-विश्वविद्यालय प्रशासन ने चेनल गेट बंद करवाया, बाहर छात्र करते रहे विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी

बरेली : एमजेपीआरयू में एबीवीपी ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर परीक्षा नियंत्रक का घेराव किया। चार घंटे की नारेबाजी में विवि प्रशासन ने प्रशासकीय भवन का चेनल गेट बंद करवा दिया। गार्ड सुरक्षा के लिए बुला लिए गए। छात्रों ने जोरदार हंगामा करते हुए परिसर में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वीसी, परीक्षा नियंत्रक समेत प्रशासकीय अधिकारियों के साथ छात्रों की सहमति बनने और परीक्षा प्रारूप जारी होने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन रोक दिया।

सुरक्षा के लिए बुलाए गार्ड

एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री गौरव यादव के नेतृत्व में रुहेलखंड विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक का घेराव किया। 28 तारीख को दिए गए ज्ञापन पर जवाब मांगा। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि मैंने आज ही ज्वाइ¨नग ली है। मुझे थोड़ा समय दें। इसके बाद सभी विद्यार्थियों ने कुलपति प्रो। केपी सिंह से मुलाकात करने के लिए नारेबाजी की। कुलपति ने बाहर आकर सभी की बात सुनी। छात्रहित में फैसला लेने को कहते हुए चले गए। ठीक जवाब नहीं मिलने पर विद्यार्थी वही डटे रहे। बाद में कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों का दस लोगों का प्रतिनिधि मंडल अंदर कुलपति मी¨टग हाल में मिलने गया। वहां परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव, उपकुलसचिव, चीफ प्राक्टर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि समय कम होने की वजह से पेपर में बदलाव करना आसान नही होगा। विश्वविद्यालय के लिए समस्या आएगी। परंतु किसी भी विद्यार्थी का कोई अहित नही होगा। इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। माडल पेपर जारी कर दिया गया है। सभी विद्यार्थी इसको समझकर अपनी परीक्षा की तैयारी करें। प्रैक्टिकल पर बहुत जल्द निर्देश जारी कर दिया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में दीक्षा कुशवाहा, योगेश पंडित, हर्ष अग्रवाल, रवि प्रताप सिंह, अमन सिंह, विवेक गुर्जर, अपूर्वा, अंजलि, मांडवी यादव, प्रज्ञा, तनेजा, प्रशांत दे आदि कार्यकर्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

छात्रों की ये थी चार मांगे

- जिस विषय की परीक्षा पिछले वर्ष हो चुकी हैं उनको दोबारा न कराकर जिस विषय की परीक्षा बची हैं उनको कराया जाए।

- परीक्षाओं का माडल पेपर जारी किया जाए। ताकि छात्रों को परीक्षा का प्रारुप समझने आसानी हो।

- प्रैक्टिक की स्थिति स्पष्ट की जाए कि ये कब और किस प्रकार होंगे।

- परीक्षा आयोजित होने से पहले परीक्षा केंद्रों को सैनिटाइज कराया जाए ताकि परीक्षार्थी संक्रमण से बचे रहें।

तीन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। साथ ही दोबारा परीक्षा नहीं कराने की मांग पर इसमें परीक्षार्थी को सिर्फ एक प्रश्न ही करना होगा। जो उनके हित में होगा।

- अशोक कुमार अर¨वद, परीक्षा नियंत्रक