 ही कैंडिडेट्स ने आवेदन किए। अब ऐसे में सीटों के सापेक्ष जब आवेदन कम आए तो मेरिट जारी नहीं की। ऐसे में उन सभी कैंडिडेट्स को एडमिशन का मौका दिया जिसके पास सर्टिफिकेट सही पाए गए। उन्होंने बताया कि बरेली कॉलेज में जो भी एडमिशन हुए हैं वह पूरी तरह से सही हुए हैं। कोई भी एडमिशन फर्जी तरीके से नहीं किया गया है। प्राचार्य का घेराव करने वालों में महानगर मंत्री गौरव यादव, योगेश पंडित, मनोज यादव, कमल गुप्ता, पवन राजपूत, अनिकेत शर्मा, अंकित यादव, हर्ष अग्रवाल, भानु चंद्रा, श्रेयांश बाजपेई, शिवांशु अवस्थी, पीके मिश्रा और राजन सक्सेना आदि कार्यकर्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहे।