-पंजाब से बिहार में की जा रही शराब की तस्करी

-बिहार बार्डर से पंजाब में की जा रही ड्रग तस्करी

बरेली- मुंबई में एक्टर सुशांत डेथ केस अब बॉलीवुड में ड्रग सप्लाई की ओर मुड़ गया है। नशे का नेटवर्क सिर्फ मुंबई तक ही सीमित नहीं है। पंजाब और बिहार में भी इसका बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है। बिहार में शराब बंदी की वजह से पंजाब व हरियाणा से अवैध शराब की तस्करी की जा रही है तो नेपाल से बिहार बार्डर होते ड्रग्स की तस्करी पंजाब, हरियाणा व दिल्ली एनसीआर में की जा रही है। सबसे खास बात है कि शराब और तस्करी का रास्ता बरेली से होकर ही जा रहा है। कई बार शराब और ड्रग तस्करी बड़े स्तर पर बरेली में पकड़ी भी गई है लेकिन ज्यादातर बार कोई पकड़ा ही नहीं जाता है।

बिहार में शराब की डिमांड

बिहार में कई साल से शराब की बिक्री पूरी तरह से बैन है। जिसकी वजह से यहां पर अवैध शराब की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। यहां पर शराब की सप्लाई पंजाब और हरियाणा से की जा रही है। बरेली की अलग-अलग थानों की पुलिस ने बड़ा बाईपास पर कई बार बड़ी मात्रा में अवैध शराब पकड़ी गई है। पिछले एक सप्ताह में फतेहगंज पश्चिमी और सीबीगंज पुलिस ने 10 लाख की अवैध शराब पकड़ी है। इससे पहले बिथरी चैनपुर, इज्जतनगर और फतेहगंज पश्चिमी थाना की पुलिस पहले भी बड़ी मात्रा में बिहार सप्लाई के लिए जा रही अवैध शराब पकड़ चुकी हैं।

इस तरह छिपाते माल

पुलिस की नजरों से शराब को बचाने के लिए ट्रक या टैंकर में कोई अन्य सामान भरकर ले जाया जाता है। 30 अगस्त केा सीबीगंज पुलिस ने पंजाब से बिहार सप्लाई के लिए जा रही 50 पेटी अवैध शराब को पकड़ा। इस शराब को ट्रक में प्लास्टिक के कबाड़ के नीचे छिपाया गया था। इसी तरह से 26 अगस्त की रात में फतेहगंज पुलिस ने 110 पेटी अवैध शराब को पकड़ा था। यह शराब भी पंजाब से बिहार जा रही थी। इस ट्रक में शराब की पेटियों को मधुमक्खी पालन में इस्तेमाल होने वाली पेटियों के नीचे छिपाया गया था। इस तर

बिहार से ड्रग तस्करी

वहीं शराब के अलावा ड्रग्स की बात करें तो इसकी सप्लाई नेपाल, झारखंड और बिहार से पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर में की जा रही है। कई साल पहले झारखंड से ड्रग की सप्लाई हो रही थी लेकिन अब नेपाल से बिहार होते हुए ड्रग की सप्लाई हो रही है। अब नेपाल में खेती भी होनी शुरू हो गई है। 19 अगस्त को बड़ा र्बाइपास फतेहगंज पश्चिमी में नेपाल से बिहार बार्डर से पंजाब भेजी जा रही 64 लाख की ड्रग एसटीएफ ने पकड़ी थी, जिसमें 5 किलो अफीम और 14 किलो चरस थी। ड्रग तस्करों ने बताया था कि वह इससे पहले 4 बार माल ले जा चुके थे लेकिन पकड़े नहीं गए थे। इससे पहले भी कई बार भारी मात्रा में ड्रग पकड़ी जा चुकी है।

केविटी बनाकर ड्रग्स छिपाते

बरेली में कई बार ड्रग तस्करी पकड़ी गई तो सामने आया कि ड्रग्स को वाहनों में केविटी बनाकर छिपाया जाता है ताकि किसी को शक न हो। कभी कार की सीट में केविटी बनायी जाती है तो कभी कार की छत में बनायी जाती है। इसी तरह से ट्रक की छत में केविटी बनाई जाती है। इसके अलावा बरेली में भी ड्रग तस्करी का बड़ा अड्डा फरीदपुर है। इसके अलावा आए दिन झारखंड से तस्कर ड्रग की सप्लाई बरेली में करने आते हैं। बरेली से उत्तराखंड में भी ड्रग की सप्लाई की जाती है।

एक्शन भी हुआ ज्यादा

ड्रग और अवैध शराब की तस्करी पर इस वर्ष पुलिस ने लॉकडाउन के बावजूद भी अधिक एक्शन लिया है। जहां आबकारी अधिनियम के तहत 12.43 परसेंट अधिक कार्रवाई की गई तो एनडीपीएस एक्ट के तहत 70 परसेंट अधिक एक्शन लिया गया है। बरेली डिस्ट्रिक्ट हो या फिर बरेली रेंज व जोन सभी जगह अधिक से अधिक कार्रवाई की गई है। एनडीपीएस एक्ट की बात करें तो बरेली रेंज में सबसे ज्यादा कार्रवाई बरेली जिले में 245 मामलों में की तो सबसे कम शाहजहांपुर ने सिर्फ 59 मामलों की। इसी तरह से आबकारी अधिनियम में भी सबसे ज्यादा एक्शन शाहजाहपुर पुलिस ने 3097 मामलों में लिया और सबसे कम एक्शन पीलीभीत ने 721 मामलों में किया।

आबकारी अधिनियम के तहत एक्शन

2020 2019 2018

बरेली डिस्ट्रिक्ट 1133 994 589

बरेली रेंज 5748 4780 3376

बरेली जोन 8956 7966 5124

एनडीपीएस एक्ट के तहत एक्शन

2020 2019 2018

बरेली डिस्ट्रिक्ट 458 145 121

बरेली रेंज 458 280 288

बरेली जोन 991 584 479