- शहर में जगह-जगह पेड़ों पर कील ठोककर लगे हुए हैं एड
-निगम और वन विभाग की अनदेखी से पेड़ों की लाइफ से हो रहा खिलवाड़
बरेली: शहर में सड़क किनारे लगे पेड़ों में अवैध तरीके से होर्डिंग और बैनर लगाकर पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन प्रशासन एक तरफ तो पब्लिक को हरियाली बचाने के लिए बचाने कर रही है तो वहीं दूसरी पेड़ों पर कील ठोंककर और तारों से बांधकर लगाए गए विज्ञापनों की अनदेखी कर रही है। शहर के सिविल लाइन्स, रामपुर गार्डन, विकास भवन, गांधी उद्यान और बरेली क्लब आदि मोहल्लों में पेड़ों पर बैनर और होर्डिग लगे हैं। इसकी वजह से न सिर्फ पेड़ों की बल्कि लोगों की लाइफ भी नुकसान पहुंच रहा है। वहीं एक्सपर्ट के मुताबिक पेड़ों पर कीलें ठोकने और उन पर लाइट वगैरह लगाने से उन्हें कई तरह के रोग हो सकते हैं। साथ ही इससे उनके बढ़ने पर भी असर पड़ता है। इससे भले ही पेड़ बाहर से सेहतमंद दिखें, लेकिन अंदर से खोखले होते जाते हैं। पेड़ों पर लाइट लगाने से उनकी फोटोसिंथेसिस प्रक्रिया रात को होने लग जाती है। उनकी प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा इन लाइट और होर्डिंग से वाहन चालकों को परेशानी होती है।
सस्ते है पर नुकसान महंगा
पेड़ों पर एड लगाने वाली प्राइवेट संस्थान जैसे-कोचिंग सेंटर, जॉब प्लेसमेंट कंपनियां, इंग्लिश स्पीकिंग सेंटर, नशा मुक्त केंद्र आदि सस्ते के चक्कर में पेड़ों पर एड लगाने का ठेका प्राइवेट ठेकेदारों को दे देते हैं। क्योंकि इसके लिए उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होता है। बस प्राइवेट ठेकेदारों को एड लगाने के लिए 100-150 रुपए प्रति सैकड़े के हिसाब से देना पड़ता है। यह प्राइवेट ठेकेदार रात के अंधेरे में चोरी छिपके होर्डिंग और बैनर पेड़ों, दीवारों, खंबों और गेट पर लगा जाते हैं। इससे पेड़ों की सुंदरता के साथ ही उनकी लाइफ को भी नुकसान पहुंचता है, लेकिन जिम्मेदारों ध्यान न देने से खूब नियमों की अनदेखी की जा रही है।
पेड़ काटने में भी पीछे नहीं
एड के बैनर और होर्डिग लगाने वाले प्राइवेट ठेकेदार एड दिखाने के लिए पेड़ों की डाल काटने में भी नहीं झिझकते हैं। पेड़ों पर लगा एड आने-जाने वाले लोगों को साफ-साफ दिखे, इसके लिए वे पेड़ तक काट देते हैं। वहीं हाईवे के चौड़ीकरण के नाम पर एनएचआई भी पेड़ों को काटने से नहीं चूकता है।
यह होता है नुकसान
-पेड़ों पर कील लगाने से उसके जायलम को नुकसान पहुंचता है।
-गहरी कीले ठोकने से फ्लोयम पर भी असर होता है।
-छोटे पेड़ों की नेचुरल ग्रोथ रुक जाती है।
-कील ठोकने पर पेड़ों में फंगस का खतरा बढ़ जाता है
-तार और कीलों की वजह से सही पोषण नहीं मिल पाता है।
- पेड़ समय से पहले से सूख जाते हैं।
वर्जन
पब्लिक से अपील है कि जब पेड़ों पर किसी दुकान को होर्डिग लगा देखें तो फौरन होर्डिग्स में मौजूद नंबर पर कॉल कर उन्हें ऐसा करने से रोके ।
अंजय अग्रवाल, एनजीओ ओनर
प्राइवेट कंपनी हरियाली के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पेड़ पौधों का इस्तेमाल प्रचार के लिए करना गलत है। सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए।
यास्मीन जहां, एनजीओ ओनर
नगर निगम की अनुमति के बगैर शहर में कहीं भी किसी तरह की प्रचार सामग्री नहीं लगाई जा सकती है। बिना परमीशन के प्रचार करने वालों के खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई हो सकती है।
ईश शक्ति सिंह, अपर नगर आयुक्त
वर्जन
समय-समय पर विभाग शहर का सर्वे का पेड़ों से विज्ञापन हटाता है। इसके साथ ही विभाग संस्थाओं को नोटिस जारी करता है। फिर विभाग लोगों के पर्यावरण के लिए जागरूक करता है।
भारत लाल, डीएफओ